विविधता में एकता पर भाषण

Unity in Diversity Speech in Hindi

विविधता में एकता पर भाषण : Unity in Diversity Speech in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विविधता में एकता पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप विविधता में एकता पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

विविधता में एकता पर भाषण : Unity in Diversity Speech in Hindi

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।

मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- विविधता में एकता।

यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।

आज मैं “विविधता में एकता” विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा। आप सभी ने सुना ही होगा कि हमारा देश विविधता में एकता वाला देश है।

लेकिन, इसका क्या अर्थ होता है? जब अलग-अलग जाति, धर्म एवं वर्ण व्यवस्था के लोग एक साथ मिलकर रहते है, तो उसे ही “विविधता में एकता” कहा जाता है।

एकता में इतनी ताकत होती है कि वह अपने सामने खड़ी बड़ी से बड़ी समस्या को हरा देती है। एकता हर किसी को अपने साथ जोड़कर रखती है।

एकता से हर काम संभव है। जैसे:- चींटियाँ एकता में काम कर अपने से 10 गुना वजन वाली वस्तु को भी आसानी से उठा लेती है, एकता में यही ताकत होती है।

एक अकेले इंसान को हरा पाना बहुत आसान होता है, लेकिन एक समूह को हरा पाना आसान नहीं होता है।
एकता हम सभी को मजबूत होने की ताकत प्रदान करती है।

हमारें देश में विभिन्न प्रकार के धर्म, जाति एवं अलग-अलग रूप-रंग वाले लोग मिलकर साथ रहते है। यह आज से ही नहीं बल्कि, कईं दशकों से साथ रह रहे है।

हमारें देश में हर किसी को समानता का अधिकार है। इसी एकता के सहारे ही हम सभी को आजादी प्राप्त हुई है।

लेकिन, आज भी इस देश में ऐसे लोग है, जो इस एकता को भंग करने की कोशिश करते है। वें लोगों को धर्म के नाम पर लड़वाते है और लोगों को कट्टरवादी होने के लिए प्रेरित करते है।

कईं लोग अलग धर्म के लोगो के साथ असमानता का व्यवहार करते है। निचली जाति के लोगों के साथ छुआछूत करते है।

कईं राजनेता भी अपने फायदे के लिए धर्मों के बीच में गलतफहमी पैदा करते है और उन्हें आपस में लड़वाते रहते है।

हम सभी को इन सभी के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। हमें दूसरों लोगों को भी ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह देनी चाहिए।

क्योंकि, ऐसे लोग अपने छोटे से फायदे के लिए इस देश की एकता को भंग करने का प्रयास करते रहेंगे। हम सभी को हमेशा ही समानता का व्यवहार करना चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति हो।

यदि हम सभी एकता के साथ रहते है, तो इस दुनिया में कोई भी हमें नहीं हरा सकता है और न ही कोई भी देश हम पर हमला करने का प्रयास करेगा।

हमारा देश और भी अधिक मजबूत होगा और साथ-साथ इसका विकास भी होगा। हमें इस एकतारूपी धन को हमेशा ही संजोकर रखना होगा।

तभी हम सभी एक खुशहाल भविष्य की कल्पना कर सकेंगे। इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।

धन्यवाद!

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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