वचन की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वचन की परिभाषा : Vachan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वचन की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप वचन से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
वचन की परिभाषा : Vachan in Hindi
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे ‘वचन’ कहते है। वचन ‘हिंदी व्याकरण’ का आधार है।
अन्य शब्दों में, संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के एक से अधिक होने अथवा एक होने का पता चलता है, उसे ‘वचन’ कहते है। शब्दों के संख्यावाचक रुप को ‘वचन’ कहते है।
वचन के उदाहरण
वचन के उदाहरण निम्नलिखित है:-
वचन के उदाहरण |
---|
रसोईघर में सब्जियाँ रखी है। |
सड़क पर कुत्ते भाग रहे है। |
नौकर कपड़े धो रहा है। |
कबूतर उड़ रहे है। |
वचन के उपर्युक्त उदाहरणों में रसोईघर, सड़क, नौकर तथा कबूतर शब्द से किसी एक के होने का बोध हो रहा है। अतः यह सभी एकवचन शब्द है।
जबकि, सब्जियाँ, कुत्ते, कपड़ें तथा उड़ रहे शब्द से एक से अधिक होने का बोध हो रहा है। अतः यह सभी बहुवचन शब्द है।
वचन के भेद
हिंदी व्याकरण में वचन के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
वचन के भेद |
---|
एकवचन |
बहुवचन |
1. एकवचन
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक होने का बोध होता है, तो उसे ‘एकवचन’ कहते है।
एकवचन के उदाहरण
एकवचन के उदाहरण निम्नलिखित है:-
एकवचन के उदाहरण |
---|
स्त्री |
घोड़ा |
नदी |
रुपया |
लड़का |
गाय |
सिपाही |
बच्चा |
कपड़ा |
माता |
माला |
पुस्तक |
टोपी |
बंदर |
मोर |
2. बहुवचन
संज्ञा के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते है।
बहुवचन के उदाहरण
बहुवचन के उदाहरण निम्नलिखित है:-
बहुवचन के उदाहरण |
---|
स्त्रियाँ |
घोड़े |
नदियाँ |
रुपये |
लड़के |
गायें |
बच्चें |
कपड़ें |
माताएँ |
मालाएँ |
पुस्तकें |
टोपियाँ |
रोटियाँ |
लताएँ |
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:-
1. आदर के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे। |
गुरुजी आज नहीं आये। |
शिवाजी सच्चे वीर थे। |
2. बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग ‘वह’ के स्थान पर ‘वे’ तथा ‘मैं’ के स्थान ‘हम’ का प्रयोग करते है।
जैसे:-
मालिक ने कर्मचारी से कहा, हम मीटिंग में जा रहे है। |
आज पिताजी आये, तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे। |
3. केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य, आदि ऐसे शब्द है, जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है।
जैसे:-
तुम्हारे केश बड़े सुन्दर है। |
लोग कहते है। |
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:-
1. ‘तू’ एकवचन है, जिसका बहुवचन ‘तुम’ है, लेकिन वर्तमान समय में सभ्य लोग लोक-व्यवहार में एकवचन के लिए ‘तुम’ का ही प्रयोग करते है।
जैसे:-
मित्र, तुम कब आए। |
क्या तुमने खाना खा लिया। |
2. वर्ग, वृंद, दल, गण, जाति, आदि शब्दों के द्वारा अनेकता प्रकट की जाती है, लेकिन इनका व्यवहार एकवचन के समान होता है।
जैसे:-
सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है। |
स्त्री जाति संघर्ष कर रही है। |
3. जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में किया जा सकता है।
जैसे:-
सोना बहुमूल्य वस्तु है। |
बनारस का आम स्वादिष्ट होता है। |
नोट:- जनता, सामग्री, प्रजा, माल, सोना, सामान, आग, हवा, वर्षा, आदि जैसे कुछ शब्द हमेशा एकवचन ही होते है।
वचन परिवर्तन
किसी एक संख्या को अधिक संख्या में व्यक्त करना ही ‘वचन परिवर्तन’ कहलाता है। किसी भी विकारी शब्द का वचन परिवर्तन उस शब्द के साथ प्रयुक्त कारक-विभक्ति चिन्ह के आधार पर किया जाता है।
जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह शब्द या तो किसी कारक-विभक्ति के साथ प्रयुक्त होता है या फिर बिना कारक-विभक्ति के प्रयुक्त होता है।
हिंदी व्याकरण में किसी शब्द का वचन परिवर्तन करते समय कारक-विभक्ति को आधार बनाया जाता है।
वचन परिवर्तन के उदाहरण
वचन परिवर्तन के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
वचन परिवर्तन के उदाहरण |
---|
हाथी दौड़ रहा है। |
हाथी दौड़ रहे है। |
हाथी ने फ़सल बर्बाद कर दी। |
हाथियों ने फ़सल बर्बाद कर दी। |
वचन परिवर्तन के उपर्युक्त उदाहरणों में से प्रथम 2 उदाहरणों में संज्ञा शब्द ‘हाथी’ बिना कारक-विभक्ति के वाक्य में प्रयुक्त हुआ है। इसलिए, ‘हाथी’ का बहुवचन ‘हाथी’ ही होगा।
