दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को ‘संधि’ कहते है। संधि में मूल पदों को पृथक करना ‘संधि-विच्छेद’ कहलाता है। इस मिलावट को समझकर वर्णों को अलग करते हुए पदों को अलग-अलग करना ही ‘संधि-विच्छेद’ है।
संधि विच्छेद के उदाहरण
संधि विच्छेद के उदाहरण निम्नलिखित है:-
अ + अ = आ
संधि विच्छेद
संधि
धर्म + अर्थ
धर्मार्थ
स्वर + अर्थी
स्वार्थी
परम + अर्थ
परमार्थ
परम + अणु
परमाणु
वेद + अंत
वेदांत
दीप + अवली
दीपावली
पीत + अंबर
पितांबर
शरण + अर्थी
शरणार्थी
राम + अवतार
रामावतार
कुसुम + अवली
कुसुमावली
शास्त्र + अर्थ
शास्त्रार्थ
स्व + अर्थ
स्वार्थ
वीर + अंगना
वीरांगना
अ + आ = आ
संधि विच्छेद
संधि
हिम + आलय
हिमालय
देव + आलय
देवालय
आत्मा + आहुति
आत्माहुति
धर्म + आत्मा
धर्मात्मा
सत्य + आग्रह
सत्याग्रह
वात + आवरण
वातावरण
शिव + आलय
शिवालय
शरण + आगत
शरणागत
देव + आगमन
देवागमन
आ + अ = आ
संधि विच्छेद
संधि
विद्या + अर्थी
विद्यार्थी
सीमा + अंकित
सीमांकित
रेखा + अंकित
रेखांकित
यथा + अवकाश
यथावकाश
विद्या + अभ्यास
विद्याभ्यास
परीक्षा + अर्थी
परीक्षार्थी
दिशा + अंतर
देशांतर
इ + इ = ई
संधि विच्छेद
संधि
रवि + इंद्र
रवीन्द्र
कवि + इंद्र
कवीन्द्र
अभि + इष्ट
अभीष्ट
मुनि + इंद्र
मुनींद्र
कपि + इंद्र
कपींद्र
इ + ई = ई
संधि विच्छेद
संधि
गिरी + ईश
गिरीश
आधी + ईश
अधीश
कपी + ईश
कपीश
कवी + ईश
कवीश
मुनी + ईश
मुनीश
परी + ईक्षा
परीक्षा
हरी + ईश
हरीश
ई + इ = ई
संधि विच्छेद
संधि
मही + इंद्र
महेंद्र
नारी + इंद्र
नरेंद्र
नारी + हिंदू
नारीन्दु
शची + इंद्र
सचिंद्र
नारी + इच्छा
नारीकछा
योगी + इंद्र
योगेंद्र
लक्ष्मी + इच्छा
लक्ष्मीच्छा
ई + ई = ई
संधि विच्छेद
संधि
नदी + ईश
नदीश
मही + ईश
महेश
रजनी + ईश
रजनीश
नारी + ईश्वर
नारेश्वर
सती + ईश
सतीश
जानकी + ईश
जानकीश
योगी + ईश्वर
योगेश्वर
उ + उ = ऊ
संधि विच्छेद
संधि
भानु + उदय
भानूदय
विधु + उदय
विधूदय
गुरु + उपदेश
गुरुपदेश
साधु + उपकार
साधूपकार
बहु + उद्देश्य
बहुउद्देशीय
सु + उक्ति
सूक्ति
लघु + उत्तर
लघुतर
उ + ऊ = ऊ
संधि विच्छेद
संधि
लघु + उर्मि
लघुर्मि
सिंधु + उर्मि
सिंधूर्मि
ऊ + उ = ऊ
संधि विच्छेद
संधि
भू + उद्धार
भूद्धार
वधू + उपकार
वधुपकार
भू + उत्सर्ग
भूत्सर्ग
वधू + उत्सव
वधुत्सव
वधू + उल्लेख
वधुल्लेख
ऊ + ऊ = ऊ
संधि विच्छेद
संधि
मधु + उर्मि
मधूर्मि
वधु + उर्मि
वधूर्मि
वधू + ऊर्जा
वधूर्जा
सरयू + उर्मि
सरयुर्मि
भू + ऊष्मा
भूषमा
भू + ऊर्जा
भुर्जा
अ + इ, ई = ए
संधि विच्छेद
संधि
देव + इंद्र
देवेंद्र
सूर + इंद्र
सुरेंद्र
वीर + इंद्र
वीरेंद्र
गज + इंद्र
गजेंद्र
सोम + ईश
सोमेश
भारत + इंदु
भारतेंदु
नर + ईश
नरेश
परम + ईश्वर
परमेश्वर
गण + ईश
गणेश
स्व + इच्छा
स्वेच्छा
आ + इ, ई = ए
संधि विच्छेद
संधि
महा + इंद्र
महेंद्र
रमा + इंद्र
रविंद्र
राजा + इंद्र
राजेंद्र
महा + ईश
महेश
रमा + ईश
रमेश
राजा + ईश
राजेश
यथा + इष्ट
यथेष्ट
अ + उ, ऊ = ओ
संधि विच्छेद
संधि
सूर्य + उदय
सूर्योदय
पूर्व + उदय
पूर्वोदय
पूर्व + उत्तर
पूर्वोत्तर
पश्चिम + उत्तर
पश्चिमोत्तर
सागर + उर्मि
सागरोउर्मि
वीर + उचित
वीरोचित
नव + उदय
नवोदय
सर्व + उदय
सर्वोदय
नव + ऊढा
नवोढा
ज्ञान + उपदेश
ज्ञानोपदेश
आ + उ, ऊ = ओ
संधि विच्छेद
संधि
महा + उत्सव
महोत्सव
गंगा + उर्मि
गंगोर्मि
महा + उदधि
महोदधि
महा + उष्ण
महोषण
शीत + उष्ण
शीतोष्ण
महा + ऊष्मा
महोष्म
गंगा + उदक
गंगोदक
आत्मा + उत्सर्ग
आत्मोत्सर्ग
यथा + उचित
यथोचित
अ, आ + ऋ = अर
संधि विच्छेद
संधि
ब्रह्मा + ऋषि
ब्रह्मऋषि
महा + ऋषि
महर्षि
राजा + ऋषि
राजर्षि
सप्त + ऋषि
सप्तर्षि
देव + ऋषि
देवर्षि
अति + अधिक
अत्यधिक
अति + अंत
अत्यंत
सत्य + आनंद
सत्यानंद
इति + आदि
इत्यादि
