जन्माष्टमी 2022 पर भाषण

जन्माष्टमी 2022 पर भाषण : Speech on Janmashtami 2022 in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘जन्माष्टमी 2022 पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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जन्माष्टमी 2022 पर भाषण : Speech on Janmashtami 2022 in Hindi
नमस्कार मित्रों, सबसे पहले मैं अपने मुख्य अतिथि हमारे गाँव के विद्यालय के प्रधानाचार्य जी का स्वागत करता हूँ और साथ ही आप सभी का भी इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूँ।
जैसा कि आप सभी जानते है कि आज हम सभी जन्माष्टमी के इस सुंदर अवसर पर इस मंदिर परिसर में एकत्रित हुए है। आज हमारे गाँव में हर वर्ष की तरह जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया गया है।
सबसे पहले मैं आप सभी को यह बता दूं कि जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।
माना जाता है कि भगवान विष्णु ने कंस व अन्य असुरों का वध करने के लिए इस पृथ्वी पर कृष्ण रूप में अवतार लिया था। उन्होंने कंस की बहन देवकी की कोख से जन्म लिया। उनके पिता का नाम वासुदेव था।
जब कंस अपनी बहन देवकी की शादी वासुदेव से बड़े ही धूमधाम से करवा रहा था, तभी एक आकाशवाणी हुई।
इस आकाशवाणी ने कंस को कहा कि जिस बहन की शादी तू बड़े धूमधाम से करवा रहा है, उसी देवकी की आठवीं संतान तेरा अंत करेगी।
यह आकाशवाणी सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी व उसके पति वासुदेव को कारागृह में बंद कर दिया। जिसके बाद कंस ने उनके 6 पुत्रों को बड़ी निर्दयता से मार दिया।
सातवें पुत्र बलराम ने रोहिणी की कोख से जन्म लिया। जब आठवीं संतान का जन्म हुआ तो आकशवाणी ने वासुदेव से कहा कि आप अपने इस पुत्र को जल्दी ही नंदलाल जी के घर छोड़ आइए।
तब वासुदेव कृष्ण को एक टोकरी में रखकर नंदलाल व यशोदा के घर छोड़कर आ गए और उनकी संतान को अपने साथ ले आए, जो कि कन्या थी।
जब कंस कारागृह आया और उसने लड़की को मारने के लिए जैसे ही उसे उठाया, तो वह लड़की हवा में लुप्त हो गई और उसने एक देवी का रूप ले लिया।
उसने कंस को चेतावनी दी कि तुझे मारने वाला कहीं अन्य स्थान पर पैदा हो चुका है। तभी से इस दिन को प्रति वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू पंचाग के अनुसार जन्माष्टमी कृष्ण पक्ष के आठवें दिन (अष्टमी) के भाद्रपद माह में बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर लोग व्रत रखते है व ठीक 12 बजे अपना उपवास भगवान की आरती के बाद खत्म करते है।
आज हमने मंदिर को बहुत ही सुंदरता से सजाया है व साथ ही पूरे प्रांगण में रंगोली बनाई गई है। आज इस अवसर पर हम सभी ने मिकलर एक मटकी फोड़ व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया है।
इस प्रतियोगिता को जीतने वाले प्रतिभागी को उपहारस्वरूप धनराशि दी जाएगी। अंततः रात 12 बजे यहाँ भगवान की आरती का आयोजन किया गया है।
यहाँ सभी को प्रसाद वितरित किया जाएगा। मुझे आशा है कि आपको हमारा यह छोटा सा प्रयास बहुत पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।