बाल दिवस पर शिक्षकों के लिए भाषण

बाल दिवस पर शिक्षकों के लिए भाषण : Speech on Children’s Day by Teachers in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाल दिवस पर शिक्षकों के लिए भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बाल दिवस पर शिक्षकों के लिए भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बाल दिवस पर शिक्षकों के लिए भाषण : Speech on Children’s Day by Teachers in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, मेरे साथी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
मेरा नाम ——— है। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर इस कार्यक्रम को शुरू करने का अवसर प्रदान किया
बच्चों जैसा कि हम सभी जानते है कि हम सभी आज बाल दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए है। बाल दिवस का दिन पूर्ण रूप से बच्चों को समर्पित होता है।
इस दिन बच्चों को सभी सुविधाएँ मिल पाए व उनके साथ किसी भी प्रकार का शोषण न हो। इसलिए इस दिन को बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि, किसी भी देश का भविष्य उसके बच्चों पर ही निर्भर करता है।
इसलिए, बच्चों की स्थिति को समझने व सुधार करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि आज का ही दिन बाल दिवस के लिए क्यों चुना गया?
आज हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहारलाल नेहरु का जन्म दिवस है। माना जाता है कि उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था। वह अपने इतने व्यस्त समय में से कुछ समय निकालकर बच्चों से मिलने जाया करते थे।
बच्चे भी उन्हें बहुत पसंद किया करते थे। इसलिए, बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू के नाम से भी बुलाते थे। उनके पास हमेशा एक गुलाब का फूल रहता था, जो उन्हें बच्चों के द्वारा दिया जाता था।
इसलिए उन्होंने अपने जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में चुना। उनका जन्म 14 नवम्बर 1889 के दिन हुआ था। भारत में बच्चों की स्थिति बहुत दयनीय है। आज भारत के अधिकांश बच्चे कुपोषण का शिकार है।
इसका सबसे बड़ा कारण है:- जब बच्चा माँ के पेट में रहता है, तो माँ को पोषक तत्वों की आवश्कता रहती है, जो उन्हें समय पर मिल नही पाती है, इस वजह से बच्चों में कईं कमजोरियाँ रह जाती है।
आज भारत में कईं बच्चों को पोषक तत्व युक्त भोजन नही मिला पाता है। जिससे उनके शारिरिक व मानसिक विकास नही हो पाता है। जिससे उन्हें जीवन में आगे बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
आज भारत के बच्चे शारीरिक रूप से सुरक्षित नही है। आज भारत में बहुत बड़ी मात्रा में बच्चों को विदेशों में बेचा जाता है। कईं बार उनसे भारत में ही भीख मंगवाई जाती है।
आज कईं बच्चे नशे का भी शिकार हो रहे है। उन्हें नशीले पदार्थों का सेवन करवाकर उनसे कईं गलत काम करवाए जाते है।
आज कईं बच्चे छोटी सी उम्र में काम करने लग जाते है। इससे बच्चों का विकास नही हो पाता है। क्योंकि, बच्चे न तो अपनी शिक्षा पर और न ही अपने शारीरिक विकास पर ध्यान दे सकते है।
आज सरकार ने भी काफ़ी हद तक इन मुद्दों को समझा है और इसके लिए कईं फैसले भी लिए है। आज सरकार ने एक विभाग का निर्माण किया है, जिसका नाम है:- महिला व बाल विकास मंत्रालय।
इस विभाग का काम बच्चों व महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। सरकार ने आज बच्चों की शिक्षा को जरूरी कर दिया है।
सरकार ने बच्चों के काम करने पर रोक लगा दी है। आज 14 वर्ष से छोटे बच्चे को काम पर रखने व उसके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव करने पर तुरंत सजा का प्रावधान है।
आज बच्चों की तस्करी पर सरकार ने रोक लगाने का कड़ा प्रयास किया है। सरकार ने पुलिस प्रशासन की सहायता से इसके लिए कड़े नियम बनाए है।
यदि कोई ऐसा करते हुए पकड़ा गया तो उसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। आज सरकार ने बच्चों की शिक्षा को सरकारी विद्यालय में मुफ्त कर दिया है।
आज छोटे-छोटे स्तर पर आंगनबाड़िया खोली गई है। उनके माध्यम से माँ व बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया कराया जाता है। ऐसे ही और कड़े कदम लेने होंगे, जिससे इस परेशानी को कम किया जा सके।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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