शिक्षा पर भाषण

शिक्षा पर भाषण : Speech on Education in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शिक्षा पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप शिक्षा पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
शिक्षा पर भाषण : Speech on Education in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम — है और मैं — कक्षा का छात्र हूँ। सबसे पहले आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज मैं आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ। सर्वप्रथम, मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर दिया।
मैं आप सभी के सामने शिक्षा पर दो शब्द बोलना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आए।
यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। जैसा कि आप सभी जानते है कि शिक्षा हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
शिक्षा हमें हमारे जीवन का लक्ष्य प्रदान करती है। शिक्षा से व्यक्ति जागरूक बनता है और उन्हें बाजार की जानकारी होती है।
भारत एक विशाल देश है, जो जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। इतने बड़े देश में सभी को शिक्षा प्रदान करना बड़ा ही मुश्किल कार्य है। अभी भी भारत के पिछड़े इलाकों में लोग अशिक्षित है।
उन्हें अभी भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है व कईं लोग देश में गरीबी के कारण अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान नहीं करवा पा रहे है और उनसे बाल मजदूरी करवा रहे है।
हमारे देश में अभी भी शिक्षा का स्तर बहुत नीचे है। भारत के कईं इलाकों में अभी भी लड़कियों को लड़कों के मुकाबले शिक्षा प्रदान नहीं की जाती है।
एक देश या समाज के विकसित होने में शिक्षा सबसे बड़ी भूमिका निभाती है। शिक्षा व्यक्ति को समाज में एक अलग पहचान दिलाती है।
शिक्षा से व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है। जैसे बिना खुशबू के एक फूल अधूरा होता है, वैसे ही बिना शिक्षा के व्यक्ति भी अधूरा ही होता है।
शिक्षा से व्यक्ति सभ्य बनता है। शिक्षा हमें एक नजरिया प्रदान करती है, जिससे हम सही एवं गलत और अच्छाई एवं बुराई में अंतर कर पाते है। शिक्षा से एक देश मजबूत बनता है और उसकी आर्थिक स्थति भी सुधरती है।
भारत में पहले शिक्षा की स्थति बड़ी ही दयनीय थी, केवल अमीर बच्चे ही शिक्षा प्राप्त कर पाते थे और गरीबों को शिक्षा का अधिकार नहीं दिया जाता था।
उनके साथ भेदभाव किया जाता था और ना ही लड़कियों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त था। आज भी हमारा देश पूर्ण रूप से शिक्षित नहीं हुआ है।
लेकिन, अब स्थति काफी हद तक सुधर गई है। अब सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। इसे हमारे संविधान में जोड़ दिया गया है।
अब गरीब लोग भी शिक्षा प्राप्त कर सकते है। उनके लिए सरकारी विद्यालयों का निर्माण किया गया है, जिससे उन्हें शिक्षा प्राप्त हो सके।
लेकिन, अभी भी देश में शिक्षा की स्थिति को और अधिक बेहतर करने की जरूरत है। बच्चों को नई तकनीक से शिक्षा प्रदान करनी होगी।
अब सरकार भी बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूक हो गई है। सरकार शिक्षा के लिए विभिन्न नई-नई नीतियाँ बना रही है, जिससे सभी को शिक्षा प्राप्त हो सके।
सरकार लड़कियों की शिक्षा पर भी ध्यान दे रही है। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हें छात्रवृत्ति भी दी जा रही है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।