मातृ दिवस पर भाषण

मातृ दिवस पर भाषण : Speech on Mothers Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मातृ दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मातृ दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
मातृ दिवस पर भाषण : Speech on Mothers Day in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया। आज हम सभी मातृ दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम में एकत्रित हुए है।
सबसे पहले मै यहां उपस्थित सभी माताओं को प्रणाम करता हूँ और उनका शुक्रिया अदा करता हूँ, जिन्होंने अपना पूरा जीवन हम बच्चों के जीवन को संवारने में लगा दिया।
आज हम सभी ने आप सभी का शुक्रिया अदा करने के लिए एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन किया है। माँ एक ऐसा शब्द होता है, जिसमें एक बच्चे की पूरी दुनिया होती है।
माँ किसी भी व्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक होती है, जो उसे इस संसार में मिलते है। जब भी मैं घर में जाता हूँ, तो सबसे पहले मैं हमेशा अपनी माँ को ही ढूंढता हूँ।
जब भी मुझे चोट लगती है, तो सबसे पहले मेरे मुंह से माँ शब्द ही निकलता है। जब भी मुझे कोई समस्या होती है, तो मुझे हमेशा मेरी माँ की ही याद आती है।
क्योंकि, मैं कहीं न कहीं यह जानता हूँ कि इस पूरी दुनिया में एक मेरी मां ही है, जो मेरे साथ हर मुश्किल परिस्थिति में मेरे साथ खड़ी रहेगी।
आज भी जब मेरी परीक्षा होती है, तो मेरी माँ का पूरा ध्यान मेरी पढ़ाई पर होता है। वह हर वक्त यह देखती रहती है कि कहीं मुझे किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।
माँ के साथ सब कुछ आसान लगता है और मां के बिना सब कुछ मुश्किल लगता है। यदि, माँ नही होती, तो घर की आवश्यक वस्तुएँ खोजना भी मुश्किल हो जाता है, तो जीवन उसके बिना कैसे चल सकता है?
मैं जब भी कोई काम करता हूँ तो मेरे दिमाग में यह ख्याल आता है कि मैं जरूर सफल हो जाऊंगा, क्योंकि मेरी माँ का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है।
यदि, मैं असफल हो जाऊ तब भी मेरी माँ मुझे बाकी लोगों की तरह असफलता के लिए परेशान नही करेगी। वह मुझे समझाएगी तथा मुझे दुबारा काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
मेरी माँ बहुत शालीन व शांत प्रवृत्ति की महिला है। वह हमेशा से ही मुझे भी हमेशा शांत रहने की सलाह देती है। आज मुझमें जो भी संस्कार है, वह मेरी माताजी की ही देन है।
एक बच्चा अपनी माँ के लिए कुछ भी करें, लेकिन माँ हमेशा अपने बच्चे के लिए अच्छा ही सोचती है। यदि बच्चा अपना पूरा जीवन भी लगा दे, तभी भी वह अपनी माँ के कर्ज को नही चुका सकता है।
माँ और बच्चे का जीवन इतना खूबसूरत होता है कि एक बार भगवान भी इसे देखने के लिए रुक जाए। इसी सुख का आनंद लेने के लिए भगवान ने भी इस जगत में माता से ही जन्म लिया।
माँ की ममता की तुलना कभी भी किसी से नही की जा सकती है। माँ हमेशा से ही अपने बच्चे के लिए त्याग करती है।
अपनी खुशियों से पहले हमेशा अपने बच्चे की खुशी को रखती है। स्वयं मुश्किलों में रहती है लेकिन, अपने बच्चे को सुख देने का प्रयास करती है।
इसलिए माँ की तुलना भगवान से भी की गई है। माँ एक बच्चे की पहली गुरु भी होती है। वह उसे जीवन की पहली सीख देती है।
आज का दिन इसी त्याग व बलिदान को समर्पित है, जिसे हम मातृ दिवस के रूप में मनाते है। इसे प्रतिवर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
वैसे तो सभी दिन माँ से ही शुरू होते है और माँ पर ही खत्म होते है। लेकिन, इस दिन माँ का शुक्रिया अदा किया जाता है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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