शिक्षक/अध्यापक पर भाषण

शिक्षक/अध्यापक पर भाषण : Speech on Teacher in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘शिक्षक/अध्यापक पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप शिक्षक/अध्यापक पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
शिक्षक/अध्यापक पर भाषण : Speech on Teacher in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज मैं आप सभी के सामने “शिक्षक” विषय पर छोटा सा भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो एक विद्यार्थी को उसके लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करता है। शिक्षक एक विद्यार्थी के जीवन में अहम भूमिका निभाता है।
वह शिक्षक ही होता है, जो एक विद्यार्थी का सही मार्गदर्शन करता है। शिक्षक के बिना विद्यालय का भी कोई महत्व नहीं है।
एक शिक्षक भविष्य का आधार रखता है और देश के उज्जवल भविष्य के लिए अपने प्रयास करता है। एक शिक्षक एक कुम्हार की भांति होता है।
जिस प्रकार कुम्हार एक मटके को तैयार करने के लिए उसे बाहर से पीटता है और अंदर से उसे सहलाता है और फ़िर उसे भट्टी में तपाता है। इस प्रकार से एक मटके को सही आकार प्राप्त होता है।
इसी प्रकार एक शिक्षक भी विद्यार्थी को कभी प्यार से तो कभी गुस्सा करके उसे सही आकार प्रदान करने का प्रयास करता है।
एक शिक्षक विद्यार्थी को सिर्फ शिक्षा ही प्रदान नहीं करता है, बल्कि उसे सभ्य भी बनाता है। कहा जाता है कि यदि आपको किसी देश का भविष्य जानना है, तो उस देश के बच्चों को देख लें।
बच्चे हमारे देश का भविष्य है और हमारा भविष्य तभी उज्जवल हो सकता है, जब बच्चों को सही शिक्षा प्राप्त हो। शिक्षा ही बच्चे को आत्मनिर्भर और प्रगतिवान बनाती है।
शिक्षा से ही एक देश का विकास संभव है। एक शिक्षक पर देश के भविष्य की जिम्मेदारी होती है। उसके द्वारा उठाए गए कदम बच्चों के भविष्य को प्रभावित करते है।
एक शिक्षक इस समाज में रीढ़ की हड्डी की भांति होता है। जिस प्रकार बिना रीढ़ की हड्डी के एक मनुष्य खड़ा भी नहीं हो सकता है, उसी प्रकार बिना शिक्षा और शिक्षक के यह समाज भी खड़ा नहीं हो सकता है।
एक शिक्षक समाज को मजबूत बनाता है। शिक्षक ही एक व्यक्ति को शिक्षा देकर अपने बल पर खड़ा करता है।
जिसके कारण ही एक व्यक्ति को अपने अधिकार ज्ञात होते है और आवश्यकता पड़ने पर अपने लिए लड़ भी सकता है। इसीलिए शिक्षक का इस समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है।
मैं अपने सभी शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने हमारा हमेशा साथ दिया और हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया।
आप सभी ने हमें अच्छी शिक्षा प्रदान की और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। आपने हमें किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान भी प्रदान किया।
इतना कहकर मैं अपने इस छोटे से भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।