वि + आप्त
व्याप्त
वि + आकुल
व्याकुल
अति + आचार
अत्याचार
उ, ऊ + अन्यस्वर = व
संधि विच्छेद
संधि
अनु + अय
अन्वय
गुरु + अर्पण
गुर्वर्पण
मनु + अंतर
मन्वंतर
मधु + आलय
माध्वालय
मधु + अरि
मध्वरी
अनु + एषण
अन्वेषण
वधू + आगमन
वध्वागमन
अनु + इति
अन्विति
गुरु + आकृति
गुर्वाकृति
गुरु + आदेश
गुर्वादेश
ऋ + अन्यस्वर
र
मातृ + आनंद
मत्रानन्द
पितृ + आदेश
पित्रादेश
पितृ + अनुमति
पित्रनुमति
भ्रातृ + आज्ञा
भ्रात्राज्ञा
मातृ + आज्ञा
मात्राज्ञा
पितृ + आज्ञा
पित्राज्ञा
पितृ + उपदेश
पित्रुपदेश
अ, आ + ए, ऐ = ऐ
संधि विच्छेद
संधि
नव + ऐश्वर्य
नवैश्वर्य
सदा + एव
सदैव
मत + ऐक्य
मतैक्य
एक + एक
एकैक
यथा + एव
यथैव
लोक + एषणा
लोकैषणा
अ, आ + ओ, औ = औ
संधि विच्छेद
संधि
महा + औदार्य
महौदर्य
वन + औषध
वनौषध
परम + ओज
परमौज
महा + औषध
महौषध
महा + ओज
महौज
ए + अन्यस्वर
अय
ने + अन
नयन
शे + अन
शयन
चे + अन
चयन
ऐ + अन्यस्वर
अय
गे + अक
गायक
गे + अन
गायन
ने + अक
नायक
कै + इक
कायिक
ओ + अन्यस्वर
अव्
पो + अन
पवन
भो + अन
भवन
गो + ईश
गवीश
पो + इत्र
पवित्र
औ + अन्यस्वर
आव्
पौ + अन
पावन
पौ + अक
पावक
नौ + इक
नाविक
भौ + उक
भावुक
भौ + अन
भावन
‘क’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
कल्प + अन्त
कल्पान्त
क्रोध + अग्नि
क्रोधाग्नि
किम् + नर
कित्रर
कंठ + ओष्ठ्य
कंठोष्ठय
कपि + ईश
कपीश
कवि + ईश्वर
कवीश्वर
किम् + वा
किंवा
कूप + उदक
कूपोदक
कुश + आसन
कुशासन
कुठार + आघात
कुठाराघात
क्रोध + अंध
क्रोधान्ध
कौम + ई
कौमी
कीट + अणु
कीटाणु
कूर्म + अवतार
कुर्मावतार
काल + अंतर
कालांतर
किम् + चित
किंचित्
कपिल + ईश्वर
कपलेश्वर
कवि + इन्द्र
कवीन्द्र
कपि + ईश्वर
कपीश्वर
किम् + तु
किन्तु
कुश + अग्र
कुशाग्र
कुसुम + आयुध
कुसुमायुध
कोण + अर्क
कोणार्क
कोष + अध्यक्ष
कोषाध्यक्ष
कृत + अंत
कृतान्त
‘ख’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
खग + आसन
खगासन
खट + मल
खटमल
‘ग’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
गो + ईश
गवीश
गण + ईश
गणेश
गंगा + उदक
गंगोदक
ग्राम + उद्धार
ग्रामोद्धार
गिरि + इन्द्र
गिरीन्द्र
गुब + पचति
गुप्पचति
गुरुत्व + आकर्षण
गुरुत्वाकर्षण
गंगा + ओघ
गंगौघ
गंगा + ऐश्वर्य
गंगैश्वर्य
गै + अन
गायन
गुडाका + ईश
गुडाकेश
गिरि + ईश
गिरीश
गौरव + अन्वित
गौरवान्वित
‘घ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
घड़घड़ + आहट
घड़घड़ाहट
घोड़ा + दौड़
घुड़दौड़
घन + आनंद
घनानंद
‘च’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
चतुर + आनन
चतुरानन
चतुः + भुज
चतुर्भुज
चन्द्र + उदय
चन्द्रोदय
चरण + अमृत
चरणामृत
चतुः + पाद
चतुष्पाद
चे + अन
चयन
चिकित्सा + आलय
चिकित्सालय
चित् + मय
चिन्मय
चतुः + दिक्
चतुर्दिक
चतुः + अंग
चतुरंग
चूड़ा + अंत
चूड़ान्त
चिंता + आक्रान्त
चिन्ताक्रान्त
‘छ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
छिद्र + अनु + एषी
छिद्रान्वेषी
छोटा + पन
छुटपन
छोटा + भैया
छुटभैया
‘ज’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
जगत् + इन्द्र
जगदीन्द्र
जगत् + जय
जगज्जय
जगत् + नियन्ता
जगन्नियन्ता
जगत् + बन्धु
जगद्बन्धु
जनता + ऐक्य
जनतैक्य
जनता + औत्सुक्य
जनतौत्सुक्य
ज्योतिः + मठ
ज्योतिर्मठ
जल + ओघ
जलौघ
जानकी + ईश
जानकीश
जागृत + अवस्था
जागृतावस्था
जाति + अभिमानी
जात्यभिमानी
जीवन + अनुकूल
जीवनानुकूल
जीवन + उपयोगी
जीवनोपयोगी
जीवन + उपार्जन
जीवनोपार्जन
जीविका + अर्थ
जीविकार्थ
जीर्ण + उद्धार
जीर्णोद्धार
जगत्+ईश
जगदीश
जल+ऊर्मि
जलोर्मि
‘झ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
झाड़ + बेड़
झड़बेरी
झंडा + उत्तोलन
झंडोत्तोलन
झगड़ा + आलू
झगड़ालू
‘ट’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
