तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
तत्पुरुष समास की परिभाषा : Tatpurush Samas in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘तत्पुरुष समास की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप तत्पुरुष समास की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
तत्पुरुष समास की परिभाषा : Tatpurush Samas in Hindi
समास का वह रूप, जिसमें उत्तर पद ‘प्रधान’ होता है, उसे ‘तत्पुरुष समास’ कहते है। यह कारक से भिन्न समास होता है। तत्पुरुष समास में ज्ञातव्य – विग्रह में जो कारक प्रकट होता है, उसी कारक वाला वह समास होता है। इसे बनाने में दो पदों के मध्य कारक-चिन्हों का लोप हो जाता है।
तत्पुरुष समास के उदाहरण
तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
---|---|
देशभक्ति | देश के लिए भक्ति |
राजपुत्र | राजा का पुत्र |
शराहत | शर से आहत |
राहखर्च | राह के लिए खर्च |
तुलसीदासकृत | तुलसी द्वारा कृत |
राजमहल | राजा का महल |
तत्पुरुष समास के भेद
मूल व्याकरण और संस्कृत व्याकरण के अनुसार तत्पुरुष समास के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
तत्पुरुष समास के भेद |
---|
व्यधिकरण तत्पुरुष समास |
समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
1. व्यधिकरण तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें प्रथम पद तथा द्वतीय पद दोनों भिन्न-भिन्न विभक्तियों में होते है, उसे ‘व्यधिकरण तत्पुरुष समास’ कहते है।
उदाहरण के तौर पर:- ‘राज्ञ:पुरुष: – राजपुरुष:‘ इसमें प्रथम पद ‘राज्ञ:‘ षष्ठी विभक्ति में है तथा द्वितीय पद ‘पुरुष:‘ प्रथम विभक्ति में है। इस प्रकार दोनों पदों में भिन्न-भिन्न विभाक्तियां होने से यहाँ पर ‘व्यधिकरण तत्पुरुष समास’ है।
व्यधिकरण तत्पुरुष समास के भेद
व्यधिकरण तत्पुरुष समास के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
व्यधिकरण तत्पुरुष समास के भेद |
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कर्म तत्पुरुष समास |
करण तत्पुरुष समास |
सम्प्रदान तत्पुरुष समास |
अपादान तत्पुरुष समास |
सम्बन्ध तत्पुरुष समास |
अधिकरण तत्पुरुष समास |
(i). कर्म तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के मध्य कर्मकारक छिपा हुआ होता है, उसे ‘कर्म तत्पुरुष समास’ कहते है। कर्मकारक का चिन्ह ‘को‘ होता है। ‘को‘ चिन्ह को कर्मकारक की विभक्ति भी कहा जाता है।
कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण
कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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रथचालक | रथ को चलने वाला |
ग्रामगत | ग्राम को गया हुआ |
माखनचोर | माखन को चुराने वाला |
वनगमन | वन को गमन |
मुंहतोड़ | मुंह को तोड़ने वाला |
स्वर्गप्राप्त | स्वर्ग को प्राप्त |
देशगत | देश को गया हुआ |
जनप्रिय | जन को प्रिय |
मरणासन्न | मरण को आसन्न |
(ii). करण तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसके प्रथम पद में ‘करण कारक’ का बोध होता है, उसे ‘करण तत्पुरुष समास’ कहते है। करण तत्पुरुष समास में दो पदों के मध्य ‘करण कारक’ छिपा होता है। करण कारक का चिन्ह अथवा विभक्ति ‘के द्वारा‘ और ‘से‘ होता है।
करण तत्पुरुष समास के उदाहरण
करण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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स्वरचित | स्व द्वारा रचित |
मनचाहा | मन से चाहा |
शोकग्रस्त | शोक से ग्रस्त |
भुखमरी | भूख से मरी |
धनहीन | धन से हीन |
बाणाहत | बाण से आहत |
ज्वरग्रस्त | ज्वर से ग्रस्त |
मदांध | मद से अँधा |
रसभरा | रस से भरा |
भयाकुल | भय से आकुल |
आँखों देखी | आँखों से देखी |
(iii). सम्प्रदान तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के मध्य सम्प्रदान कारक छिपा होता है, उसे ‘सम्प्रदान तत्पुरुष समास’ कहते है। सम्प्रदान कारक का चिन्ह अथवा विभक्ति ‘के लिए‘ होता है।
सम्प्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण
सम्प्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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विद्यालय | विद्या के लिए आलय |
रसोईघर | रसोई के लिए घर |
सभाभवन | सभा के लिए भवन |
विश्रामगृह | विश्राम के लिए गृह |
गुरुदक्षिणा | गुरु के लिए दक्षिणा |
प्रयोगशाला | प्रयोग के लिए शाला |
देशभक्ति | देश के लिए भक्ति |
स्नानघर | स्नान के लिए घर |
सत्यागृह | सत्य के लिए आग्रह |
यज्ञशाला | यज्ञ के लिए शाला |
