माता-पिता के लिए धन्यवाद भाषण

माता-पिता के लिए धन्यवाद भाषण : Thank You Speech for Parents in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘माता-पिता के लिए धन्यवाद भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप माता-पिता के लिए धन्यवाद भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
माता-पिता के लिए धन्यवाद भाषण : Thank You Speech for Parents in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
आज मैं आप सभी के सामने “माता-पिता” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
सबसे पहले मैं अपने माता-पिता को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने मुझे इस काबिल बनाया कि आज मैं आप सभी के सामने कुछ कह सकूं।
जन्म से लेकर आज तक मेरे माता-पिता ने मेरे लिए बहुत से त्याग किए, जिनको चुका पाना मेरे लिए कभी भी मुमकिन नही होगा।
मेरी माताजी ने मुझे 9 माह तक अपने गर्भ में रखा और उसके बाद मुझे जन्म दिया। मेरी सभी चीजों का ध्यान रखा। मेरे पिताजी ने दिन-रात एक कर मेरी सभी जरूरतों को पूरा किया।
एक बच्चे के लिए उसके माता-पिता ही उसकी पूरी दुनिया होते है। उनसे ही उसका दिन शुरू होता है और उन पर ही उसका दिन खत्म होता है।
मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा अच्छे कामों के लिए प्रेरित किया है। मेरी माताजी ने मुझे बचपन से ही किताबों का ज्ञान देना शुरू कर दिया था।
यदि बचपन में मेरी तबियत खराब हो जाती थी, तो मेरे माता-पिता दोनों रात-दिन मेरी देखभाल में लग जाते थे। जब तक मैं पूरी तरह स्वस्थ न हो जाऊं, तब तक उनका पूरा ध्यान सिर्फ मेरी तरफ ही होता था।
मेरी शिक्षा के लिए मेरे पिताजी ने अपने दिन-रात की मेहनत की सारी जमा पूंजी लगा दी। उन्होंने मेरी सभी जरूरतों को पूरा किया है।
उन्होंने खुद के सारी जरूरतों को भुलाकर अपनी पूरी कमाई मेरी जरूरत पर लगा दी। मेरे पिताजी बहुत ही शालीन व ईमानदार व्यक्ति है। उन्होंने सभी काम बड़ी ईमानदारी से किए है।
उन्होंने मुझे भी हमेशा ईमानदारी से काम करने के लिए प्रेरित किया है। यदि, मैं कभी किसी गलत राह पर भटक जाता हूँ, तो वें मुझे डांटकर या प्यार से समझाकर मुझे सही रास्ते का ज्ञान कराते है।
मेरी माताजी एक ग्रहणी है, उन्होंने पूरे घर को अच्छी तरह से संभाल रखा है। वें सुबह जल्दी उठकर पूरा दिन काम करती है और रात को सभी के सोने के बाद सोने जाती है।
वे बहुत मेहनती है और वे मुझे हमेशा मेहनत करने की सीख देती है। जब भी मेरी परीक्षा होती है, तो वह सिर्फ मेरी नही अपितु पूरे परिवार की परीक्षा होती है।
मेरे माता-पिता दोनों का पूरा ध्यान मेरी परीक्षा की तैयारी पर होता है। वें हमारे हर सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ होते है। वे समय-समय पर सही रास्ता दिखाते है।
वें हमें सभी प्रकार की बुराइयों से बचाते है। वें हमें असफल होने पर संभालते है और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करते है।
मेरे माता-पिता मेरे आदर्श है। मेरा पूरा जीवन उन्हीं के लिए समर्पित है। उनके त्याग और बलिदान की मैं जितनी अधिक प्रसंशा करूं, उतनी कम है।
उनका कर्ज मैं अपना पूरा जीवन लगाकर भी नही उतार सकता। उनके बदौलत ही मैं इस खुबसूरत दुनिया को देख पाया। उन्होंने मुझे हर मुुश्किल से लड़ना सिखाया।
यदि इस संसार में भगवान का कोई दूसरा रूप हैं, तो वह माता-पिता ही है। जो व्यक्ति अपने माता पिता की आज्ञा नही मानता, वह इस संसार में हमेशा दुखी रहता है।
उसे इस दुनिया में कहीं भी सम्मान नही मिलता है। श्री राम जी ने भी कहा है कि पिता चाहे जैसे भी हो, चाहे संसार उसे त्याग दे, लेकिन एक बेटे का फर्ज बनता है कि वह अपने पिता को भगवान की तरह पूजे।
जो पितृ विमुख होता है, उसे तो स्वर्ग में भी जगह नही मिलती है। इसलिए कहा गया है कि मातृ देवो भव, पितृ देवो भव:। माता-पिता की सेवा करने का सौभाग्य तो देवी-देवताओं के नसीब में भी नही होता है।
वैसे तो कोई भी शब्द माता-पिता का गुणगान नही कर सकता है, लेकिन फिर भी मैंने एक छोटा सा प्रयास किया है।
मैं एक बार फिर अपने माता-पिता को धन्यवाद कहना चाहता हूँ और उन्हें यह कहना चाहता हूँ कि मैं उनसे बहुत प्यार करता हूँ और उनकी बहुत इज्जत करता हूँ।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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