मानवाधिकार दिवस पर भाषण

मानवाधिकार दिवस पर भाषण : Speech on Human Rights in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मानवाधिकार दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मानवाधिकार दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी शिक्षकगण, और मेरे सभी साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम —- है। मैं इस विद्यालय में 10वीं कक्षा का छात्र हूँ।
आज मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हमारें विद्यालय द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया है। जिससे सभी लोगों में मानवाधिकार के प्रति जागरूकता बनी रहे।
आज मैं आप सभी को धन्यवाद कहना चाहता हूँ कि आप सभी ने आज मुझे इस अवसर पर दो शब्द कहने का अवसर प्रदान किया।
मैं इस विषय पर अपने विचार रखने जा रहा हूँ। आज 10 दिसंबर है और आज के दिन ही प्रतिवर्ष मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले आप सभी को यह पता होना चाहिए कि मानवाधिकार क्या होता है?
किसी भी व्यक्ति को जीवनयापन करने के लिए उसके पास आजादी, बराबरी व सम्मान का अधिकार होना ही मानवाधिकार कहलाता है।
मानवाधिकार किसी भी व्यक्ति की जाति, धर्म व रंग-रूप के आधार पर नहीं होता है। यह अधिकार सभी को प्राप्त होते है।
पहले के समय में ये सभी अधिकार सभी लोगों को प्राप्त नहीं होते थे। जिस वजह से कमजोर वर्ग का लगातार शोषण होता था।
उन्हें आजादी नहीं दी जाती थी। उनके साथ गलत व्यवहार किया जाता था। उन्हें किसी भी प्रकार के अधिकार प्राप्त नहीं थे।
कमजोर व गरीब वर्ग लगातार और अधिक कमजोर होता जा रहा था। इन सभी को देखते हुए पूरे विश्व का ध्यान इस तरफ गया।
इसीलिए इस पर कईं कानून बनाए गए। कई आंदोलन हुए। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 के दिन को मानवाधिकार दिवस के रूप में चुना।
ताकि पूरे विश्व का ध्यान इस तरफ खींचा जा सके। तब से ही प्रतिवर्ष इस दिन को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान भारत के हर नागरिक को मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
जिसमें धर्म की स्वतंत्रता, बोलने की आजादी, कार्यपालिका और न्यायपालिका का सहयोग, देश के अन्दर एवं बाहर आने-जाने की भी स्वतंत्रता व इसके साथ-साथ शिक्षा का अधिकार जैसे अधिकार प्रदान किए गए है।
जिससे हर नागरिक को जीवनयापन करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
भारत देश में मौलिक अधिकारों को लेकर थोड़ी परेशानी तो है। आज भी भारत में महिला शिक्षा काफी पीछे है। इसके साथ-साथ जातिवाद व धर्म की समस्या भी है।
लेकिन इसे सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। जिससे इसमें काफी हद तक सुधार देखने को मिल रहा है।
भारत में सभी को चुनाव में मतदान करने का अधिकार भी है। जिससे वें भी भारत के प्रतिनिधि को चुनने में अहम भूमिका निभा सके।
इन सभी नियमो का पालन करने के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन सन 1993 में किया गया।
भारत में 28 सितम्बर 1993 से मानव अधिकार कानून को लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सभी नागरिको के अधिकारों की रक्षा करना था।
इसके साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के भी अधिकार को छिनने की कोशिश करता है, तो उसके लिए कईं कानून बनाए गए है। जिससे उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
मानवाधिकार दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि मानवता पर होने वाले जुल्मों को रोका जा सके और इसके लिए कानून बनाए जा सके।
प्रतिवर्ष इस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक बैठक की जाती है व इसमें पूरे विश्व में रहने वाले लोगों के अधिकारों की बात की जाती है व इनकी रक्षा के लिए क्या क्या कदम उठाने चाहिए इस पर विचार किया जाता है।
किसी भी मनुष्य के लिए ये अधिकार बहुत आवश्यक है। सभी को इस दुनिया में जीवनयापन करने का अधिकार है।
अतः हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। अंत में मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। मेरा पूरा भाषण सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।