टुकड़ा + तोड़
टुकड़तोड़
टूटी + पूँजी
टुटपूँजिया
‘ठ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
ठाढ़ा + ईश्वरी
ठाढ़ेश्वरी
ठाकुर + सुहाना
ठकुरसुहाती
‘ड’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
डंड + पेलना
डंडपेल
डीठ + औना
डिठौना
‘ढ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
ढँढोरा + इया
ढँढोरिया
ढंक + कौशल
ढकोसला
‘त’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
तथा + एव
तथैव
तपः + वन
तपोवन
तपः + भूमि
तपोभूमि
तिरः + कार
तिरस्कार
तेजः + मय
तेजोमय
तमसा + आवृत
तमसावृत
तत् + रूप
तद्रूप
तत् + हित
तद्धित
तत् + टीका
तट्टीका
तत् + जय
तज्जय
तत् + शरीर
तच्छरीर
तत् + इह
तदिह
तत् + आत्म्य
तदाम्य
तत् + त्व
तत्त्व
तत् + शिव
तच्छिव
तिरः + कृत
तिरस्कृत
तद + तनोति
तत्तनोति
ते + अद्र
तेऽद्र
तस्मिन + आरामे
तस्मिन्नारमे
तत् + उपरान्त
तदुपरान्त
तृष + ना
तृष्णा
तत् + लीन
तल्लीन
तेजः + राशि
तेजोराशि
तथा + अपि
तथापि
तथा + अस्तु
तथास्तु
तेजः + पुंज
तेजोपुंज
तत् + आकार
तदाकार
तत् + रूप
तद्रूप
तेन + अदिष्ट
तेनादिष्ट
तत् + शरण
तच्छरण
तत् + हवि
तद्धवि
तत् + अस्ति
तदस्ति
तत् + मय
तन्मय
तत् + लय
तल्लय
त्वक + इन्द्रिय
त्वगिन्द्रय
ते + अपि
तेऽपि
तृष् + ना
तृष्णा
तेजः + आभास
तेजआभास
‘थ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
थूक + फजीहत
थुक्काफजीहत
थन + ऐला
थनैला
‘द’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
देव + इन्द्र
देवेन्द्र
दाव + अनल
दावानल
दुः + धर्ष
दुर्धर्ष
दुः + दिन
दुर्दिन
देव + ऋषि
देवर्षि
दुः + ग
दुर्ग
दिक् + अम्बर
दिगम्बर
दुः + स्थल
दुःस्थल
देवी + आगम
देव्यागम
दुः + जन
दुर्जन
देह + अंत
देहांत
देव + आलय
देवालय
दुः + परिणाम
दुष्परिणाम
दुः + घटना
दुर्घटना
देश + अभिमान
देशाभिमान
देव + ऐश्वर्य
देवैश्वर्य
दैन्य + अवस्था
दैन्यावस्था
दृष् + टि
दृष्टि
दन्त + ओष्ठ्य
दन्त्योष्ठ्य
दिन + ईश
दिनेश
दिक् + हस्ती
दिग्हस्ती
दुख + आत्मक
दुःखात्मक
दुः + अंत
दुरन्त
दुः + उपयोग
दुरुपयोग
दुः + ख
दुःख
दुः + तर
दुस्तर
दुः + नीति
दुर्नीति
दिक् + गज
दिग्गज
दिक + भ्रम
दिग्भ्रम
दुः + वह
दुर्वह
दुः + नीति
दुनीति
दुः + शासन
दुश्शासन
देव + ईश
देवेश
दुः + तर
दुस्तर
दुः + कर
दुष्कर
दोष + आरोपण
दोषारोपण
देव + ऐश्र्वर्य
देवैश्र्वर्य
देवी + अंग
दैव्यंग
दुः + बलता
दुर्बलता
देश + अंतर
देशान्तर
देश + अनुराग
देशानुराग
देवी + इच्छा
देवीच्छा
दैन्य + आदि
दैन्यादि
दृष्ट + अंत
दृष्टान्त
दिक् + अंत
दिगन्त
दिक् + भाग
दिग्भाग
दुः + लभ
दुर्लभ
दुः + बल
दुर्बल
दुः + साहस
दुस्साहस
दुः + कर्म
दुष्कर्म
दुःख + अंत
दुःखान्त
दुः + निवार
दुर्निवार
‘ध’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
धन + अन्ध
धनान्ध
धनुः + टंकार
धनुष्टंकार
धर्म + उपदेश
धर्मोपदेश
ध्यान + अवस्थित
ध्यानावस्थित
धनुः + धर
धनुर्धर
धनिन + त्व
धनित्व
धर्म + अधिकारी
धर्माधिकारी
‘न’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
नमः + कार
नमस्कार
निः + सन्देह
निस्सन्देह
निः + सहाय
निस्सहाय
निः + कपट
निष्कपट
ने + अन
नयन
निः + अन्तर
निरन्तर
नै + अक
नायक
निः + मल
निर्मल
निः + रव
नीरव
निम्न + अंकित
निम्नांकित
नाग + अधिराज
नागाधिराज
निः + चिन्त
निश्र्चिन्त
निः + विकार
निर्विकार
नदी + अम्बु
नद्यम्बु
निः + सृत
निस्सृत
निः + काम
निष्काम
निः + प्राण
निष्प्राण
निः + फल
निष्फल
नार + अयन
नारायण
निः + चल
निश्र्चल
निः + सिद्ध
निषिद्ध
निः + झर
निर्झर
निः + कारण
निष्कारण
निः + संतान
निस्संतान
नर + इंद्र
नरेंद्र
निः + आहार
निराहार
नव + अंकुर
नवोऽकुंर
न + अस्ति
नास्ति
नष् + त
नष्ट
