एकता पर भाषण

एकता पर भाषण : Speech on Unity in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘एकता पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप एकता पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
एकता पर भाषण : Speech on Unity in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम — है और मैं 10वीं कक्षा का छात्र हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर खड़े होने का मौका दिया।
आज इस शुभ अवसर पर मैं आप सभी के सामने एकता पर भाषण देना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आए।
जैसा कि आप सभी जानते है कि एकता में कितनी ताकत होती है। एकता से मनुष्य आपस में जुड़े रहते है। एकता में अटूट शक्ति होती है, जो सभी को आपस में बांधकर रखती है।
जैसा कि आप सभी जानते है कि भारत एक विविधता वाला देश है। यहाँ अनेक धर्म व जातियों के लोग मिलकर रहते है।
एकता मोतियों की माला के धागे के समान होती है, जो सभी मोतियों को एक साथ जोड़कर रखती है और इससे वह एक सुंदर माला बनती है।
उसी प्रकार एकता भी सभी लोगों को आपस में बांधकर रखती है। एकता अपने आप में ही एक अद्वितीय गुण है। एकता सफलता की कुंजी है।
यदि एक दल में एकता है, तो उन पर विजय प्राप्त कर पाना काफ़ी अधिक कठिन होता है। एकता के बल पर ही भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की है।
बिना एकता के हमारे लिए स्वतंत्रता पाना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन था। जिस समूह व देश में एकता नहीं होती है उसे तोड़ना या हराना काफी आसान होता है।
जिस प्रकार एक लकड़ी को तोड़ना आसान होता है, लेकिन एक लकड़ी के गठ्ठे को तोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
एकता में यही ताकत होती है, वह किसी भी चीज को आसानी से टूटने नहीं देती है। एक शेर भी कभी बकरियों के झुण्ड पर हमला नहीं करता है।
वह भी एक अकेले शिकार को पकड़ता है और उसे अपने झुण्ड से अलग कर उनका शिकार करता है।
वर्तमान में देश में ऐसे अराजक तत्व हो गए है, जो अपने फायदे के लिए इस देश की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे है।
कईं राजनेता भी ऐसे है, जो केवल कुछ मत प्राप्त करने के लिए धर्मों को आपस में लड़वाते है। इन सभी चीजों से हमारे देश की एकता टूट रही है।
जिस देश के लोगों में एकता नहीं होती है, उस देश का अस्तित्व जल्दी ख़त्म हो जाता है। उस देश को हरा पाना और गुलाम बनाना आसान होता है।
जिस प्रकार माला के टूट जाने पर सारे मोती बिखर जाते है और माला अपना अस्तित्व खो देती है। ठीक उसी प्रकार एकता ख़त्म हो जाने पर भी इंसान ऐसे ही बिखर जाते है और अपना अस्तित्व खो देते है।
इसलिए हमें अपने देश में एकता बनाए रखनी चाहिए। हमें ऐसे अराजक तत्वों और राजनेताओं की बातों में नहीं आना चाहिए और सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए।
हमें मिलकर इस देश की एकता को बनाए रखना होगा। ताकि हमारे देश की एकता को कोई भी भंग न कर सके और हमारा देश लगातार तरक्की करता रहे।
ऐसे ही हमें अपने आस-पास अपने परिवार में भी एकता बनाए रखनी चाहिए। जिससे कोई भी हमें आसानी से न तोड़ पाए।
अंत में मैं एक कथन के साथ अपना भाषण खत्म करने जा रहा हूँ। आप सभी का मेरा पूरा भाषण सुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
एकता बिन होता है हर कार्य अपूर्ण, इसे अपनाकर करो देश को पूर्ण
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।