डाकगाड़ी | डाक के लिए गाड़ी |
देवालय | देव के लिए आलय |
गौशाला | गौ के लिए शाला |
(iv). अपादान तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के बीच में अपादान कारक छिपा होता है, उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते है। अपादान कारक का चिन्ह ‘से‘ अथवा विभक्ति ‘से अलग‘ होता है।
अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण
अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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कामचोर | काम से जी चुराने वाला |
दूरागत | दूर से आगत |
रणविमुख | रण से विमुख |
नेत्रहीन | नेत्र से हीन |
पापमुक्त | पाप से मुक्त |
देशनिकाला | देश से निकाला |
पथभ्रष्ट | पथ से भ्रष्ट |
पदच्युत | पद से च्युत |
जन्मरोगी | जन्म से रोगी |
रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
(v). सम्बन्ध तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के मध्य सम्बन्ध कारक छिपा होता है, उसे ‘सम्बन्ध तत्पुरुष समास’ कहते है। सम्बन्ध कारक का चिन्ह ‘के‘ अथवा विभक्ति ‘का, के, की‘ होती है।
सम्बन्ध तत्पुरुष समास के उदाहरण
सम्बन्ध तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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राजपुत्र | राजा का पुत्र |
गंगाजल | गंगा का जल |
लोकतंत्र | लोक का तंत्र |
दुर्वादल | दुर्व का दल |
देवपूजा | देव की पूजा |
आमवृक्ष | आम का वृक्ष |
राजकुमारी | राज की कुमारी |
जलधारा | जल की धारा |
राजनीति | राजा की नीति |
सुखयोग | सुख का योग |
मूर्तिपूजा | मूर्ति की पूजा |
श्रधकण | श्रधा के कण |
शिवालय | शिव का आलय |
देशरक्षा | देश की रक्षा |
सीमारेखा | सीमा की रेखा |
(vi). अधिकरण तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें दो पदों के बीच अधिकरण कारक छिपा होता है, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते है। अधिकरण कारक का चिन्ह अथवा विभक्ति ‘में‘ तथा ‘पर‘ होता है।
अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
अधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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कार्यकुशल | कार्य में कुशल |
वनवास | वन में वास |
ईश्वरभक्ति | ईश्वर में भक्ति |
आत्मविश्वास | आत्मा पर विश्वास |
दीनदयाल | दीनों पर दयाल |
दानवीर | दान देने में वीर |
आचारनिपुण | आचार में निपुण |
जलमग्न | जल में मग्न |
सिरदर्द | सिर में दर्द |
क्लाकुशल | कला में कुशल |
शरणागत | शरण में आगत |
आनन्दमग्न | आनन्द में मग्न |
आपबीती | आप पर बीती |
2. समानाधिकरण तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसके समस्त होने वाले पद समानाधिकरण होते है, अर्थात विशेष्य-विशेषण-भाव को प्राप्त होते है, कर्ताकारक के होते है और लिंग-वचन में समान होते है, वहां ‘कर्मधारय तत्पुरुष समास’ होता है।
समानाधिकरण तत्पुरुष समास के भेद
समानाधिकरण तत्पुरुष समास के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
समानाधिकरण तत्पुरुष समास के भेद |
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लुप्तपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
उपपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
नञ् समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
कर्मधारय समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
द्विगु समानाधिकरण तत्पुरुष समास |
(i). लुप्तपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास
समानाधिकरण तत्पुरुष समास का वह रूप, जब किसी समास में कोई कारक चिह्न अकेला लुप्त न होकर सम्पूर्ण पद सहित लुप्त हो जाता है और तब उसका सामासिक पद बन जाए, तो उसे ‘लुप्तपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास’ कहते है।
लुप्त्पद समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
लुप्त्पद समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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दहीबड़ा | दही में डूबा हुआ बड़ा |
ऊँटगाड़ी | ऊँट से चलने वाली गाड़ी |
पवनचक्की | पवन से चलने वाली चक्की |
तुलादान | तुला से बराबर करके दिया जाने वाला दान |
बैलगाड़ी | बैल से चलने वाली गाड़ी |
मालगाड़ी | माल को ढोने वाली गाड़ी |
रेलगाड़ी | रेल पर चलने वाली गाड़ी |
वनमानुष | वन में रहने वाला मानुष |
स्वर्णहार | स्वर्ण से बना हार |
पकौड़ी | पकी हुई बड़ी |