नयन + अभिराम
नयनाभिराम
निः + पाप
निष्पाप
निः + तार
निस्तांर
निः + मान
निर्माण
निः + तेज
निस्तेज
निः + भीकता
निर्भीकता
निः + औषध
निरौषध
निः + इच्छा
निरिच्छा
निः + छिद्र
निश्छिद्र
निः + अंतर
निरन्तर
निः + रेफ
निरेफ
निः + आधार
निराधार
निगम + आगम
निगमागम
निः + बल
निर्बल
निः + दोष
निर्दोष
निः + नय
निर्णय
निः + द्वन्द्व
निर्द्वन्द्व
निः + चय
निश्चय
निः + विरोध
निर्विरोध
नियम + अनुसार
नियमानुसार
नौ + इक
नाविक
निः + आधार
निराधार
निः + भर
निर्भर
निः + रोग
नीरोग
निः + छल
निश्छल
निः + गुण
निर्गुण
निः + सार
निस्सार
निः + तार
निस्तार
नर + उत्तम
नरोत्तम
नारी + ईश्र्वर
नारीश्र्वर
नदी + उर्मि
नद्यूर्मि
निः + चय
निश्र्चय
निः + उपाय
निरुपाय
नदी + ईश
नदीश
निः + ईक्षण
निरीक्षण
निः + अर्थक
निरर्थक
निः + उद्देश्य
निरुद्देश्य
निः + जल
निर्जल
निः + ऊन
न्यून
निः + ईह
निरीह
निः + विवाद
निर्विवाद
निः + शब्द
निश्शब्द
निः + रव
नीरव
नमः + ते
नमस्ते
निः + आशा
निराशा
नारी + इंदु
नारींदु
नर + ईश
नरेश
नव + उढ़ा
नवोढा
नि + ऊन
न्यून
नदी + अर्पण
नद्यर्पण
निः + पक्ष
निष्पक्ष
निः + धन
निर्धन
निः + दोष
निर्दोष
निः + घोषित
निर्घोषित
निः + अर्थ
निरर्थ
निः + हस्त
निर्हस्त
निः + आशा
निराशा
निः + सिद्ध
निषिद्ध
निः + वासित
निर्वासित
निः + रन्ध्र
निरन्ध्र
निः + अक्षर
निरक्षर
निः + जीव
निर्जीव
निर्बल + आत्मा
निर्बलात्मा
निः + आकार
निराकार
निः + भर
निर्भर
निः + चित
निश्चित
निः + क्रिय
निष्क्रिय
न्यून + अति + न्यून
न्यूनातिन्यून
‘प’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
परम + अर्थ
परमार्थ
परि + नाम
परिणाम
पयः + धि
पयोधि
प्रधान + अध्यापक
प्रधानाध्यापक
परम + ईश्वर
परमेश्वर
प्रति + एक
प्रत्येक
प्रति + अक्ष
प्रत्यक्ष
पुलक + अवलि
पुलकावली
पौ + अक
पावक
पो + अन
पवन
परि + ईक्षा
परीक्षा
परम + ओजस्वी
परमौजस्वी
पो + इत्र
पवित्र
पृष् + थ
पृष्ठ
पृथ्वी + ईश
पृथ्वीश
पम् + चम
पंचम
पितृ + इच्छा
पित्रिच्छा
परि + छेद
परिच्छेद
प्रति + छाया
प्रतिच्छाया
परम + औषध
परमौषध
पितृ + अनुमति
पित्रनुमति
पशु + अधम
पश्र्वधम
पुरः + हित
पुरोहित
पुनर + जन्म
पुनर्जन्म
पच + शाक
पच्छाक
परम + आद्रि
परमाद्रि
परम + अणु
परमाणु
परि + आप्त
पर्यान्त
पयः + मान
पयोमान
पितृ + ऋण
पितृऋण
पितः + रक्ष
पितारक्ष
पुनः + उक्ति
पुनरुक्ति
पुनः + उत्थान
पुनरुत्थान
प्र + हार
प्रहार
प्रति + इत
प्रतीत
प्रजा + अर्थ
प्रजार्थ
प्रति + उपकार
प्रत्युपकार
प्रति + छवि
प्रतिच्छवि
प्र + अर्थना
प्रार्थना
प्राण + ईश्वर
प्राणेश्वर
प्र + उज्ज्वल
प्रोज्ज्वल
पीत + अम्बर
पीताम्बर
प्र + मान
प्रमाण
पुस्तक + आलय
पुस्तकालय
पर + उपकार
परोपकार
पद + उन्नति
पदोन्नति
परम + आवश्यक
परमावश्यक
प्रति + अघात
प्रत्याघात
परम् + तु
परन्तु
पुरुष + उत्तम
पुरुषोत्तम
पुरः + कार
पुरस्कार
पयः + द
पयोद
पितृ + आदेश
पित्रादेश
प्रति + अय
प्रत्यय
प्रातः + काल
प्रातःकाल
पौ + अन
पावन
प्रति + उत्तर
प्रत्युत्तर
पुनः + जन्म
पुनर्जन्म
प्र + अंगण
प्रांगण
प्रथमः + अध्यायः
प्रथमोऽध्यायः
पुरुष + उत्तम
पुरुषोत्तम
पुनः + उक्ति
पुनरुक्ति
प्र + उत्साहन
प्रोत्साहन
परिः + कार
परिष्कार
परम + ऐश्वर्य
परमैश्वर्य
पद + आक्रान्त
पदाक्रान्त
पर + अधीन
पराधीन
परि + छेद
परिच्छेद
पशु + अधम
पश्वधम
पंच + अंग
पंचांग
पितृ + आदि
पित्रादि
पुरः + कृत
पुरस्कृत
पुष् + त
पुष्ट
पुनः + रचना
पुनर्रचना
प्रति + आचरण
प्रत्याचरण
प्रति + आरुयान
प्रत्यारुयान
प्रत्यक्ष + आत्मा
प्रत्यक्षात्मा
प्रति + उत्पन्न
प्रत्युत्पन्न
प्रलयम + कर
प्रलयंकर
प्राणिन + मात्र
प्राणिमात्र
प्र + उत्साह
प्रोत्साह
प्र + उढ़
प्रौढ़
‘फ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
