शब्द और पद की परिभाषा, भेद, अंतर और उदाहरण

शब्द और पद की परिभाषा : Shabd Aur Pad in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शब्द और पद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप शब्द और पद की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
शब्द और पद की परिभाषा : Shabd Aur Pad in Hindi
शब्द और पद की परिभाषा निम्न प्रकार है:-
शब्द की परिभाषा
दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक ध्वनि समूह को ‘शब्द’ कहते है। भाषा में वर्णों के बाद शब्द सबसे छोटी इकाई होते है। साधारण शब्दों में कहा जाए तो ‘शब्द’ वर्णों का मेल है। शब्द स्वतंत्र होते है और इनका स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जाता है।
शब्द के उदाहरण
इसके उदाहरण निम्न प्रकार है:-
क + म + ल = कमल |
त + आ + ल + आ + ब + अ = तालाब |
क + ल + म = कलम |
स + आ + म + आ + न = सामान |
ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते है कि वर्णो के सार्थक मेल से शब्द का निर्माण हो रहा है। वर्णो के मेल से सिर्फ शब्द का निर्माण ही नहीं होना चाहिए अपितु, उनका मेल भी सार्थक होना चाहिए।
पद की परिभाषा
जब शब्दों का प्रयोग वाक्यों में किया जाता है और वह वाक्य सही अर्थ को दर्शाए, तो उसे पद कहते है।
साधारण भाषा में, जब शब्दों के मेल से एक अर्थपूर्ण वाक्य का निर्माण हो, तो उसे ‘पद’ कहते है। पद में ‘शब्द’ स्वतंत्र नहीं होते है, अपितु वह ‘क्रिया, विशेषण, वचन व लिंग’ से बंध जाते है।
शब्द के उदाहरण
शब्द के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सुरेश विद्यालय जाता है। |
उपरोक्त वाक्य में ‘विद्यालय‘ एक पद है।
गंगा भारत की पवित्र नदी है। |
उपरोक्त वाक्य में ‘गंगा‘ एक पद है।
शब्द के भेद
प्रयोग के आधार पर शब्द के कुल 2 भेद होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
शब्द के भेद |
---|
विकारी शब्द |
अविकारी शब्द |
1. विकारी शब्द
वह शब्द, जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष व काल के द्वारा परिवर्तन किया जा सकता है, विकारी शब्द कहलाते है।
विकारी शब्द के उदाहरण
विकारी शब्द के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विकारी शब्द के उदाहरण |
---|
कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों |
मैं, मुझे, हमें |
किताब, किताबें, किताबों |
लड़का, लड़के, लड़कों |
विकारी शब्द के भेद
विकारी शब्द के कुल 4 भेद होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
विकारी शब्द के भेद |
---|
संज्ञा |
सर्वनाम |
क्रिया |
विशेषण |
2. अविकारी शब्द
वह शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक, पुरुष व काल के द्वारा कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, अविकारी शब्द कहलाते है।
अविकारी शब्द के उदाहरण
अविकारी शब्द के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
धीरे-धीरे | पीछे-पीछे |
कभी-कभी | हाँ |
नहीं | लेकिन |
जल्दी | शीघ्र |
अब | कब |
क्यों | में |
बहुत | पर |
अधिक | कम |
अविकारी शब्द के भेद
अविकारी शब्द के कुल 4 भेद के होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
अविकारी शब्द के भेद |
---|
क्रिया-विशेषण |
समुच्चयबोधक अव्यय |
विस्मयादिबोधक अव्यय |
संबंधबोधक अव्यय |
1. क्रिया-विशेषण
वह शब्द, जिनसे क्रिया की विशेषता का बोध होता है, उन्हें क्रिया विशेषण कहते है।
क्रिया-विशेषण के उदाहरण
क्रिया विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
राम कभी-कभी बोलता है। |
उपरोक्त वाक्य में ‘बोलना’ क्रिया है और ‘कभी-कभी’ बोलना उसकी विशेषता बता रहा है।
क्रिया-विशेषण के भेद
क्रिया-विशेषण के कुल 4 भेद होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
क्रिया-विशेषण के भेद |
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स्थानवाचक |
कालवाचक |
परिणामवाचक |
रीतिवाचक |
2. समुच्चयबोधक अव्यय
वह शब्द, जो दो अथवा दो से अधिक शब्दों, वाक्यों व वाक्यांशों को जोड़ने का कार्य करते है, समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते है।
समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण
समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
राम और श्याम जा रहे है। |
3. संबंधबोधक अव्यय
वह शब्द, जो संज्ञा अथवा सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते है, संबंधबोधक अव्यय कहलाते है।
संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण
समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
और | या |
एवं | व |
4. विस्मयादिबोधक अव्यय
वह शब्द, जो वाक्य में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा, आदि का भाव व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होते है, विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते है। विस्मयादिबोधक अव्यय शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है।
विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण
विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अरे! | ओह! |
शाबाश! | काश! |
शब्द और पद में अंतर
शब्द और पद में सभी अंतर निम्न प्रकार है:-
शब्द | पद |
---|---|
दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक ध्वनि समूह को शब्द कहते है। | जब शब्द का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो वह पद कहलाते है। |
शब्द स्वतंत्र होते है और इनका अर्थ स्वतंत्र रूप से होता है। | पद स्वतंत्र नहीं होते है अपितु, यह लिंग, कारक, विशेषण व क्रिया से बंधे हुए होते है। |
लिंग, वचन, क्रिया व विशेषण से शब्द का कोई संबंध नहीं होता है। | पद का संबंध लिंग, वचन, कारक व विशेषण से होता है। |
प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है। | पद का अर्थ तभी मिलता है, जब शब्द का उपयोग व्याकरण के साथ सही प्रकार से किया जाए। |
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।