संयुक्त क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Sanyukt Kriya Ki Paribhasha in Hindi

संयुक्त क्रिया की परिभाषा : Sanyukt Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘संयुक्त क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप संयुक्त क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

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संयुक्त क्रिया की परिभाषा : Sanyukt Kriya in Hindi

दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न अर्थ वाली क्रियाओं के मेल से बनने वाली क्रिया को ‘संयुक्त क्रिया’ कहते है।

कृदंत धातु से बने शब्दों के आगे सहायक अथवा सहकारी क्रियाएँ जोड़ देने से संयुक्त क्रिया का निर्माण होता है। संयुक्त क्रिया ‘अकर्मक’ व ‘सकर्मक’ दोनों हो सकती है।

जब कृदंत की क्रिया ‘मुख्य क्रिया’ है और काल की क्रिया ‘कृदंत की विशेषता’ बताये, तो वहाँ दोनों क्रियाओं के संयुक्त रूप को संयुक्त क्रिया कहते है। संयुक्त क्रिया में मुख्य क्रिया का कृदंत और सहायक क्रिया के काल का रूप होता है।

संयुक्त क्रिया के उदाहरण

संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

उदाहरण:- 1

पिताजी के आने पर खाना बनाना।

संयुक्त क्रिया के उपरोक्त उदाहरण में ‘आने‘ मुख्य क्रिया है और ‘स्वागत करना‘ सहायक क्रिया है। यहाँ ‘मुख्य क्रिया’ और ‘सहायक क्रिया’ के मेल से ‘संयुक्त क्रिया’ बन रही है। अतः उपरोक्त वाक्य ‘संयुक्त क्रिया’ का उदाहरण है।

संयुक्त क्रिया के भेद

संयुक्त क्रिया के कुल 11 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-

संयुक्त क्रिया के भेद
आरम्भबोधक संयुक्त क्रिया
स्माप्तिबोधक संयुक्त क्रिया
अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया
अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया
नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया
आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया
निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया
इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया
अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया
शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया
पुनरुक्त संयुक्त क्रिया

1. आरंभबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया के आरंभ होने का बोध होता है, उसे ‘आरंभबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। क्रियार्थक संज्ञा के विकृत रूप से आरंभबोधक संयुक्त क्रिया बनती है। यह क्रिया ‘लगना‘ क्रिया के योग से बनती है।

आरंभबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

आरंभबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

आरंभबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम गाने लगा।
सीता जाने लगी।
श्याम चलने लगा।

2. समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे मुख्य क्रिया के समाप्त होने का बोध होता है, उसे ‘समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम गा चुका है।
सीता जा चुकी है।
श्याम खा चुका है।

3. अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया के अवकाश का बोध होता है, उसे ‘अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया ‘अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया’ की विरोधिनी क्रिया है। यह क्रिया ‘पाना‘ क्रिया के योग से बनती है।

अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम बहुत मुश्किल से सोने पाया है।
मेरी बात ना होने पाई।
जल्दी के मारे मैं चिट्ठी न लिखने पाया।

4. अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे अनुमति देने का बोध होता है, उसे ‘अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। अनुमतिबोधक संयुक्त क्रियाएँ सदैव ‘सकर्मक’ होती है।

क्रियार्थक संज्ञा के विकृत रूप से अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया बनती है। यह क्रिया ‘देना‘ क्रिया के योग से बनती है।

अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम को बोलने दीजिए।
अजय ने विजय को बैठने नहीं दिया।
मुझे सोने दो।

5. नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया के नित्य होने का अथवा उसके खत्म न होने का बोध होता है, उसे ‘नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

नित्यताबोधक संयुक्त क्रियाएँ वर्तमानकालिक कृदंत के आगे ‘आना, जानारहना‘ क्रिया जोड़ने से बनती है। इस संयुक्त क्रिया में कृदंत के लिंग और वचन विशेष्य के अनुसार बदलते है।

नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
नदी बह रही है।
वृक्ष बढ़ता गया।
बरसात बरसती गई।

6. आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया की आवश्यकता अथवा कर्तव्यता का बोध होता है, उसे ‘आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
मुझे यह कार्य करना पड़ता है।
आपको यह कार्य करना चाहिए।
हमें घर में साफ़-सफाई करनी चाहिए।

7. निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे मुख्य क्रिया के निश्चय होने का बोध होता है, उसे ‘निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

यह संयुक्त क्रिया पूर्ण क्रियाद्योतक कृदंत के आगे अवधारण क्रिया की सहायक क्रियाएँ (लेना, देना, डालना, बैठना) जोड़ने से बनती है।

निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम बीच में ही बोल उठा।
मैं मार दूंगा।
वह खाना दिये देता हूँ।

8. इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया के करने की इच्छा का बोध होता है, उसे ‘इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। यह संयुक्त क्रिया भूतकालिक कृदंत के आगे ‘चाहना‘ क्रिया जोड़ने से बनती है।

इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम विद्यालय जाना चाहता है।
सीता खाना बनाना चाहती है।
मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूँ।

9. अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया को करने के अभ्यास का बोध होता है, उसे ‘अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

यह संयुक्त क्रिया भूतकालिक कृदंत के आगे ‘करना‘ क्रिया जोड़ने से बनती है। तत्परताबोधक संयुक्त क्रिया की भांति अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया का निर्माण भी ‘भूतकालिक कृदंत’ से होता है।

अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम गाया करता है।
सीता खाना बनाया करती है।
श्याम क्रिकेट खेला करता है।

10. शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे किसी क्रिया को करने के लिए शक्ति का बोध होता है, उसे ‘शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है। यह संयुक्त क्रिया पूर्वकालिक कृदंत के आगे ‘सकना‘ क्रिया जोड़ने से बनती है।

शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
मैं दौड़ सकता हूँ।
सीता खाना बना सकती है।
राम गाना गा सकता है।

11. पुनरुक्तबोधक संयुक्त क्रिया

संयुक्त क्रिया का वह रूप, जिससे दो समान ध्वनि वाली क्रिया के जुड़ने का बोध होता है, उसे ‘पुनरुक्तबोधक संयुक्त क्रिया’ कहते है।

पुनरुक्तबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण

पुनरुक्तबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

पुनरुक्तबोधक संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम खेला-कूदा करता है।
यहाँ प्रत्येक वस्तु अस्त-व्यस्त है।
हमें भगवान को फल-फूल अर्पित करने चाहिए।

संयुक्त क्रिया के अन्य उदाहरण

संयुक्त क्रिया के उदाहरण
राम ने गाना गा लिया।
तुम बाजार चले जाओ।
सीता विद्यालय चली गई।
श्याम खाना खा चुका है।
कविता पुस्तक पढ़ने लगी।
बबिता ने दूध पी लिया।
प्रीतम नाचने लगा।
अजय बाजार से लौट आया।
बच्चा रोने लगा।
वह गाँव पहुँच गया।

संयुक्त क्रिया से सम्बंधित कुछ प्रश्न

  1. संयुक्त क्रिया की परिभाषा क्या है?

    दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न अर्थ वाली क्रियाओं के मेल से बनने वाली क्रिया को ‘संयुक्त क्रिया’ कहते है। कृदंत धातु से बने शब्दों के आगे सहायक अथवा सहकारी क्रियाएँ जोड़ देने से संयुक्त क्रिया का निर्माण होता है।

  2. संयुक्त क्रिया के कुल कितने भेद है?

    संयुक्त क्रिया के कुल 11 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. आरंभबोधक संयुक्त क्रिया
    2. समाप्तिबोधक संयुक्त क्रिया
    3. अवकाशबोधक संयुक्त क्रिया
    4. अनुमतिबोधक संयुक्त क्रिया
    5. नित्यताबोधक संयुक्त क्रिया
    6. आवश्यकताबोधक संयुक्त क्रिया
    7. निश्चयबोधक संयुक्त क्रिया
    8. इच्छाबोधक संयुक्त क्रिया
    9. अभ्यासबोधक संयुक्त क्रिया
    10. शक्तिबोधक संयुक्त क्रिया
    11. पुनरुक्त संयुक्त क्रिया

अंतिम शब्द

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