नेतृत्व पर भाषण

नेतृत्व पर भाषण : Speech on Leadership in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘नेतृत्व पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप नेतृत्व पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
नेतृत्व पर भाषण : Speech on Leadership in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —– है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय नेतृत्व है।
यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं नेतृत्व पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा। किसी भी काम को करने का सबसे आसान तरीका होता है, उसे अकेला न किया जाए।
बल्कि, एक टीम या समूह के साथ किया जाए। तब उस काम को समय पर व आसानी से किया जा सकता है। क्या ये काफी है? नहीं।
यदि काफी हद तक कहा जाए, तो यह मुमकिन नहीं है कि वह काम सही तरीके से व समय पर ही पूरा हो। क्योंकि, सभी लोग अपनी मर्जी से काम करेंगे, जिससे काम ख़राब होने के अवसर बढ़ जायेंगे।
तो ऐसे में सही तरीका क्या है? जिससे काम को आसानी के साथ किया जा सके। यदि किसी भी समूह से कोई काम करवाना हो, तो उसके लिए सबसे पहले उन सभी में से एक योग्य नेता का चुनाव करना होगा।
जो सभी का नेतृत्व करके सभी को उनका काम समझाकर उनसे समय पर काम करवाए। एक नेता का मुख्य काम होता है:- अपने गुट से काम करवाना।
लेकिन, यह इतना भी आसान नहीं होता है। एक नेता में बहुत से गुण होने चाहिए, जिससे वह सभी को साथ लेकर काम करवा सके।
एक नेता को उस काम से जुड़ी बारीक़ से बारीक़ जानकारी होनी चाहिए। ताकि, किसी भी सदस्य को काम करने में कोई परेशानी हो, तो वह उसकी मदद कर सके।
इसके साथ-साथ उसका स्वभाव सबके लिए समान होना चाहिए। कभी नरम तो जरुरत पड़ने पर गरम स्वभाव भी होना चाहिए।
ताकि, सभी लोग उसका सम्मान कर सके। उसके लिए वे लोग जो उसकी हाँ में हाँ मिलाये और जो उसका विरोध करे, दोनों ही बराबर होने चाहिए।
उसके दरवाजे सभी साथियों के लिए हमेशा खुले होने चाहिए। ताकि, जब भी उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वे बेझिझक उसके पास आ सके और अपनी परेशानी उसके साथ साझा कर सके।
इसके साथ-साथ एक नेता में अत्मविश्वास भरपूर मात्रा में होना चाहिए। ताकि, वह अपने साथियों को भी आत्मविश्वास से भर सके।
एक नेता को हमेशा ही आत्मनिर्भर होना चाहिए। उसे अपना काम खुद से करना चाहिए। ताकि, टीम के अन्य सदस्य भी अपना काम स्वयं कर सके।
उसे हमेशा समय का पाबंद होना चाहिए। जो भी गुण वह अपनी टीम के सदस्यों से चाहता है, उसे वह सबसे पहले खुद में लाने होंगे। तभी सब लोग उसका अनुसरण कर सकेंगे।
एक नेता में ईमानदारी, निष्ठा, एकाग्रता, बुद्धिमता एवं पहलपन के गुण अवश्य होने चाहिए। एक नेता में टीम प्रबंधन की क्षमता जरूर होनी चाहिए।
कईं बार टीम में उससे वरिष्ठ व कनिष्ठ दोनों तरह के सदस्य होते है, तो उसे वरिष्ठ के अनुभव व कनिष्ठ के जोश को साथ लेकर काम करना होता है।
एक नेता को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह सही इंसान को सही काम दे सके। ताकि, काम ख़राब न हो और सभी सदस्य अपनी पूरी कार्यक्षमता से काम कर सके।
एक नेता को सफलता व असफलता दोनों ही परिस्थिति में समान व्यवहार करना चाहिए। ताकि, टीम के अन्य सदस्य भी ऐसा ही कर सके।
नेता को हमेशा अपनी टीम के सदस्यों के साथ बात करते रहना चाहिए। किसी भी नेता को सबसे पहले एक अच्छा इंसान होना चाहिए।
किसी भी देश, समाज, गाँव या परिवार को यदि तरक्की करनी है, तो उसके लिए उसका नेतृत्व सही इंसान के हाथों में होनी अत्यंत आवश्यक है।
यदि देश का नेतृत्व सही हाथों में होगा, तभी देश सही दिशा में तरक्की कर पाएगा। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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