मोटापा पर भाषण

मोटापा पर भाषण : Speech on Obesity in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मोटापा पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मोटापा पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
मोटापा पर भाषण : Speech on Obesity in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- “मोटापा”।
यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं “मोटापा” विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा। आपने कईं ऐसे लोगों को देखा होगा, जो आवश्यकता से अधिक ही मोटे होते है।
मनुष्य अपने अनुसार अपने शरीर को किसी भी परिस्थिति में ढाल सकता है। वह चाहे तो, अपने शरीर को मोटा व पतला कर सकता है।
एक मनुष्य के मोटे होने के कईं कारण होते है। वर्तमान समय में लोगों का खान-पान काफी ख़राब हो गया है और न ही वह कोई व्यायाम करते है।
आजकल लोग बर्गर, पिज्जा, इत्यादि जैसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते है, जिससे उनका मोटापा बढ़ता है।
वर्तमान समय में तकनीक इतनी अधिक बढ़ गई है कि अब मनुष्य को अपने ज्यादातर कार्यों में मेहनत नहीं करनी पड़ती है, जिससे उनमें आलस्य भी बढ़ रहा है।
लोगों ने मेहनत करना व पैदल चलना तो बिलकुल ही कम कर दिया है। जिसके कारण ही लोग मोटे होते जा रहे है।
वर्तमान समय में बच्चे बाहर खेलने के बजाय घर पर ही मोबाईल चलाते रहते है। जिससे उनका शरीर तो मोटा होता ही है, साथ-साथ उनका मानसिक विकास भी नहीं हो पाता है।
मोटे होने के कईं नुकसान भी होते है। मोटापा हर बीमारी की जड़ होता है। मोटे लोगों को कोई भी बीमारी आसानी से हो जाती है।
मोटे लोगों की सांसे जल्दी फूलने लगती है और उनको उठने-बैठने के लिए भी हमेशा किसी की सहायता की आवश्यकता होती है। उन्हें सभी प्रकार के कार्य करने में परेशानी भी होती है।
हम इस मोटापे को कम कर सकते है। इसके लिए हमें रोजाना सुबह जल्दी उठकर दौड़ने एवं योग करना चाहिए।
जितना अधिक हो सके, उतनी दूरी पर जाने के लिए पैदल ही जाना चाहिए। हमें खुद भी खेलना चाहिए और बच्चों को भी बाहर खेलने देना चाहिए।
हमारा यह शरीर जितना अधिक चुस्त और फुर्तीला रहेगा, हम उतने ही स्वस्थ रहेंगे। हमारा शरीर एक मशीन की तरह होता है।
जिस प्रकार मशीन का जितना अधिक उपयोग किया जाए, वह उतनी ही अच्छी तरह से चलती है। लेकिन, यदि आप मशीन का उपयोग नहीं करेंगे, तो इसमे धीरे-धीरे जंग लग जाती है।
उसके बाद यह किसी भी काम की नहीं रहती है। ठीक, इसी प्रकार हमारा शरीर है। यदि हम इसका उपयोग नहीं करेंगे या कोई व्यायाम नहीं करेंगे, तो यह भी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देगा।
इसके बाद हम एक बीमारी का घर बनकर रह जायेंगे। इसीलिए, हमें अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए और उसे हमेशा ही व्यस्त रखना चाहिए। आलस्य एवं कामचोरी मोटापे का सबसे का बड़ा कारण है।
यह शरीर हमें भगवान की दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार है। हमें इसका हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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