पर्यावरण पर भाषण

Speech on Environment in Hindi

पर्यावरण पर भाषण : Speech on Environment in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘पर्यावरण पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप पर्यावरण पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

पर्यावरण पर भाषण : Speech on Environment in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, मननीय शिक्षकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का छात्र हूँ। आज मैं एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।

सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया। आप सभी को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आज मैं “पर्यावरण” विषय पर दो शब्द कहने जा रहा हूँ। इस पूरे ब्रह्माण्ड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ पर जीवन संभव है।

पृथ्वी पर जीवन केवल इस पर्यावरण के कारण ही संभव है। इस पर्यावरण में जीवन के लिए हर आवश्यक वस्तु और गैसें विद्यमान है।

जीवन पर्यावरण के बिना संभव नहीं है। इस पृथ्वी के सभी जीव-जंतु इस पर्यावरण पर ही निर्भर करते है। पृथ्वी की सतह पर परतें बनी हुई है, जो पृथ्वी के अंदर की सतह को सुरक्षित रखती है।

पृथ्वी के सतह पर एक ओजोन परत भी होती है, जो सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। ये किरणें पर्यावरण एवं जीव-जंतुओं दोनों के लिए खतरनाक होती है।

हमारा इतना विकास होने के बाद भी हम प्रकृति पर निर्भर है। यह पर्यावरण ही हम सभी को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करता है और सभी आवश्यक गैसें भी इस पर्यावरण में ही मिलती है।

हम सभी भोजन एवं पानी के लिए इस पर्यावरण पर ही निर्भर करते है। इस पर्यावरण से हमें विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ भी प्राप्त होते है।

यह पर्यावरण में कईं तत्व होने के साथ-साथ काफी सुंदर भी है। इसमें नदियाँ, तालाब, जंगल, पर्वत एवं समुद्र भी है, जो अपने आप में ही बहुत सुंदरता बटोरे हुए है। इसमें शुद्ध हवा एवं पानी है।

इस पृथ्वी पर विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतु रहते है। यह पर्यावरण ही हम जीव-जन्तुओं के जीवन को संतुलन बनाए रखता है।

लेकिन आज मनुष्य इस प्रकृति के महत्व को कम करने में लगा हुआ है। आज मनुष्य के हर कार्य से प्रकृति पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ रहा है।

आज हवा, पानी और मृदा प्रदूषित हो गई है। मनुष्य लगातार पेड़-पौधों को काटता ही जा रहा है, जिससे इस प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है।

जंगलों, तालाबों, नदियों एवं समुद्रों में कचरा फेंक दिया जाता है। जिससे इनकी सुंदरता के साथ-साथ इनकी उपयोगिता भी कम हो गई है।

आज कारखानों एवं वाहनों से भी प्रदूषण बढ़ता ही चला जा रहा है। आज हम सभी को इस पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

हम सभी को मिलकर इस पर्यावरण को बचाने की जरूरत है। यदि यह पर्यावरण ख़त्म होगा तो हम सभी का जीवन भी ख़त्म हो जाएगा।

हमें पर्यावरण के महत्व के प्रति लोगों को और अधिक जागरूक करने की जरूरत है। हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और जितना हो सके उतना कम पेड़-पौधों को काटना चाहिए।

हमें निजी वाहनों का कम उपयोग करके सार्वजानिक वाहनों का अधिक प्रयोग करना चाहिए। यह प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए हर साधन प्रदान करती है और हम इसके बदले इसे नष्ट करने पर तुले हुए है।

यही समय है जब हम सभी को जागना होगा और अपने आने वाले भविष्य को बचाना होगा। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आएगा।

धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

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