फल + आहारी
फलाहारी
फल + आगम
फलागम
‘ब’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
बलात् + कार
बलात्कार
बहिः + देश
बहिर्देश
बहिः + भाग
बहिर्भाग
बिंब + ओष्ठ्य
बिंबोष्ठय
बृहत् + रथ
बृहद्रथ
ब्रह्म + अस्त्र
ब्रह्मास्त्र
ब्रह्म + आनन्द
ब्रह्मानन्द
ब्रह्म + ऋषि
ब्रह्मर्षि
बहिः + मुख
बहिर्मुख
बहिः + कार
बहिष्कार
‘भ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
भो + अन
भवन
भानु + उदय
भानूदय
भौ + उक
भावुक
भू + ऊष्मा
भूष्मा
भगवत् + गीता
भगवद्गीता
भारत + इन्दु
भारतेन्दु
भाः + कर
भास्कर
भाव + उन्मेष
भावोन्मेष
भू + उर्जित
भूर्जित
भगवत् + भक्ति
भगवद्भक्ति
भोजन + आलय
भोजनालय
भाग्य + उदय
भाग्योदय
भूष् + अन
भूषण
भू + उत्तम
भूत्तम
भर + अन
भरण
भौ + इनी
भाविनी
भाः + पति
भास्पति
भिद् + न
भिन्न
भू + उदार
भूदार
भविष्यत् + वाणी
भविष्यद्वाणी
‘म’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
मुनि + इन्द्र
मुनीन्द्र
मृत् + मय
मृण्मय
महा + ऊर्मि
महोर्मि
महा + ओज
महौज
महा + अर्णव
महार्णव
महा + औषध
महौषध
मृग + इन्द्र
मृगेन्द्र
महा + ईश्वर
महेश्वर
देवी + अर्पण
देव्यर्पण
मत्स्य + आकार
मत्स्याकार
महा + उदय
महोदय
महा + ऋषि
महर्षि
मरण + उत्तर
मरणोत्तर
महत्व + आकांक्षा
महत्वाकांक्षा
महा + ईश
महेश
महा + आशय
महाशय
मनः + रथ
मनोरथ
मनः + भाव
मनोभाव
महा + ऐश्र्वर्य
महैश्र्वर्य
मकर + आकृत
मकराकृत
मनः + ताप
मनस्पात
मनः + वैज्ञानिक
मनोवैज्ञानिक
मनः + नीत
मनोनीत
महत् + छत्र
महच्छत्र
महत् + त्व
महत्व
मही + ईश्वर
महीश्वर
महा + ऊरु
महोरु
महा + औदार्य
महौदार्य
माया + अधीन
मायाधीन
मातृ + आनन्द
मात्रानन्द
मंत्र + उत् + चारण
मन्त्रोच्चारण
मही + इन्द्र
महीन्द्र
मातृ + ऋण
मातृण
मत + ऐक्य
मतैक्य
मनु + अन्तर
मन्वन्तर
मनः + योग
मनोयोग
मध + आसव
मध्वासव
मनः + अनुकूल
मनोऽनुकूल
महा + इन्द्र
महेन्द्र
मंगल + आकार
मंगलाकार
मध्य + अवकाश
मध्यावकाश
मत + अनुसार
मतानुसार
महा + उत्सव
महोत्सव
मद + अंध
मदांध
मनः + गत
मनोगत
मनः + विकार
मनोविकार
मनः + ज
मनोज
मनः + हर
मनोहर
महा + ऋषि
महर्षि
मनः + बल
मनोबल
मत + एकता
मतैक्ता
मनः + रंजन
मनोरंजन
मनः + अनुसार
मनोऽनुसार
मनः + अवधान
मनोऽवधान
महा + आत्मा
महात्मा
महत् + ओज
महदोज
महान + लाभ
महालाभ
महा + ओज
महौज
महा + औषधि
महौषधि
मातृ + ऋण
मातृऋण
मुनि + ईश्वर
मुनीश्वर
महा + अमात्य
महामात्य
‘य’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
यथा + इष्ट
यथेष्ट
यदि + अपि
यद्यपि
यशः + अभिलाषी
यशोऽभिलाषी
योजन + अवधि
योजनावधि
युग + अनुसार
युगानुसार
यथा + उचित
यथोचित
यशः + इच्छा
यशइच्छा
यशः + दा
यशोदा
युधि + स्थिर
युधिष्ठिर
यशः + धरा
यशोधरा
यशः + धन
यशोधन
यवन + अवनि
यवनावनि
यज + न
यज्ञ
यशः + लाभ
यशोलाभ
यो + असि
योऽसि
‘र’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
रत्न +आकर
रत्नाकर
रहस्य + उद्घाटन
रहस्योदघाटन
राज्य + अभिषेख
राज्याभिषेक
राम + अयन
रामायण
रजः + कण
रजकण
रस + आस्वादन
रसास्वादन
राम + अवतार
रामावतार
रेखा + अंश
रेखांश
रहस्य + अधिकारी
रहस्याधिकारी
राज + ऋषि
राजर्षि
राज्य + आगार
राज्यगार
रमा + ईश
रमेश
रवि + इंद्र
रवींद्र
रसा + अतल
रसातल
राजा + आज्ञा
राजाज्ञा
रूद्र + अवतार
रुद्रावतार
रस + अयन
रसायन
‘ल’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
लक्ष्मी + ईश
लक्ष्मीश
लोक + उक्ति
लोकोक्ति
लघु + ऊर्मि
लघूर्मि
लोक + उत्तर
लोकोत्तर
लोक + उपकार
लोकोपकार
लम्ब + उदर
लम्बोदर
‘व’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
वाक् + ईश
वागीश
वाक् + जाल
वाग्जाल
वि + उत्पत्ति
व्युत्पत्ति
विद्या + उत्रति
विद्योत्रति
वि + आप्त
व्याप्त
