भारत की नई शिक्षा नीति पर भाषण

भारत की नई शिक्षा नीति पर भाषण : Speech on New Education Policy of India in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भारत की नई शिक्षा नीति पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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भारत की नई शिक्षा नीति पर भाषण : Speech on New Education Policy of India in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी शिक्षकगण, और सभी साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम —- है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
मैं आप सभी का तहदिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस अवसर पर भाषण देने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं आप सभी के सामने भारत की शिक्षा निति पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
एक समाज या एक देश को यदि उन्नति करनी है, तो उसके हर नागरिक को शिक्षित होना बहुत जरुरी है। उसके लिए उस देश की शिक्षा नीति भी बहुत अच्छी होनी चाहिए।
शिक्षा नीति का अर्थ होता है:- शिक्षा को नियंत्रित करने व उसको सुचारु रूप से चलाने के लिए नियम कानून व सिद्धांतो का समावेश।
भारत एक बहुत बड़ा देश है और इसकी आबादी पूरे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। इतनी बड़ी आबादी के लिए जहाँ थोड़ी-थोड़ी दूर पर बोली बदल जाती है।
उसके लिए एक अच्छी शिक्षा नीति बनाना एक बहुत ही कठिन कार्य है। स्वतंत्र भारत की पहली शिक्षा नीति सन 1986 में लायी गई थी और इसमें सन 1992 में संसोधन किया गया था।
इसके पश्चात सन 2020 में फिर से शिक्षा नीति में संशोधन किया गया। पहले भारत की शिक्षा नीति 10+2 के सिद्धांत पर काम करती थी।
जिसमें प्रायोगिक विषयों पर ज्यादा बल न देकर थ्योरी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था। सन 2020 की शिक्षा नीति में सरकार ने बहुत से आवश्यक कदम उठाए है।
इसमें 5+3+3+4 की संरचना का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें 3 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों को रखा गया है। इसमें शुरू मे बच्चों के लिए 5 वर्ष का आधारभूत पाठ्यक्रम रखा गया है।
जिसमें 3 वर्ष पूर्व-प्राथमिक विद्यालय व कक्षा 1 एवं 2 को रखा गया है। अगले तीन वर्ष तीसरी, चौथी व पांचवी को प्रारंभिक चरण में रखा जाता है।
उसके पश्चात अगले तीन वर्षों को मध्य या उच्च प्राथमिक में रखा गया है। जिसमें कक्षा छह, सात एवं आठ को रखा गया है।
उसके बाद कक्षा 9, 10, 11 एवं 12 को उच्च माध्यमिक चरण में रखा गया है। नई शिक्षा नीति के तहत HHRO द्वारा एक राष्ट्रिय मिशन का प्रस्ताव रखा गया है।
जिसमें बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मिक ज्ञान पर ध्यान दिया जाएगा। इस शिक्षा नीति में भाषा विविधता एवं शारीरिक शिक्षा पर खासा ध्यान दिया गया है।
इसमें पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन सम्बंधित सुधार भी किये गए है और पाठ्यक्रम को नवीन किया जाएगा। इसमें NCERT के द्वारा विद्यालयी शिक्षा के लिए नई राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को तैयार किया जाएगा।
इसमें कक्षा छह के पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ दिया गया है। इसमें छात्रों को व्यवसाय से जुड़ी प्रशिक्षुता करना अनिवार्य होगा, जिससे उनमे कार्य करने के लिए कौशल विकसित होगा।
इस शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास को देखते हुए कक्षा 10 एवं 12 की शिक्षा को छमाही में बदला जाएगा व इनके प्रश्नपत्रों मे भी सुधार किये जाएंगे।
इसमें छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए व छात्रों को अपने भविष्य से जुड़े निर्णय लेने के लिए कृत्रिम होशियारी पर बने सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा।
इस शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा पर भी बहुत अधिक ध्यान दिया गया है। सरकार ने शिक्षा नीति को बेहतर करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है।
सरकार ने शिक्षा नीति बनाते समय हर पहलु पर काम किया है। किसी भी देश की शिक्षा नीति उस देश के छात्रों के विकास में एक बहुत बड़ा योगदान निभाती है।
शिक्षा का अर्थ होता है:- सीखने व सिखाने की प्रक्रिया। इसके साथ-साथ मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। अतः आप सभी यह जानते ही होंगे कि शिक्षा कितनी आवश्यक है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।