मेरे विद्यालयी जीवन पर भाषण

मेरे विद्यालयी जीवन पर भाषण : Speech on My School Life in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मेरे विद्यालयी जीवन पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मेरे विद्यालयी जीवन पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
मेरे विद्यालयी जीवन पर भाषण : Speech on My School Life in Hindi
नमस्कार आदरणीय प्रधानाचार्य जी, विशेष अतिथिगण, सभी शिक्षकगण और मेरे सभी साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं आप सभी को तहदिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
जैसा कि आप सभी जानते है कि आज हम 12वीं कक्षा की विदाई समारोह के लिए एकत्रित हुए है।
इस शुभ अवसर पर मैं आज आप सभी के सामने अपने विद्यालयी जीवन पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी मेरा यह भाषण पसंद करेंगे।
जैसा कि आप सभी जानते है कि विद्यालय वह स्थान है, जहाँ एक बच्चा अपने जीवन की पहली सीढ़ी पर पैर रखता है। एक बच्चा अपनी शिक्षा का प्रारम्भ विद्यालय से ही करता है।
यहाँ एक बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ नई-नई चीज़ें भी सिखता है और मनोरंजन भी करता है। आज विद्यालय हमारें जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
जहाँ हम सभी शिक्षा प्राप्त करते हैं और अपने करियर की शुरुआत करते है। एक शिक्षक अपने जीवन का सम्पूर्ण ज्ञान हमेशा बच्चों को देने की कोशिश करता है, जिसे वह विद्यालय के माध्यम से शिक्षा देता है।
विद्यालय हमारें लिए दूसरे परिवार की तरह होता है। जहाँ हम अपने दिन का अधिकतम हिस्सा बिताते है।
मैंने अपने विद्यालयी जीवन का बहुत आनंद लिया है।
हमारें विद्यालय ने हमें एक अच्छा वर्तावरण प्रदान किया है। हमें ऐसे शिक्षक मिले, जिन्होंने हमें हमेशा प्रोत्साहित किया। हमारे प्रधानाचार्य जी ने हमेशा हमारी सहायता की।
हमारे विद्यालय का प्रबंधन भी काफी अच्छा है। मैंने अपने विद्यालयी जीवन से ही समय का महत्व सीखा है। हमें हमारें विद्यालय ने पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन में भी रहना सिखाया है।
विद्यालय में पढ़ाई के आलावा हमने खेलकूद में भी भाग लिया। हमनें विद्यालय में कईं बार वृक्षारोपण भी किया। मैंने अपने विद्यालयी जीवन में कईं मित्र बनायें और उनके साथ विद्यालय जीवन का आनंद लिया है।
हम सभी काफी बार विद्यालय से घूमने भी गए और मित्रों के साथ मिलकर काफी मनोरंजन भी किया है। हमनें कईं बार विद्यालय की तरफ से खेल प्रतियोगिताओ में भी हिस्सा लिया है।
कभी जीते और कभी हारे, लेकिन हमनें हमेशा इनसे कुछ न कुछ सीखा है। हम कईं बार स्कूल के लिए ट्रॉफी भी जीत कर लाये है।
हमारें विद्यालय ने हमें हमेशा एक परिवार की तरह रखा है। प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों ने हमें अपने बच्चों की तरह प्यार दिया है।
हमारी सभी प्रकार से सहायता करने की कोशिश की है। यहाँ मेरे सहपाठियों ने भी हमेशा मेरी सहायता की है और अपने परिवार की तरह महसूस कराया है।
हमनें इस विद्यालय के परिसर में कभी लड़ाई की, कभी हंसी-मजाक किया और कभी खेला-कूदा है, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते है।
हमें विद्यालय जैसा माहौल कभी दुबारा नहीं मिल सकता है। हमें हमेशा इसकी कमी महसूस होती रहेगी।
आप सभी अध्यापकों ने ही हमें इस काबिल बनाया है कि हम अपने जीवन में आगे बढ़ सके और कठिन परिस्थितियों का सामना कर सके।
मैं आप सभी अध्यापकों, प्रधानाचार्य जी एवं सहपाठियों को आपके सहयोग एवं प्यार के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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