विद्या + आलय
विद्यालय
विद्या + उत्तमा
विद्दोत्मा
व्यायाम + आदि
व्ययामादी
वसुधा + एव
वसुधैव
विद्या + अर्थी
विद्यार्थी
विधु + उदय
विधूदय
वधू + उत्सव
वधूत्सव
वधू + उल्लेख
वधूल्लेख
वधू + उर्मिका
वधूर्मिका
वि + अस्त
व्यस्त
वि + अभिचार
व्यभिचार
वि + आपी
व्यापी
वार्ता + आलाप
वार्तालाप
वाक् + रोध
वाग्रोध
वाक् + दान
वाग्दान
विद्या + उपदेश
विद्योपदेश
विमल + उदक
विमलोदक
विश्व + अमित्र
विश्वामित्र
वि + स्मरण
विस्मरण
वृक्ष + छाया
वृक्षच्छाया
विशेष + उन्मुख
विशेषोन्मुख
वीर + अंगना
वीरांगणा
विपद् + जाल
विपज्जाल
वि + अर्थ
व्यर्थ
वयः + वृद्ध
वयोवृद्ध
बहिः + कार
बहिष्कार
विद्या + अध्ययन
विद्याध्ययन
वधू + उत्सव
वधूत्सव
वि + आयाम
व्यायाम
वि + आकुल
व्याकुल
वि + सम
विषम
वन + ओषधि
वनौषधि
वधू + ऊर्जा
वधूर्जा
वधू + ऐश्र्वर्य
वध्वैश्र्वर्य
वनः + पति
वनस्पति
वि + अवहार
व्यवहार
वि + आपकता
व्यापकता
वि + आपक
व्यापक
वात + आवरण
वातावरण
वारि + ईश
वारीश
वि + छेद
विच्छेद
वि + नि + आस
विन्यास
विपद् + लीन
विपल्लीन
वधू + उचित
वधूचित
वृद्ध + अवस्था
वृद्धावस्था
वृहत् + आकार
वृहदाकार
विरुद + अवली
विरुदावली
‘श’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
शम् + कर
शंकर
शश + अंक
शशांक
शत + अब्दी
शताब्दी
शिला + आरोपण
शिलारोपण
शेष + अंश
शेषांश
श्वास + उत्
श्वासोच्छवास
शिरः + मणि
शिरोमणि
शस्त्र + अस्त्र
शस्त्रास्त्र
शरत् + चन्द्र
शरच्चंद्र
शुद्ध + ओदन
शुद्धोदन
शीघ्र + अतिशीघ्र
शीघ्रातिशीघ्र
‘ष’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
षोडस + उपचार
षोडशोपचार
‘स’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
सत् + हस्ती
सदहस्ती
सम् + देश
संदेह
सम् + आचार
समाचार
सम् + आलोचना
समालोचना
सम् + मुख
सम्मुख
सत् + गुरु
सद्गुरु
सम् + सार
संसार
सम + यम
संयम
स + आश्र्चर्य
साश्र्चर्य
सत + चरित्र
सच्चरित्र
सम + धि
सन्धि
शुद्ध + ओदन
शुद्धोदन
सत + भावना
सदभावना
सम + चय
संचय
सीमा + अंत
सीमान्त
सम् + अनु + अय
समन्वय
सम + गठन
संगठन
सम + उत् + चय
समुच्चय
सम् + कोच
संकोच
सुर + इन्द्र
सुरेन्द्र
सत् + धर्म
सद्धर्म
सम् + योग
संयोग
सम + वत्
संवत्
सर्व + उत्तम
सर्वोत्तम
सम + उत् + आय
समुदाय
सत् + वाणी
सदवाणी
सम् + तप्त
संतप्त
स्व + अध्याय
स्वाध्याय
सर्व + उच्च
सर्वोच्च
स्व + अभिमानी
स्वाभिमानी
स्व + अवलंबन
स्वालंबन
स्व + अध्याय
स्वाध्याय
सत्य + आग्रह
सत्याग्रह
सत् + उत्तर
सदुत्तर
सम् + तोष
सन्तोष
सत् + वंश
सद्वंश
सती + ईश
सतीश
षट् + आनन
षडानन
सम् + कल्प
संकल्प
सम् + बंध
संबंध
सम् + वाद
संवाद
सम् + सार
संसार
सम् + मान
सम्मान
स्व + छंद
स्वच्छंद
सत् + नद
सन्नद
सम् + ईक्षा
समीक्षा
सम् + कृति
संस्कृति
सम् + गठन
संगठन
सम् + तान
सन्तान
सम् + सर्ग
संसर्ग
सर्व + उदय
सर्वोदय
सत् + इच्छा
सदिच्छा
सती + इच्छा
सतीच्छा
सत् + कार
सत्कार
सम् + कीर्ण
संकीर्ण
सम् + भव
संभव
सम् + ग्राम
संग्राम
सत् + जन
सज्जन
सम् + लग्न
संलग्न
सर्व + उपरि
सर्वोपरि
सार + अंश
सारांश
स + आग्रह
साग्रह
साधु + उहा
साधूहा
सिंह + आसन
सिहांसन
सुन्दर + ओदन
सुन्दरौदन
सेवा + अर्थ
सेवार्थ
सः + अहम्
सोऽहम
स्व + इच्छा
स्वेच्छा
सम् + मति
सम्मति
स्व + अधीन
स्वाधीन
सम् + उदाय
समुदाय
सम् + ऋद्धि
समृद्धि
सत् + शास्त्र
सच्छात्र
सम् + पूर्ण
संपूर्ण
सम् + हार
संहार
सम् + सार
संसार
सम् + धि
सन्धि
सम् + कोच
संकोच
स्थान + अंतर
स्थानान्तर
स्व + आत्मबल
स्वात्मबल
स + अभिलाष
साभिलाष
सम् + मान + आस्पद
सम्मानास्पद
सत् + असत् + विवेकिनी
सदसद्विवेकिनी
सर्वतः + भावेन
सर्वतोभावेन
स्वेच्छा + आचारी
स्वेच्छाचारी
सम् + तुष्ट
संतुष्ट
सम् + घर्ष
संघर्ष
सम् + कल्प
संकट
सर्व + उच्च
सर्वोच्च
