स्वच्छ भारत पर भाषण

स्वच्छ भारत पर भाषण : Speech on Clean India in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘स्वच्छ भारत पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप स्वच्छ भारत पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
स्वच्छ भारत पर भाषण : Speech on Clean India in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- स्वच्छ भारत।
यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं “विविधता में एकता” विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा।
भारत एक बहुत विशाल देश है। यह दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है। यहाँ की आबादी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है।
भारत एक विकासशील देश है, जो लगातार विकसित हो रहा है। यहाँ लगातार नई तकनीक का विकास हो रहा है।
नए कारखाने स्थापित रहे है और तेज़ी से विकास हो रहा है। इन्हीं कारणों की वजह से हमारें देश में लगातार प्रदुषण भी फैल रहा है, जो एक काफी बड़ी समस्या बनती जा रही है।
हमारें देश में आज सड़कें, कारखाने व नए निर्माण हो रहे है। जिसकी वजह से लगातार पेड़ कट रहे है। खेती की जमीन में भी निर्माण हो रहे है। इन्हीं कारणों की वजह से लगातार प्रदुषण तेज़ी से बढ़ रहा है।
आज देश में लगातार नए कारखाने खुल रहे है। विदेशों से बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ लगातार भारत में निवेश बढ़ा रही है।
जिसकी वजह से नए-नए कारखाने खुल रहे है। उसकी वजह से हवा व पानी में लगातार नए-नए प्रदार्थ मिल रहे है। इन्हीं कारणों की वजह से लगातार प्रदुषण बढ़ रहा है।
यदि भारत की बात की जाए तो भारत दुनिया में प्रदुषण के मामले में तीसरे स्थान पर आता है। भारत की राजधानी दिल्ली, मुंबई व अन्य भारत के बड़े नगरों में प्रदुषण से बहुत ही बुरा हाल है।
हवा में प्रदार्थ की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। पानी में भी यह लगातर बढ़ रहा है। इसी हवा व पानी का उपयोग करके आज इन शहरों में लोग लगातार बीमार पड़ रहे है।
यदि दिल्ली जैसे राज्य की बात की जाए तो वहाँ एक इंसान के सामान्य हवा में सांस लेने पर उसके फेफड़ों में इतना प्रदार्थ जा सकता है।
जितना कि वह 1 पैकेट सिगरेट को पीने से उसके फेफड़ों में जाता है और यहीं हालत धीरे-धीरे सम्पूर्ण देश में हो रही है, जो काफी चिंता का विषय है।
वर्तमान में भारत की जनसंख्या विश्व के दूसरे स्थान पर है। यहाँ कईं लोगों के पास अपने पक्के घर नहीं है। देश के बहुत बड़े भाग के लोगों के पास खुद के शौचालय नहीं है।
जिसकी वजह से उन्हें खुले में ही शौच करना पड़ता है, जिससे प्रदुषण फैल रहा है। देश में प्लास्टिक का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में होता है।
लोग इनका उपयोग कर इन्हें यूं ही खुले में फेंक देते है और ये कभी खत्म नहीं होते है। आज सरकार इसके लिए कड़े कदम उठा रही है।
सरकार ने सबसे पहले सन 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। जिसका मुख्य उद्देश्य है कि देश को स्वच्छ बनाना।
इस योजना के अंतर्गत देश में बड़ी मात्रा में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ-साथ देश के प्रत्येक क्षेत्र को स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार कदम तो उठा रही है, लेकिन यह कदम नाकाफी होंगे। जब तक इसमें देश की आम जनता का सहयोग न हो।
सरकार के साथ हम सभी को भी इसमें अपना सहयोग देना होगा। हमें उन सभी बातों का ध्यान रखना होगा, जिससे भारत को स्वच्छ बनाया जा सके।
हम सब भारतवासी अपने देश से बहुत प्यार करते है और भारत हमारा घर है। जिस प्रकार सभी अपने घर को साफ़ रखते है, उसी प्रकार हमें भी अपने देश को साफ़ रखना होगा।
जिससे हमें और हमारी आने वाली पीढ़ी को भी एक स्वच्छ भारत मिल सके। आज हम सभी मिलकर एक स्वच्छ भारत का सपना देखते है और प्रण लेते है कि हम भारत को स्वच्छ बनाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
अंत में मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।