जबकि, वचन परिवर्तन के अंतिम 2 उदाहरणों में संज्ञा शब्द ‘हाथी’ कारक-विभक्ति चिन्ह ‘ने‘ के साथ प्रयुक्त हुआ है। इसलिए, ‘हाथी’ का बहुवचन ‘हाथियों’ होगा।
वचन की पहचान
वचन की पहचान निम्न प्रकार से की जाती है:-
1. संज्ञा एवं सर्वनाम के द्वारा वचन की पहचान
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
मैं विद्यालय जाता हूँ। | हम विद्यालय जाते है। |
वह खेलता है। | वे खेलते है। |
गाय चारा खा रही है। | गायें चारा खा रही है। |
2. क्रिया के द्वारा वचन की पहचान
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बालक भाग रहा है। | बालक भाग रहे है। |
शेर सो रहा है। | शेर सो रहे है। |
बच्चा खाना खा रहा है। | बच्चें खाना खा रहे है। |
कबूतर उड़ रहा है। | कबूतर उड़ रहे है। |
एकवचन तथा बहुवचन की पहचान करने के नियम
एकवचन तथा बहुवचन की पहचान करने के नियम निम्न प्रकार है:-
1. आदरणीय अथवा सम्मानीय व्यक्तियों के लिए सदैव बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए एकवचन व्यक्तिवाचक संज्ञा का ही बहुवचन में प्रयोग कर दिया जाता है।
जैसे:-
गुरुजी आज नहीं आएंगे। |
शिवाजी सच्चे वीर थे। |
गांधीजी बंटवारे के खिलाफ थे। |
श्री राम एक आज्ञाकारी पुत्र थे। |
2. बड़प्पन दिखाने के लिए कभी-कभी ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
हमें याद नहीं है, हम कभी आपसे मिले थे। |
आज गुरुजी आये, तो वे क्रोधित थे। |
प्रधानमंत्री कल हमसे मिलने आयेंगे। |
हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर है। |
मालिक ने नौकर से कहा कि हम मीटिंग में जा रहे है। |
3. द्रव्यवाचक, भाववाचक तथा व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द सदैव एकवचन रहते है।
जैसे:-
तेल | दूध |
घी | दही |
पानी | लस्सी |
4. कुछ शब्द सदैव बहुवचन रहते है।
जैसे:- दाम, दर्शन, प्राण, आँसू, लोग, अक्षत, होश, समाचार, हस्ताक्षर, दर्शक, भाग्य, केश, रोम, अश्रु, आशीर्वाद, आदि।
आज के समाचार क्या है? |
इसका दाम अधिक है। |
आजकल मेरे केश टूट रहे है। |
आपके हस्ताक्षर काफी अलग है। |
लोग कहते रहते है। |
आपके दर्शन सौभाग्य वालों को मिलते है। |
आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया हूँ। |
5. कुछ शब्द सदैव एकवचन रहते है।
जैसे:-
मुझे बहुत क्रोध आ रहा है। |
पास में बादल छाए है। |
6. संबंध दर्शाने वाले संज्ञा शब्द एकवचन तथा बहुवचन में एकसमान रहते है।
जैसे:-
नाना | नानी |
चाचा | चाची |
काका | काकी |
मामा | मामी |
फूफा | बुआ |
7. पुल्लिंग ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारान्त शब्द दोनों वचनों में समान रहते है।
जैसे:-
एक मुनि | दस मुनि |
एक डाकू | दस डाकू |
एक आदमी | दस आदमी |
8. व्यवहार में ‘तुम’ के स्थान पर ‘आप’ का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है।
जैसे:-
आप कहाँ पर गये थे। |
आप आइयेगा जरुर, हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी |
9. जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग दोनों वचनों में किया जाता है।
जैसे:-
कुत्ता भौंक रहा है। |
कुत्ते भौंक रहे है। |
शेर जंगल का राजा है। |
बैल के चार पाँव होते है। |
10. परन्तु धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में ही होता है।
जैसे:-
सोना बहुत महँगा है। |
चाँदी सस्ती है। |
उसके पास बहुत धन है। |
11. गुणवाचक संज्ञा तथा भाववाचक संज्ञा का प्रयोग एकवचन तथा बहुवचन दोनों में ही किया जाता है।
जैसे:-
मैं उनके धोखे से ग्रस्त हूँ। |
इन दवाईयों की अनेक खूबियाँ है। |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की सज्जनता पर सभी मोहित थे। |
मैं आपकी विवशता को जानता हूँ। |
12. हर, प्रत्येक, तथा हर एक जैसे कुछ शब्दों का प्रयोग सिर्फ एकवचन में होता है।
जैसे:-
हर एक कुआँ का पानी मीठा नही होता। |
प्रत्येक व्यक्ति यही कहेगा। |
हर इन्सान यह सच जानता है। |
13. समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग सिर्फ एकवचन में ही किया जाता है।
जैसे:-
इस देश की बहुसंख्यक जनता अनपढ़ है। |
लंगूरों की एक टोली ने बहुत उत्पात मचा रखा है। |
14. अधिक समूहों का बोध कराने के लिए समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन में किया जाता है।
जैसे:-
विद्यार्थियों की बहुत सी टोलियाँ घूमने गई है। |