सत् + कार
सत्कार
सत् + जन
सज्जन
सत् + आचार
सदाचार
स्व + अधीन
स्वाधीन
स + अवधान
सावधान
सत + भाव
सदभाव
स्वः + ग
स्वर्ग
स्व + अर्थ
स्वार्थ
सत् + शास्त्र
सच्छास्त्र
सम् + वाद
संवाद
सप्त + ऋषि
सप्तर्षि
सत्य + आग्रह
सत्याग्रह
सत् + विचार
सद्विचार
सर्व + उदय
सर्वोदय
श्रेयः + कर
श्रेयस्कर
सत् + आनन्द
सदानन्द
सम् + कल्प
संकल्प
सम् + यम
संयम
स + अष्ट + अंग
साष्टाग
सत् + निहित
सत्रिहित
सूर्य + उदय
सूर्योदय
स्वयम्भू + उदय
स्वयम्भूदय
षट् + दर्शन
षड्दर्शन
सर्व + अधिक
सर्वाधिक
सत्य + आग्रही
सत्याग्रही
सर्व + उत्तम
सर्वोत्तम
स्वर्ण + अक्षर
स्वर्णाक्षर
स्व + आधीनता
स्वाधीनता
शरीर + अंत
शरीरांत
सु + आगत
स्वागत
सरः + ज
सरोज
सरः + वर
सरोवर
सदा + एव
सदैव
षट् + मास
षण्मास
सम् + पूर्ण
संपूर्ण
सम् + रक्षण
संरक्षण
सम् + विधान
संविधान
सत् + जन
सज्जन
सम् + मति
सम्मति
सु + आगत
स्वागत
संहार + एषण
संहारैषण
सम् + उचित
समुचित
सम् + गीत
संगीत
सम् + देह
संदेह
सत् + उपयोग
सदुप्रयोग
सत्य + आसक्त
सत्यासक्त
सम् + आधान
समाधान
सम् + आलोचक
समालोचक
सत् + अवतार
सदवतार
सम् + राज
सम्राज
सम् + योग
संयोग
सम् + युक्त
संयुक्त
सहायता + अर्थ
सहायतार्थ
सत् + साहित्य
सत्साहित्य
संघ + आराम
संघाराम
सर्व + अंगीन
सर्वागीण
स + आश्चर्य
साश्चर्य
स + अवधान
सावधान
सिद्ध + अन्त
सिद्धांत
सुधा + इच्छा
सुधेच्छा
सुर + अनुकूल
सुरानुकूल
स + उत्साह
सोत्साह
स्व + अर्थ
स्वार्थ
सह + उदर
सहोदर
स्व + ईर
स्वैर
सत् + जाति
सज्जाति
समुद्र + उर्मि
समुद्रोर्मि
सखी + उचित
सख्युचित
सम् + भव
संभव
सम् + क्रान्ति
संक्रान्ति
सम् + वत्
संवत्
सम् + पर्क
संपर्क
सम् + गम
संगम
सम् + चय
संचय
स्व + छन्द
स्वच्छन्द
सुख + उपभोग
सुखोपभोग
स + अवकाश
सावकाश
सम् + ग्रह + आलय
संग्रहालय
सत् + चित् + आनन्द
सच्चिदानन्द
स्वर्ग + आरोहण
स्वर्गारोहण
‘ह’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
हिम + अंचल
हिमांचल
हरिः + चन्द्र
हरिश्चन्द्र
हत + आश
हताश
हरि + इच्छा
हरीच्छा
हिम + आच्छादित
हिमाच्छादित
हिम + आलय
हिमालय
ह्रदय + आनन्द
ह्रदयानन्द
हित + उपदेश
हितोपदेश
ह्रदय + हारिणी
ह्रदयहारिणी
हर + एक
हरेक
हृद् + देश
हृद्येश
‘त्र’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
त्रिलोक + ईश्वर
त्रिलोकेश्वर
‘ज्ञ’ वर्ण के संधि-विच्छेद
संधि विच्छेद
संधि
ज्ञान + उपदेश
ज्ञानोपदेश
संधि की पहचान
शब्द
संधि-विच्छेद
संधि की पहचान
गिरीश
गिरि + ईश
दीर्घ स्वर सन्धि
धर्मार्थ
धर्म + अर्थ
दीर्घ स्वर सन्धि
नदीश
नदी + ईश
दीर्घ स्वर सन्धि
नारींदु
नारी + इंदु
दीर्घ स्वर सन्धि
भानूदय
भानु + उदय
दीर्घ स्वर सन्धि
भूर्ध्व
भू + ऊर्ध्व
दीर्घ स्वर सन्धि
महींद्र
मही + इंद्र
दीर्घ स्वर सन्धि
महीश
मही + ईश
दीर्घ स्वर सन्धि
मुनींद्र
मुनि + इंद्र
दीर्घ स्वर सन्धि
मुनीश
मुनि + ईश
दीर्घ स्वर सन्धि
रवींद्र
रवि + इंद्र
दीर्घ स्वर सन्धि
लघूर्मि
लघु + ऊर्मि
दीर्घ स्वर सन्धि
वधूत्सव
वधू + उत्सव
दीर्घ स्वर सन्धि
वधूर्जा
वधू + ऊर्जा
दीर्घ स्वर सन्धि
वधूल्लेख
वधू + उल्लेख
दीर्घ स्वर सन्धि
विद्यार्थी
विद्या + अर्थी
दीर्घ स्वर सन्धि
विद्यालय
विद्या + आलय
दीर्घ स्वर सन्धि
विधूदय
विधु + उदय
दीर्घ स्वर सन्धि
हिमालय
हिम + आलय
दीर्घ स्वर सन्धि
सिंधूर्मि
सिधु + ऊर्मि
दीर्घ स्वर सन्धि
पुस्तकालय
पुस्तक + आलय
दीर्घ स्वर सन्धि
सर्वाधिक
सर्व + अधिक
दीर्घ स्वर सन्धि
अजंत
अच् + अंत
व्यंजन संधि
अंनाश
अच् + नाश
व्यंजन संधि
अनुच्छेद
अनु + छेद
व्यंजन संधि
अब्ज
अप् + ज
व्यंजन संधि
अभिषेक
अभि + सेक
व्यंजन संधि
अम्मय
अप् + मय
व्यंजन संधि
आच्छादन
आ + छादन
व्यंजन संधि
उच्चारण
उत् + चारण
व्यंजन संधि
उच्छिष्ट
उत् + शिष्ट
