बेरोज़गारी पर भाषण

बेरोज़गारी पर भाषण : Speech on Unemployment in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बेरोज़गारी पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बेरोज़गारी पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बेरोज़गारी पर भाषण : Speech on Unemployment in Hindi
शुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्रिय साथियों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
मेरा नाम — है। मैं इस विद्यालय में कक्षा — का छात्र हूँ। जैसा कि आप सभी जानते है कि हम सभी इस —- कार्यक्रम के लिए एकत्रित हुए है।
मैं इस कार्यक्रम में आप सभी के सामने बेरोजगारी पर भाषण देने जा रहा हूँ। सर्वप्रथम मैं आप सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर भाषण देने अवसर प्रदान किया।
बेरोजगारी का अर्थ होता है:- जिसके पास जीवनयापन करने के लिए अपना कोई रोजगार न हो। मनुष्य को अपना जीवनयापन करने के लिए कुछ आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता होती है।
उन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए उसे एक रोजगार की आवश्यकता होती है। आज जैसा कि हम सभी जानते है कि हमारें देश में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है।
यह हमारें देश के लिए एक अभिशाप की तरह है। आज शिक्षित युवा भी बेरोजगार घूम रहे है। जिससे उनमें नकारात्मकता की भावना बढ़ती जा रही है।
युवा बेरोजगार होने की वजह से सही राह से भटक रहे है और गलत रास्ते को चुनने लगे है। वह चोरी-चकारी एवं लूट-पाट करने लगे है।
पिछले कुछ समय से बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरी है। जिससे निजात पाना हमारे लिए बहुत आवश्यक है।
बेरोजगारी भी विभिन्न प्रकार की होती है। जैसे:- मौसमी बेरोजगारी, शिक्षित बेरोजगारी, तकनीकी बेरोजगारी, खुली बेरोजगारी, दीर्घकालिन बेरोजगारी एवं आकस्मिक बेरोजगारी।
कईं बेरोजगारी ऐसी होती है, जो होते हुए भी नहीं दिखाई देती है। जिसमे व्यक्ति के पास रोजगर तो होता है, लेकिन उसे उसकी शिक्षा एवं प्रतिभा के अनुसार रोजगार नहीं मिल पाता है।
बेरोजगारी के कईं कारण होते है, जैसे:- जनसंख्या वृद्धि, अशिक्षा, स्वरोजगार की कमी, मौसमी व्यवसाय, धीमी आर्थिक वृद्धि एवं कुटिल उद्योग में गिरावट।
भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में सभी को रोजगार उपलब्ध करवा पाना काफी मुश्किल कार्य है। हमारें देश में जनसंख्या तो अधिक है, लेकिन रोजगार के साधन कम है।
इसके अतिरिक्त हमारे देश की जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। उनके लिए आज भी रोजगार का साधन सिर्फ कृषि है।
बेरोजगारी के बढ़ने से देश को इसके बुरे परिणाम भी भुगतने पड़ते है। यदि देश में बेरोजगारी बढ़ती है, तो देश में गरीबी भी बढ़ती है।
इसके साथ-साथ देश में अपराध भी बढ़ते है। जब व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता है, तो वह अपराध करने को मजबूर हो जाता है।
बेरोजगारी बढ़ने से और भी परिणाम आते है, जैसे:- राजनैतिक अस्थिरता, श्रमिकों का शोषण एवं कौशल की हानि।
हमारे देश को बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने की जरूरत है। अब सरकार भी बेरोजगारी को एक गंभीर समस्या के रूप में ले रही है और बेरोजगारी को कम करने के उपाय खोज रही है।
सरकार ने कईं ऐसे नियम बनाए है, जिससे आम लोग आसानी से स्वरोजगार कर सके और दूसरों को भी रोजगार दे सके।
भारत सरकार देश में बेरोजगारी को कम करने पर काम कर रही है।सरकार को युवाओं के लिए कईं तरह के रोजगार के अवसरों को पैदा करना चाहिए और उन्हें शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।
सरकार लगतार इसके लिए कदम उठा रही है। हमें बेरोजगारी की तरफ ध्यान देना चाहिए। इससे देश का विकास भी होगा। इसी के साथ मैं अपना यह भाषण समाप्त करने जा रहा हूँ।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।