मजदूर दिवस पर भाषण

Speech on Labour Day in Hindi

मजदूर दिवस पर भाषण : Speech on Labour Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मजदूर दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप मजदूर दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

मजदूर दिवस पर भाषण : Speech on Labour Day in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रबंधक जी, माननीय अतिथिगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम —— है और मैं इस संस्था का सदस्य हूँ।

हमारी संस्था का मुख्य कार्य मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करना व उन पर होने वाले शोषणों को कम करना।

आज 1 मई के दिन मजदुर दिवस के अवसर पर मैं एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।

सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।

आज मैं “अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस” विषय पर पर दो शब्द कहने जा रहा हूँ। किसी भी देश के विकास में उस देश के सभी वर्गों के लोगों के काम की आवश्यकता होती है।

जहाँ उच्च वर्ग के लोग व्यवसाय करते है। मध्यम वर्ग के लोग उस व्यवसाय को चलाने का काम करते है। जबकि, निम्न वर्ग के लोग उसे अपने शारीरिक श्रम से पूरा करते है।

मजदूर वर्ग के लोग अपने शरीर की मदद से अपना काम करते है। सभी वर्ग के लोगों की तुलना में मजदूर वर्ग ज्यादा काम करते है और उन्हें बाकी सभी वर्गों के मुकाबले आय भी कम मिलती है।

मजदूर वर्ग के लोगों को हमेशा से ही छोटा समझा जाता है। हमेशा उनका अनादर किया जाता है। उनका शोषण किया जाता है।

लेकिन मजदूर वर्ग के लोगों के कार्य के बिना कोई भी काम असंभव होता है। कोई भी काम उनके किये बिना कभी पूर्ण नही हो सकता है।

मजदूरों के सम्मान के लिए प्रतिवर्ष 1 मई के दिन अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूर्ण रूप से मजदूर वर्ग को समर्पित होता है।

इस दिन कंपनी व कारखानों में मजदूरों को सम्मानित किया जाता है। पहले के समय में मजदूरों का बहुत शोषण किया जाता था।

उन्हे समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता था। कईं बार उनके साथ मारपीट भी की जाती थी। महिलाओं को उचित सम्मान नही दिया जाता था।

इन कारणों की वजह से मजदूर वर्ग में असंतोष की भावना फ़ैल गई। जिसकी वजह से जगह जगह उच्च वर्ग के प्रति आंदोलन होने लगे।

सबसे पहले 1 मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन हुआ, जिसमें पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चला दी।

जिसमें कईं लोगों की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हो गए। इस दिन से ही 1 मई के दिन को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत में इसे सन 1923 में किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में शुरू किया गया। इन सभाओं में यह तय किया गया कि किसी भी मजदूर को 8 घंटे से ज्यादा काम नही कराया जा सकता है।

क्योंकि, पहले के समय में मजदूरों को 12 से 14 घंटे तक काम कराया जाता था। जिससे उन्हें कईं बार गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता था।

जिसके बाद तय किया गया कि उनके साथ गलत व्यवहार नही किया जा सकता है। प्रत्येक कंपनी व कारखानों में मजदूर यूनियन बनाई जाएगी।

इस यूनियन का काम होगा की मजदूरों की समस्याओं को मालिक तक पहुंचाना तथा उनका निवारण करना। इस दिन विश्व के कईं देशों में मजदूरों का अवकाश होता है।

इस दिन को मानने का मुख्य उद्देश्य होता है:- मजदूरों को सम्मानित करना, उनकी जरूरतों को समझना, उन्हें शोषण से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाना व उनके योगदान का शुक्रिया अदा करना।

किसी भी मजदूर के बिना औद्योगिक ढांचा खड़ा कर पाना नामुमकिन है। आज भी कईं जगह मजदूरों पर अत्याचार होता है।

देश की सरकार भी मजदूर वर्ग के लिए लगातार सहायता योजनाएं ला रही है। आज श्रमिक के न्याय के लिए श्रमिक न्यायालय का निर्माण किया गया है।

जहाँ जल्द से जल्द फैसला सुना दिया जाता है। आज सरकार द्वारा PF व ESIC जैसी सुविधाएं मजदूरों को दी जा रही है।

इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आएगा।

धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

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