व्यंजन संधि
उज्झटिका
उत् + झटिका
व्यंजन संधि
उड्डयन
उत् + डयन
व्यंजन संधि
उद्धरण
उत् + हरण
व्यंजन संधि
उद्धार
उत् + हार
व्यंजन संधि
उन्नयन
उत् + नयन
व्यंजन संधि
उल्लास
उत् + लास
व्यंजन संधि
उल्लेख
उत् + लेख
व्यंजन संधि
किंकर
किम् + कर
व्यंजन संधि
किंचित
किम् + चित
व्यंजन संधि
जगदीश
जगत् + ईश
व्यंजन संधि
तट्टीका
तत् + टीका
व्यंजन संधि
तद्धित
तत् + हित
व्यंजन संधि
तद्रूप
तत् + रूप
व्यंजन संधि
दिग्गज
दिक् + गज
व्यंजन संधि
निषिद्ध
नि + सिद्ध
व्यंजन संधि
परिणाम
परि + नाम
व्यंजन संधि
वागीश
वाक + ईश
व्यंजन संधि
वाड़्मय
वाक + मय
व्यंजन संधि
विषम
वि + सम
व्यंजन संधि
षडानन
षट् + आनन
व्यंजन संधि
षण्मास
षट् + मास
व्यंजन संधि
संकल्प
सम् + कल्प
व्यंजन संधि
संचय
सम् + चय
व्यंजन संधि
संतोष
सम् + तोष
व्यंजन संधि
संधिच्छेद
संधि + छेद
व्यंजन संधि
संपूर्ण
सम् + पूर्ण
व्यंजन संधि
संबंध
सम् + बंध
व्यंजन संधि
संयोग
सम् + योग
व्यंजन संधि
संरक्षण
सम् + रक्षण
व्यंजन संधि
संलग्न
सम् + लग्न
व्यंजन संधि
संवाद
सम् + वाद
व्यंजन संधि
संविधान
सम् + विधान
व्यंजन संधि
संशय
सम् + शय
व्यंजन संधि
संसार
सम् + सार
व्यंजन संधि
सच्छास्त्र
सत् + शास्त्र
व्यंजन संधि
सज्जन
सत् + जन
व्यंजन संधि
सद्धर्म
सत् + धर्म
व्यंजन संधि
सद्भावना
सत् + भावना
व्यंजन संधि
सम्मति
सम् + मति
व्यंजन संधि
सम्मान
सम् + मान
व्यंजन संधि
स्वच्छंद
स्व + छंद
व्यंजन संधि
अंतःकरण
अंतः + करण
विसर्ग-संधि
अधोगति
अधः + गति
विसर्ग-संधि
चतुष्पाद
चतुः + पाद
विसर्ग-संधि
दुश्शासन
दुः + शासन
विसर्ग-संधि
दुस्साहस
दुः + साहस
विसर्ग-संधि
नमस्ते
नमः + ते
विसर्ग-संधि
निराशा
निः + आशा
विसर्ग-संधि
निराहार
निः + आहार
विसर्ग-संधि
निरोग
निः + रोग
विसर्ग-संधि
निर्धन
निः + धन
विसर्ग-संधि
निश्चल
निः + चल
विसर्ग-संधि
निश्छल
निः + छल
विसर्ग-संधि
निष्कलंक
निः + कलंक
विसर्ग-संधि
निष्फल
निः + फल
विसर्ग-संधि
निस्संतान
निः + संतान
विसर्ग-संधि
नीरस
निः + रस
विसर्ग-संधि
मनोनुकूल
मनः + अनुकूल
विसर्ग-संधि
मनोबल
मनः + बल
विसर्ग-संधि
अन्वय
अनु + अय
यण स्वर संधि
अन्वेषण
अनु + एषण
यण स्वर संधि
इत्यादि
इति + आदि
यण स्वर संधि
नद्यर्पण
नदी + अर्पण
यण स्वर संधि
देव्यागमन
देवी + आगमन
यण स्वर संधि
पित्राज्ञा
पितृ + आज्ञा
यण स्वर संधि
स्वागत
सु + आगत
यण स्वर संधि
संधि विच्छेद से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
संधि विच्छेद की परिभाषा क्या है?
दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को ‘संधि’ कहते है। संधि में मूल पदों को पृथक करना ‘संधि-विच्छेद’ कहलाता है। इस मिलावट को समझकर वर्णों को अलग करते हुए पदों को अलग-अलग करना ही ‘संधि-विच्छेद’ है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।
नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।
स्वर संधि (Swar Sandhi) की परिभाषा, भेद, नियम और उदाहरण : Swar Sandhi in Hindi:- आज के इस लेख में ‘स्वर संधि की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi) की परिभाषा, नियम और उदाहरण : Vyanjan Sandhi in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘व्यंजन संधि’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
वृद्धि स्वर संधि (Vriddhi Swar Sandhi) की परिभाषा और उदाहरण : Vriddhi Swar Sandhi in Hindi:- आज इस लेख में वृद्धि स्वर संधि से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
संधि (Sandhi) की परिभाषा, भेद और उदाहरण : Sandhi in Hindi:- आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हमनें ‘संधि की परिभाषा’ से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।