जवाहर लाल नेहरु पर भाषण

जवाहर लाल नेहरु पर भाषण : Speech on Jawaharlal Nehru in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘जवाहर लाल नेहरु पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप जवाहर लाल नेहरु पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
जवाहर लाल नेहरु पर भाषण : Speech on Jawaharlal Nehru in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। भारत देश को आजाद कराने में व कांग्रेस को चलाने में उनका एक बहुमूल्य योगदान है।
स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले व उसके बाद भी वह भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय व्यक्ति थे। उनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहबाद, उत्तर-पश्चिमी प्रान्त, ब्रिटिश भारत में हुआ।
उनके पिता का नाम मोती लाल नेहरू था। उन्हें भारत के संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतंत्र का निर्माता माना जाता है।
वह मुख्य रूप से कश्मीरी पण्डित समुदाय से आते थे। इसलिए, उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी संबोधित किया जाता था।
कहा जाता है कि उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था। इसलिए, वह समय-समय पर बच्चों से मिलने जाया करते थे। उनके जेब में हमेशा एक गुलाब का फूल होता था, जो उन्हें बच्चों के द्वारा दिया जाता था।
बच्चे भी उन्हें बहुत पसंद किया करते थे। इसलिए, उन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण प्रतिवर्ष उनके जन्म दिवस को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनकी विद्यालयी शिक्षा हैरो से और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज व कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय लंदन से पूरी की। वह पेशे से एक वकील थे।
भारत लौटकर उनका विवाह कमला नेहरू से करा दिया गया। उसके पश्चात वह भारत में हो रहे स्वतंत्रता आंदोलनों से जुड़े।
जहाँ वह महात्मा गांधी जी से जुड़े। वह महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से बहुत प्रभावित हुए। महात्मा गांधी जी भी उनसे बहुत अधिक प्रभावित हुए।
उन्हें दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। वह कईं बार जेल भी गए। लेकिन, उनके उत्साह में कभी कमी नही आई।
उन्होंने ही भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य भी बनाया। वह बहुत अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने भारत की खोज व मेरी कहानी जैसी क़िताबें भी लिखी।
भारत को आजादी मिलने के बाद गांधी जी के कहने पर उन्हें भारत का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया। उनके सामने देश को जोड़ने में कईं समस्या आई।
लेकिन, उन्होंने सरदार पटेल के साथ मिलकर बहुत समझदारी से इन सभी मुश्किलों को संभाला। आधुनिक भारत के निर्माण में उनका बहुमूल्य योगदान माना जाता है।
उन्होंने भारत को विश्व राजनीति में भी प्रस्तुत किया। 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 जब तक उनकी मृत्यु नही हुई, तब तक वह भारत के प्रधानमंत्री रहे।
उनकी पुत्री इंदिरा गांधी आगे चलकर भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी। भारत की स्वतंत्रता व भारत के निर्माण में उनके योगदान अतुलनीय है।
उन्होंने स्वंतत्रता प्राप्ति से पहले अंग्रेजों से हर मोर्चें पर बात की व स्वंतत्रता प्राप्ति के बाद पाकिस्तान से कड़े रुख में कई मुद्दों पर बात की। अंग्रेज भी उनकी बातों को गंभीरता से लिया करते थे।
आज बाल दिवस के मौके पर हम सभी ने उनके सम्मान में एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन किया है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।