भारतीय संस्कृति पर भाषण

भारतीय संस्कृति पर भाषण : Speech on Indian Culture in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भारतीय संस्कृति पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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भारतीय संस्कृति पर भाषण : Speech on Indian Culture in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त अध्यापकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
भारतीय संस्कृति अपने आप में ही एक बहुत बड़ा इतिहास छुपाए हुए है। यह एक बहुआयामी संस्कृति है। यह सिंधु घाटी सभ्यता व मोहन जोदड़ो जैसी सभ्यताओं को अपने अंदर समेटे हुए है।
यह लगातर वैदिक युग, मध्य युग से बढ़ते-बढ़ते आधुनिक युग तक पहुंच गई है। भारतीय संस्कृति ने अपने अंदर बहुत से रीति-रिवाजों, त्योहारों, कला व साहित्यों को संजोकर रखा है।
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है। इसने बहुत से धर्मों को जन्म दिया है, जैसे:- सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, सिक्ख धर्म और सिंधी धर्म।
भारतीय संस्कृति को कर्म प्रधान संस्कृति माना जाता है। यहां कर्म पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। बहुत जगह खुदाई करने पर पता चला है कि यह मिस्र, मेसोपोटेमिया के समकालीन की संस्कृति है।
इसकी सबसे बड़ी विशेषता अमरता है। विश्व में जहाँ बड़ी-बड़ी सभ्यताएं पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। वहीं भारतीय सभ्यता आज भी पूरी तरह से जिंदा है।
कईं जगह इतिहास में लिखा गया है कि भारतीय संस्कृति ने ही पूरे विश्व को सभ्यता सिखाई है। इसने भारत में ही नही अपितु आसपास के क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव रखा है।
भारतीय संस्कृति ने पूरे विश्व को विशालता, सर्वांगीणता, उदारता, प्रेम और सहिष्णुता सिखाई है। भारतीय संस्कृति की झलक हम भारतीय भाषा में भी देख सकते है।
यहां 415 से भी अधिक भाषाएं बोली जाती है। यहां 2 भाषा संबंधी परिवार मौजूद है। जिन्हें भारतीय-आर्य भाषाएं और द्रविण भाषाएँ के नाम से जाना जाता है।
भारतीय संस्कृति में समाज कठोर नियमों से चलता है। यह समाज को कठोर सामाजिक पदानुक्रम द्वारा बताया गया है।
भारतीय संस्कृति ईश्वरवाद को मानती है। यहां मूर्ति-पूजन, कर्मकांड व आत्माओं का विश्वास किया जाता है। भारतीय संस्कृति में परिवार संयुक्त हुआ करते थे।
सभी लोग साथ में ही एक छत के नीचे रहा करते थे। घर का सबसे बड़ा सदस्य ही घर का मुखिया होता था। घर में उसकी मर्जी के बिना कोई भी काम नही किया जाता था।
भारतीय संस्कृति अपने रीति रिवाजों व अपने भोजन के लिए पूरी दुनिया में आज भी बहुत प्रसिद्ध है।
वैज्ञानिकों ने भी माना है कि भारत के कईं रीति-रिवाज वैज्ञानिक रूप से सही है और यहां के भोजन में सभी प्रकार के जरूरी तत्व विद्यमान है। यहां जानवरों व प्रकृति को भी देवों की तरह पूजा जाता है।
भारतीय संस्कृति अपने वस्त्रों के लिए जानी जाती है। यहां स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग समय के लिए अलग-अलग प्रकार के कपड़े होते है।
जहाँ महिलाएं साड़ी, सूट के साथ गहनों से सजी रहती है, वहीं पुरुष कुर्ता व पायजामा पहनते है। भारतीय संस्कृति में विश्व का सबसे बड़ा व सबसे पुराना साहित्य है।
इसकी शुरुआत 5500 ईसा पूर्व से भी पहले मानी जाती है। यहां का काव्य व महाकाव्य आज भी पूरी तरह प्रसिद्ध है। आज भी यहाँ के किलों व इमारतों में भारतीय संस्कृतियां मौजूद है।
आज भी भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है। आज पश्चिमी सभ्यता के आने से भारतीय संस्कृति में कईं त्रुटियां आ गई है।
लेकिन, आज भी कईं लोग संस्कृति को बचाने की कोशिश कर रहे है। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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