भारत के संविधान पर भाषण

भारत के संविधान पर भाषण : Speech on Constitution of India in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भारत के संविधान पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप भारत के संविधान पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
भारत के संविधान पर भाषण : Speech on Constitution of India in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं “भारत के संविधान” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर दो शब्द कहने जा रहा हूँ। एक देश को चलाने के लिए कानून की आवश्यकता होती है।
भारत एक विशाल जनसंख्या वाला देश है। जिसमें विभिन्न प्रकार की जाति तथा धर्म के लोग रहते है। ऐसे देश में कानून व्यवस्था कायम करना आसान नहीं है।
भारत में कानूनों की सही प्रकार से व्यवस्थित करने के लिए सविंधान का निर्माण किया गया। जो हर जाति व धर्म के अनुसार बनाया गया।
इसमें आम जनता के अधिकारों व कर्तव्यों को भी स्पष्ट किया गया। सविंधान का निर्माण लोकतंत्र को ध्यान में रख कर किया गया।
जैसा कि आप सभी जानते है कि भारत 200 वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। कईं आंदोलन हुए, जिसमें बहुत से लोगों ने अपनी जान दी।
उसके बाद भारत को अंग्रेजी शासन से आजादी प्राप्त हुई। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने। भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदारी भीमराव आम्बेडकर को दी गई।
भीमराव आम्बेडकर को भारत के संविधान का निर्माता या वास्तुकार कहा जाता है। उन्होंने सभी धर्मों व जातियों को देखकर ही नियमों को संविधान में जगह दी।
उन्होंने कईं महान राजाओं के द्वारा बनाए गए नियमों को भी संविधान में जगह दी। संविधान को बिना किसी पक्षपात के बनाया गया।
हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 के दिन बनकर तैयार हुआ था। ठीक दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 के दिन भारत के संविधान को सम्पूर्ण देश में लागू कर दिया गया।
इस दिन को उत्साह के रूप में मनाया जाता है, जिसे गणतंत्र दिवस के नाम से जानते है। भारत के इतने बड़े संविधान को तैयार होने में कुल 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा।
भारत का सविंधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित सविंधान है। क्योंकि, भारत सबसे बड़ा लोकतंत्रिक देश भी है। भारत के संविधान की जो असली प्रतिलिपि है, वह प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई है।
संविधान के लागू होने के समय 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ और 22 भाग थे। जो अब बढ़ गए है। हमारा संविधान हमें कईं अधिकार प्रदान करता है।
हमारें मौलिक अधिकार भी हमें सविंधान से ही मिले है। हमारा सविंधान हमें स्वतंत्रता से रहने व प्रश्न पूछने का अधिकार देता है।
आज हम सभी सविंधान के कारण ही अपनी बातें बिना किसी भय के रख सकते है। राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने वाली बंधुता को बढ़ाने के लिए संविधान का निर्माण किया गया।
नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिस्ठा और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए संविधान का निर्माण किया गया था।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।