बाल दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण

Speech on Children's Day for Principal in Hindi

बाल दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण : Speech on Children’s Day for Principal in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाल दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

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बाल दिवस पर प्रधानाचार्य के लिए भाषण : Speech on Children’s Day for Principal in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय अतिथिगण, सभी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

मैं आपके विद्यालय का प्रधानाचार्य होने के नाते आप सभी के सामने अपने अनुभव को व्यक्त करना चाहता हूँ।
बच्चों आज बाल दिवस का दिन है।

मैं आशा करता हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे और आप सभी आज के दिन का पूरी तरह से आनंद ले रहे होंगे। आज सबसे पहले मैं आप सभी को बाल दिवस की शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ।

बच्चे किसी भी समाज का भविष्य होते है। उनमें देश के उज्ज्वल भविष्य को देखा जा सकता है। आप सभी विद्यार्थियों ने हमेशा ही हम शिक्षकों को गौरवान्वित किया है।

जिस प्रकार एक विद्यार्थी को सफल होने के लिए एक अच्छे शिक्षक की आवश्यकता होती है। ठीक, उसी प्रकार एक शिक्षक को भी एक अच्छे विद्यार्थी की आवश्कता होती है।

विद्यार्थी जीवन बहुत ही कठिन जीवन होता है। इस समय विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ जीवन जीने के लिए जरूरी नियमों को भी सीखना पड़ता है।

इस समय वह बाल्यावस्था से युवावस्था में प्रवेश करता है। उसमें हार्मोन्स की गतिविधियाँ बढ़ जाती है। उसमें परिवर्तन आने लगते है। इस समय बहुत आवश्यक है कि बच्चे अपने आप को सही रास्ते पर रखें।

सबसे पहले मैं आप सभी को यह बता देता हूँ कि आज के दिन का क्या महत्व है? आप सभी ने हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम तो जरूर सुना होगा। उनका नाम जवाहरलाल नेहरू था।

उनके जन्मदिवस के उपलक्ष में ही बाल दिवस को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 के दिन हुआ था। वह कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे।

इसलिए लोग उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी बुलाते थे। उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था। वह भारत की राजनीति में एक केंद्रीय नेता के रूप में उभरे।

वह पेशे से एक वकील थे। वह शुरू से ही गाँधीजी की विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित थे। महात्मा गाँधीजी भी उनसे बहुत अधिक प्रभावित थे।

जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के उन महान नेताओं में से एक थे, जिन्होंने कईं आन्दोलन किये व कईं बार जेल भी गए। उन्हें बच्चे बहुत पसंद थे।

उन्हें जब भी समय मिलता था, तब वह बच्चों से मिलने जाया करते थे। बच्चे भी उन्हें बहुत पसन्द किया करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे।

इसीलिए उन्होंने अपने जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में चुना। इसलिए, इस दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन देश में बच्चों की स्थिति पर चर्चा की जाती है। उनके लिए आवश्यक नियम बनाए जाते है। उनकी सुरक्षा व शिक्षा के लिए उचित प्रावधान बनाए जाते है।

आज इस युग में आप सभी बच्चों के पास आगे बढ़ने के उचित मौके है। पहले के समय में लोग सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर बनने के सपने देखते थे।

लेकिन, आज बच्चों के सामने बहुत से विकल्प मौजूद है। मैं एक बार फिर आप सभी को बाल दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ।

इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।

धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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