कृषि पर भाषण

कृषि पर भाषण : Speech on Agriculture in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘कृषि पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप कृषि पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
कृषि पर भाषण : Speech on Agriculture in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, विशेष अतिथिगण, सभी शिक्षकगण और सभी साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —– है और मैं इस विद्यालय में 8वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं आप सभी का तहदिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस अवसर पर भाषण देने का मौका दिया।
आज मैं आप सभी के सामने कृषि पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। किसी भी प्राणी को जीवित रहने के लिए हवा, पानी व भोजन जैसी सभी मूलभूल चीजों की आवश्यकता होती है।
आज भी मनुष्य अपने भोजन के लिए पेड़-पौधों, फल व सब्जियों पर ही निर्भर करता है। ये सभी वस्तुएँ प्रकृति की देन है। जिसे मनुष्य एक पद्दति के साथ उगाता है, जिसे कृषि कहते है।
किसी भी देश की अर्थववस्था में कृषि का एक बहुत बड़ा योगदान होता है और यदि बात विकासशील देशों की हो, तो उनकी अर्थववस्था में सबसे बड़ा योगदान कृषि का ही होता है।
भारत देश की बात की जाए तो भारत की अर्थववस्था में 17 प्रतिशत योगदान कृषि का है और इसके साथ-साथ कृषि 53 प्रतिशत भारतीयों को रोजगार प्रदान करती है।
विश्व में ऐसे ही बहुत से ऐसे देश है, जिनकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर करती है। मुख्य रूप से कृषि करने वाले लोगों को कृषक या किसान कहा जाता है।
किसान द्वारा बहुत मेहनत से फसल उगाई जाती है। जिसमें उसे सबसे पहले भूमि को बोकर उपजाऊ किया जाता है।
जिसके पश्चात् उसमें बीज डालते है। इसमें सिंचाई करके, खाद डालकर एवं इसकी देखभाल करके इसका रखरखाव किया जाता है।
इसके 3-4 माह में फसल पककर तैयार हो जाती है। जिसके बाद उसकी कटाई की जाती है। कटाई के बाद फसल को तैयार किया जाता है और बाजारों में बेच दिया जाता है।
इतनी मेहनत के बाद भी किसान को नाममात्र का मुनाफा होता है। जिससे वह अपनी मुलभुत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर पाता है।
आज भारत में किसानों की स्थिति काफी दयनीय है। उन्हें कभी मौसम का व कभी कीड़ों के आक्रमण का, तो कभी तेज बारिश का, तो कभी सूखे का सामना करना पड़ता है।
इसके पश्चात भी यदि फसल बच जाए तो उसे बाजार तक ले जाना व उसे अच्छे दामों पर बेचने तक उसे कईं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इसके बाद भी बाजार में बैठे दलाल, किसानों से उनकी फसल कम कीमतों में खरीद लेते है।
यदि किसान सरकार द्वारा बनाई गई मंडियों में फसल बेचने जाता है, तो भ्रष्ट अफसरों द्वारा उसे बहुत परेशान किया जाता है।
जिसकी वजह से उसे मजबूरन अपनी फसल कम दामों पर बेचनी पड़ती है। जिससे हुए लाभ से उसका घर चलना भी मुश्किल हो जाता है।
उसके बाद बैंकों से लिए गए ऋण व अन्य कर्जों से परेशान होकर आज किसान आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे है। जो की आप लगातार खबरों में देखते रहते है।
उसके साथ-साथ भूमि अधिग्रहण करने वालों की नजर हमेशा किसान की भूमि पर लगी रहती है। जिससे वह काफी परेशान रहते है।
यदि स्वतंत्र भारत की बात की जाए और किसानों और शिक्षकों की तुलना की जाए तो जहाँ एक सरकारी शिक्षक का वेतन 100 गुना तक बढ़ गया है।
वहीँ एक किसान की कमाई में 12 से 16 गुना तक ही वृद्धि हुई है। यदि देश के इतने बड़े स्तम्भ की ऐसी दशा होगी, तो देश कैसे तरक्की कर पाएगा।
सरकार लगातार अपने चुनावी मुद्दों में हमेशा किसान की परेशानियों को रखती है। लेकिन, सरकार बनने के बाद सारे वादे ठन्डे बस्ते में चले जाते है।
आज सरकार किसानों के लिए कईं योजनाएं ला रही है। जिसमे उन्हें उन्नत किस्म के बीज मुहैया कराए जाते है।
इसके साथ-साथ किसानों को खेती के लिए कर्ज दिया जाता है और फसल ख़राब होने पर कर्ज को माफ़ भी किया जा रहा है।
अब सरकार किसानों को प्रतिवर्ष किसान पेंसन के तहत उनके खातों में 6000 रुपये तक देती है। ताकि, उनकी आर्थिक मदद की जा सके। यह पैसे किस्तों के माध्यम से किसानो को दिए जाते है।
सरकार इसके लिए कड़े कदम उठा रही है। जैसे:- शिक्षा देना इत्यादि, जो की नाकाफी है।
इसके लिए हमें कृषि को और अधिक वैज्ञानिक तरीके से करना होगा और हमें इसके लिए तकनीकी मदद लेनी होगी इसके साथ-साथ हमें ऐसे तरीके ढूंढने होंगे। जिससे दलाल व भ्रष्ट अफसर किसानों को ज्यादा परेशान न कर सके।
इन सभी चीजों के साथ-साथ किसान की शिक्षा पर भी अधिक बल दिया जाना चाहिए व किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं को ऑनलाइन करना चाहिए। ताकि, गलत लोग किसान का पैसे न खा पाए।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।
Nice Article
Thank You