मानव अधिकारों पर भाषण

मानव अधिकारों पर भाषण : Speech on Human Rights in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मानव अधिकारों पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मानव अधिकारों पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और वह समाज में रहता है। इस समाज में रहने के लिए मनुष्य को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है।
जिससे सभी इंसान इस समाज में सुखपूर्वक रह सके। हर एक मनुष्य को कुछ मौलिक कर्तव्य दिए गए है, जिन कर्तव्यों का पालन उन्हें करना पड़ता है।
हर मनुष्य की सुरक्षा के लिए उसे कुछ मौलिक अधिकार भी दिए गए है, जिससे उसका शोषण न हो सके और उसे समाज में उचित सम्मान मिल सके, इसे हम मानवाधिकार भी कहते है।
मनुष्य के अधिकारों की रक्षा की जा सके व सभी देशों का ध्यान इस तरफ खींचने के लिए मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। मानवाधिकार दिवस को प्रतिवर्ष 10 दिसंबर के दिन मनाया जाता है।
मानवों पर लगातार होते अत्याचारों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने सन 1948 में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि इस दिन को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
तब से प्रतिवर्ष इस दिन को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इससे पहले अलग-अलग देशों में कईं बार बहुत से लोगों पर अत्याचार किए गए, उन्हें मारा गया, अपने लोगों से अलग-थलग कर दिया गया, उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
जिसकी वजह से देशों में बहुत सी उथल-पुथल हुई। इन्हीं कारणों की वजह से इस दिन को पारित किया गया। जिससे मनुष्य के अधिकारों की रक्षा की जा सके व उसे शोषण से बचाया जा सके।
मनुष्य के यह अधिकार उसे सुरक्षा प्रदान करते है। इसका मुख्य उद्देश्य नौकरशाही पर रोक लगाने के साथ-साथ मानवों के अधिकारों के हनन को रोकना भी था।
मानव अधिकार में इसके राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक व सामाजिक सभी प्रकार के अधिकार दिए जाते है।
इन अधिकारों की रक्षा के लिए व कोई उसका हनन न कर सके, इसके लिए मानवाधिकार आयोग का निर्माण किया गया है।
मानवाधिकार हर मनुष्य को प्राप्त है, चाहे वह कोई भी हो। इनके लिए किन्हीं खास शर्तों की आवश्यकता नही है। भारत के संविधान में भी इन अधिकारों को जोड़ा गया है।
यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों को छिनने की कोशिश करता है या छीनता है, तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। सभी व्यक्तियों को शिक्षा का अधिकार है।
किसी भी व्यक्ति को जाति व धर्म के नाम पर अलग नही किया जा सकता है। एक व्यक्ति को देश में स्वतंत्रता से बोलने की आजादी है। लेकिन, उसके बोलने से किसी के धर्म, जाति व मनुष्य के मन की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।
कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को मान सकता है। यदि किसी भी व्यक्ति से यह अधिकार छीन लिया जाए, तो वह अपनी शिकायत मानवाधिकार आयोग में कर सकता है।
इसके लिए आप एक सामान्य कागज़ पर एक आवेदन लिखकर यहां शिकायत दर्ज कर सकते है व आप उनके टोल फ्री नंबर पर कॉल करके भी जानकारी दे सकते है।
मनुष्य को इन अधिकारों की बहुत अधिक जरूरत है। इनके बिना ऊंचे तपके के लोग निम्नस्तर के लोगों पर अत्याचार करते है।
ये अधिकार मनुष्य को इन सभी चीजों से बचाते है। हम सभी को खुद भी इसके लिए जागरूक होना होगा व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना होगा।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।