अनुशासन पर भाषण

अनुशासन पर भाषण : Speech on Discipline in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अनुशासन पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप अनुशासन पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
अनुशासन पर भाषण : Speech on Discipline in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
अनुशासन का अर्थ होता है:- नियमों के साथ चलना, अर्थात जो व्यक्ति नियमों के अधीन चलता है या आसान भाषा में कहें कि जो व्यक्ति सभी नियमों का पालन करता है, वह व्याक्ति अनुशासित व्यक्ति कहलाता है।
अनुशासन किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे आवश्यक है। यदि हम सफल व असफल व्यक्तियों की तुलना करें तो एक व्यक्ति की जो ख़ूबी उसे सफल बनाती है, उसमें से एक उसका अनुशासन है।
जब एक व्यक्ति अपने सभी कार्यों को अनुशासन के साथ समय पर पूर्ण करता है, तो उसके सफल होने के अवसर और अधिक बढ़ जाते है।
अनुशासनहीन व्यक्ति अपने सभी कार्य कल पर टाल देता है, जिससे उसका कार्य समय पर पूरा नही होता है। जिसके फलस्वरूप कईं बार उसका अपना कार्य अधूरा रह जाता है।
इसकी वजह से उसे कईं बार बहुत बड़ी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। जिसके कारण कईं बार लोगों का उस पर से विश्वास भी उठ जाता है।
लोग उसे बड़ी जिम्मेदारी देने से हिचकिचाते है। जिसके कारण उसे सफलता प्राप्त करने के पर्याप्त मौके नही मिल पाते है।
जबकि, एक अनुशासित व्यक्ति अपने सभी कार्यों को समय पर पूरा कर लेता है। जिससे वह लोगों का विश्वास अर्जित करने में सफल रहता है।
इस वजह से लोग उसे बड़ी जिम्मेदारियां देते है और उसके सफलता प्राप्त करने के मौके और अधिक बढ़ जाते है। एक व्यक्ति को हमेशा ही अनुशासित होना चाहिए।
उसके लिए उसे सुबह जल्दी उठना चाहिए। जिससे उसे बाकी लोगों के मुकाबले कार्य करने के लिए ज्यादा समय मिल सके।
एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा ही व्यायाम करता है, क्योंकि व्यायाम करने से उसका शरीर स्वस्थ रहता है और हम सभी जानते है कि सफल होने के लिए हमेशा स्वस्थ शरीर होना चाहिए।
ताकि जब वह अपना कार्य करे तो उसे किसी भी प्रकार की शारिरिक समस्या उत्पन्न नहीं हो।
अनुशासित व्यक्ति समय पर अपना भोजन करता है क्योंकि, वह जानता है कि पौष्टिक आहार से उसके शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलेगी, जिससे वह अपने कार्य को पूरी ऊर्जा से कर पाएगा।
उसके पश्चात समय पर अपने कार्य पर चला जाता है। वह रात को भी समय पर सोता है। एक अनुशासित व्यक्ति समय के महत्त्व को बहुत अच्छे से समझता है।
वह जानता है कि समय बहुत ही बहुमूल्य है। एक बार पैसे वापस कमाए जा सकते है, लेकिन समय को वापस नही पाया जा सकता है।
इसलिए वह न तो अपना समय बर्बाद करता है और न ही दूसरों का समय बर्बाद होने देता है। एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा ही स्वस्थ शरीर का महत्त्व को समझता है।
वह जानता है कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। जिसकी वजह से उसकी सफलता में कोई रुकावट न आए।
अनुशासन एक विद्यार्थी के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसके बिना वह अपनी जिंदगी में कभी भी कुछ अच्छा भी कर सकता है। इसलिए हमें हमेशा ही अनुशासन का पालन करना चाहिए।
हमें समय पर विद्यालय आना चाहिए। अपने कपड़ों को हमेशा ही साफ-सुथरा रखना चाहिए। इससे लोगों के मन में हमारा अच्छा व्यक्तित्व बनता है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।