अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण

Speech on International Women's Day in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण : Speech on International Women’s Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण : Speech on International Women’s Day in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, मेरे साथी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।

समाज के 2 अंग होते है:- पहला पुरूष व दूसरा महिला। दोनों के अपने-अपने महत्त्व होते है। जहां पुरुष का काम घर कमाकर लाना होता है।

वहीं महिला का काम घर चलाना होता है व साथ-साथ बच्चे के जन्म से लेकर उसके लालन-पालन का पूरा जिम्मा महिला के हिस्से ही आता है।

महिला समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। इसके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। महिलाएं अपना पूरा जीवन अपने परिवार पर ही लगा देती है।

इसी बात को देखते हुए महिलाओं के सम्मान के लिए एक दिन निर्धारित किया गया। वैसे तो हर रोज ही महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। लेकिन 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

इसे सबसे पहले 28 फरवरी 1909 के दिन मनाया गया था। उसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 8 मार्च 1975 के दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया।

तब से इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं का सम्मान किया जाता है।

हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है। यहाँ पुरष का ही वर्चस्व ज्यादा रहता है। यहां वर्षों से महिलाएं अपने सम्मान के लिए लड़ती रही है।

हमारे समाज में महिलाओं को लगातार बहुत से अन्याय सहने पड़ते है। उन्हें अपना पूरा जीवन पुरुष के दबाव में काटना पड़ता है।

हमारी प्रथाओं में भी हमेशा महिलाओं को ही कठिन काम करने पड़ते है। जैसे पहले पति की मृत्यु पर महिला को भी उसी आग में सती कर दिया जाता था।

महिलाओं के विवाह में बहुत सारा दहेज देना पड़ता है। यदि दहेज कम पड़ जाए तो विवाह के बाद उन पर घरेलू हिंसा तक किया जाता है।

उन्हें सिर्फ घर के काम करने के लिए कहा जाता है। उन्हें शिक्षा से कोसों दूर रखा जाता है। उन्हें समाज में खुला घूमने की आजादी नही दी जाती है।

महिलाओं पर आए दिन तेजाब के हमलें किए जाते है। उन्हें गलत तरीके से देखा जाता है। उन पर अभद्र भाषा का उपयोग किया जाता है।

आए दिन आपने अखबारों में बलात्कारों की ख़बरें देखी होगी। महिलाओं का शोषण हर स्तर पर किया जाता है।

यदि भारत के बाहर अन्य देशों की बात की जाए तो वहां भी महिलाओं की स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नही है। वहां भी महिलाओं के साथ अच्छा बर्ताव नही किया जाता है।

महिलाओं को सिर्फ अपने मतलब की चीज माना जाता है। आज के इस आधुनिक युग में भी महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय है।

आज शिक्षा व तकनीक भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। आज गर्भ में ही पता लगा दिया जाता है कि बच्चा लड़का है या लड़की।

यदि लड़की होती है तो उसे गर्भ में ही मार दिया जाता है। आज के समय में तकनीक का उपयोग भी गलत तरीके से किया जाता है और दुख की बात तो यह है कि इसमें शिक्षित लोगों का भी हाथ होता है।

इसी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने भी आज कईं बड़े कदम उठाए है। आज सरकार भी महिलाओं के विकास के लिए कईं योजनाएं लाई है।

जैसे:- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, इस योजना में लड़कियों की सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें शिक्षित करने पर भी ध्यान दिया जाता है।

आजकल महिलाएं भी हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। आज वकील हो या डॉक्टर, हर क्षेत्र में महिलाएं काम कर रही है।

आज देश को चलाने में भी उनका बहुत बडा हाथ है। आज चुनाव में भी उनके लिए 33 प्रतिशत तक आरक्षण रखा गया है। इन सभी तरीकों से महिलाओं को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

भारत परंपराओं का देश है। यहाँ आदिकाल से ही महिलाओं का सम्मान किया जाता है। हमारे यहां एक प्रसिद्ध श्लोक है:- “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता”।

अर्थात जहाँ महिलाओं की पूजा होती है, वहीं देवता निवास करते है। इसलिए हमें भी महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।

इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।

धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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