मधुमक्खी | मधु को एकत्र करने वाली मक्खी |
(ii). उपपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास
समानाधिकरणतत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें उत्तर पद भाषा में स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त न होकर प्रत्यय के रूप में ही प्रयोग में लाया जाता है, उसे उपपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास कहते है।
उपपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
उपपद समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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चर्मकार | चर्म का कार (कार्य) करने वाला |
स्वर्णकार | स्वर्ण का कार करने वाला |
लाभप्रद | लाभ प्रदान करने वाला |
जलद | जल देने वाला |
उत्तरदायी | उत्तर देने वाला |
दु:खदायी | दुःख देने वाला |
मर्मज्ञ | मर्म को जानने वाला |
सर्वज्ञ | सर्व को जानने वाला |
पंकज | पंक में जन्म लेने वाला |
(iii). अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास
समानाधिकरण तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें कारक चिन्ह का लोप नहीं होता है, उसे ‘अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास’ कहते है।
अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास में कारक चिन्ह किसी न किसी रूप में विद्यमान रहता है। अलुक् शब्द ‘अ + लुक्’ के योग से बना है और इस शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘न छिपना’ होता है।
अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
अलुक् समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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वसुंधरा | वसु को धारण करने वाली |
मृत्युंजय | मृत्यु को जय करने वाला |
वनेचर | वन में विचरण करने वाला |
खेचर | आकाश में विचरण करने वाला |
युधिष्ठिर | युद्ध में स्थिर रहने वाला |
(iv). नञ समानाधिकरण तत्पुरुष समास
समानाधिकरण तत्पुरुष समास का वह रूप, जिसमें प्रथम पद के रूप में ‘अ, अन्, अन, न, ना‘ उपसर्ग जुड़े हुए है और ये उपसर्ग पर पद को विलोम शब्द में भी परिवर्तित कर रहे है, उसे ‘नञ समानाधिकरण तत्पुरुष समास’ कहते है।
नञ समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण
नञ समानाधिकरण तत्पुरुष समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-
पद | अर्थ |
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असभ्य | न सभ्य |
अनादि | न आदि |
असंभव | न संभव |
अनंत | न अंत |
अज्ञान | न ज्ञान |
अनुपयोगी | न उपयोगी |
अनहोनी | न होनी |
नास्तिक | न आस्तिक |
नालायक | न लायक |
अविवेक | न विवेक |
अनजान | न जान |
तत्पुरुष समास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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तत्पुरुष समास की परिभाषा क्या है?
समास का वह रूप, जिसमें उत्तर पद ‘प्रधान’ होता है, उसे ‘तत्पुरुष समास’ कहते है। यह कारक से भिन्न समास होता है।
तत्पुरुष समास में ज्ञातव्य – विग्रह में जो कारक प्रकट होता है, उसी कारक वाला वह समास होता है। इसे बनाने में दो पदों के मध्य कारक-चिन्हों का लोप हो जाता है। -
तत्पुरुष समास के कितने भेद है?
मूल व्याकरण और संस्कृत व्याकरण के अनुसार तत्पुरुष समास के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. व्यधिकरण तत्पुरुष समास
2. समानाधिकरण तत्पुरुष समास -
व्यधिकरण तत्पुरुष समास के कितने भेद है?
व्यधिकरण तत्पुरुष समास के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. कर्म तत्पुरुष समास
2. करण तत्पुरुष समास
3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास
4. अपादान तत्पुरुष समास
5. सम्बंध तत्पुरुष समास
6. अधिकरण तत्पुरुष समास -
समानाधिकरण तत्पुरुष समास के कितने भेद है?
समानाधिकरण तत्पुरुष समास के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. लुप्तपद तत्पुरुष समास
2. उपपद तत्पुरुष समास
3. अलुक् तत्पुरुष समास
4. नञ् तत्पुरुष समास
5. कर्मधारय तत्पुरुष समास
6. द्विगु तत्पुरुष समास
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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Thank you sir
मुझे आपका लेख काफी अच्छा लगा और साथ में हेल्प भी हुई
Mene samash kyi bar pda hai lakin itna deeply ajj phle bar pda hai……kaffi help hue government exam ki preparation mei …..acche se cover ho gya topic ….. Thanks suraj….
Behtreen lekh