सम्मान पर भाषण

Speech on Respect in Hindi

सम्मान पर भाषण : Speech on Respect in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘सम्मान पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप सम्मान पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

सम्मान पर भाषण : Speech on Respect in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।

मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- “सम्मान”।

यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।

आज मैं “सम्मान” विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा। एक मनुष्य के लिए “सम्मान” सबसे महत्वपूर्ण है।

एक व्यक्ति को उसकी योग्यता और प्रतिष्ठा के आधार पर सम्मान प्राप्त होता है। मनुष्य जिस समाज, संस्था, परिवार, विद्यालय व राष्ट्र में रहता है, वहाँ उसे सम्मान की बेहद आवश्यकता होती है।

क्योंकि, यह उस व्यक्ति की अहमियत को दर्शाता है। जब एक व्यक्ति इस दुनिया में आता है, तो सबसे पहले वह अपने परिवार से जुड़ता है।

उसके पश्चात वह धीरे-धीरे इस समाज से जुड़ने लगता है। वह बचपन से देखता है कि इस समाज में जिसका सम्मान ज्यादा होता है, उन्हें लोग ज्यादा अहमियत प्रदान करते है और उनका अधिक सम्मान किया जाता है।

सम्मान के द्वारा एक मनुष्य को समाज में ‘मूल्य’ व ‘कद’ दोनों प्राप्त होते है। सम्मान मनुष्य को हमेशा अन्य लोगों से प्राप्त होता है।

लेकिन, आत्मसम्मान मनुष्य को स्वयं अपने भीतर ही प्राप्त होता है। जिसका अर्थ होता है कि एक व्यक्ति अपने अनुभव के आधार पर अपने बारे में एक सोच बना लेता है।

वह सोच नकारात्मक व सकारात्मक दोनों प्रकार की हो सकती है, उस सोच को ही आत्मसम्मान कहा जाता है।

आत्मसम्मान मनुष्य में उसके कार्यों के आधार पर, समाज द्वारा दिए गए सम्मान के आधार पर व उसके अनुभव के आधार पर भी आता है।

मनुष्य का सम्मान तो समाज में होना ही चाहिए। लेकिन, एक मनुष्य में आत्मसम्मान भी होना चाहिए। इसी वजह से समाज में भी उसका सम्मान अधिक होगा।

इसके लिए मनुष्य को हमेशा अच्छे काम करने चाहिए। जिसकी वजह से उसके अंदर आत्मसम्मान अधिक मात्रा में होगा।

आत्मसम्मान होने से समाज मनुष्य की अहमियत को समझता है और वह स्वयं भी अपनी अहमियत को समझता है।

जिस कारण वह लगातार अच्छे काम करता रहता है। जिससे वह समाज और देश की तरक्की में एक बहुमूल्य योगदान देता है।

सम्मान मनुष्य को उसके अच्छे कार्यों के आधार पर मिलता है। उसके लिए उसे उचित शिक्षा ग्रहण करनी होती है।

किसी भी संस्थान में बहुत ऊपर पहुंचने के लिए लगातार मेहनत, ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करने पड़ते है। जिससे लोग उसे देखकर प्रेरित होते है और धीरे-धीरे उसका सम्मान करने लगते है।

सम्मान हासिल करने में काफ़ी अधिक समय लग जाता है, लेकिन उसे खोने में चंद समय लगता है।

सम्मान प्राप्त करने के बाद उसे बनाए रखना भी बेहद आवश्यक जरुरी होता है, इसके लिए व्यक्ति को अच्छे काम करते रहना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में किसी भी इंसान को सम्मान के बारे में सिखाया जा सकता है।

वह अपने से बड़े तथा छोटे लोगों तथा अपने अध्यापकों का सम्मान करना सीखता है, जो उसे एक अच्छा नागरिक बनने में मदद करता है।

सम्मान एक ऐसी चीज़ है, जो आप सामने वाले को देते हो, तो बदले में आपको भी सम्मान ही मिलता है।

अंत में मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको सम्मान के बारे मे समझ आ गया होगा। मेरा पूरा भाषण सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

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