15. एक से अधिक अवयवों को दर्शाने वाले शब्दों का प्रयोग बहुवचन में होता है, लेकिन यदि एकवचन में उनका प्रयोग करना है, तो उनके आगे ‘एक’ लगा दिया जाता है।
जैसे:-
आँख | कान |
ऊँगली | पैर |
दांत | अंगूठा |
उदाहरण:-
सीता के दांत चमक रहे थे। |
मेरे बाल सफेद हो चुके है। |
मेरा एक बाल टूट गया। |
मेरी एक आँख में दिक्कत है। |
गीता का एक दांत गिर गया। |
16. करण कारक के शब्दों का प्रयोग बहुवचन में ही किया जाता है।
जैसे:-
जाड़ा | गर्मी |
भूख | प्यास |
उदाहरण:-
बेचारा बछड़ा जाड़े से ठिठुर रहा है। |
भिखारी भूखे मर रहे है। |
17. कभी कभी कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गुण, लोग, जन, समूह, वृन्द, दल, गण, जाति, आदि शब्द लगाकर उन शब्दों का बहुवचन में प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
छात्रगण बहुत व्यस्त होते है। |
मजदूर लोग काम कर रहे है। |
स्त्री जाति काफी संघर्ष कर रही है। |
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
वचन के अधीन संज्ञा के रूप 2 प्रकार से परिवर्तित होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
विभिक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम |
विभिक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम |
1. विभिक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
विभक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के सभी नियम निम्न प्रकार है:-
(i). आकारांत पुल्लिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
जूता | जूते |
कपड़ा | कपड़े |
कमरा | कमरे |
केला | केले |
कुत्ता | कुत्ते |
घोडा | घोड़े |
बेटा | बेटे |
मुर्गा | मुर्गे |
गधा | गधे |
2. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘ए’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बात | बातें |
रात | रातें |
आँख | आँखें |
सड़क | सड़कें |
गाय | गायें |
पुस्तक | पुस्तकें |
चप्पल | चप्पलें |
झील | झीलें |
किताब | किताबें |
3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘एँ’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
कविता | कविताएँ |
लता | लताएँ |
आशा | आशाएँ |
पत्रिका | पत्रिकाएँ |
माता | माताएँ |
कामना | कामनाएँ |
कथा | कथाएँ |
4. जिन स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘या’ प्रयुक्त होता है, उनमें ‘या’ के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बिंदिया | बिंदियाँ |
चिडिया | चिडियाँ |
डिबिया | डिबियाँ |
गुडिया | गुडियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
5. इकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘इ’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
तिथि | तिथियाँ |
गति | गतियाँ |
जाति | जातियाँ |
रीति | रीतियाँ |
6. ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘ई’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
नारी | नारियाँ |
थाली | थालियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
7. उकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘उ’ के स्थान पर ‘एँ‘ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
वस्तु | वस्तुएँ |
बहु | बहुएँ |
8. ऊकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘ऊ’ के स्थान पर ‘एँ‘ लगाने से बहुवचन बनता है और ‘ऊ’ का ‘उ’ में परिवर्तन हो जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
वधू | वधुएँ |
गऊ | गउएँ |
9. संज्ञा के पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग रूपों में गण, वर्ग, जन, लोग, वृन्द, दल, आदि शब्दों को जोड़कर भी शब्दों का बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
स्त्री | स्त्रीजन |
नारी | नारीवृन्द |
अधिकारी | अधिकारीवर्ग |
पाठक | पाठकगण |
अध्यापक | अध्यापकवृंद |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
आप | आपलोग |
श्रोता | श्रोताजन |
मित्र | मित्रवर्ग |
सेना | सेनादल |
गुरु | गुरुजन |
गरीब | गरीब लोग |
10. कुछ शब्दों में गुण, वर्ण, भाव, आदि शब्दों को जोड़कर बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
व्यापारी | व्यापारीगण |
मित्र | मित्रवर्ग |
सुधी | सुधिजन |
11. कुछ शब्द एकवचन तथा बहुवचन दोनों में एकसमान होते है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
राजा | राजा |
पिता | पिता |
पानी | पानी |
फल | फल |
चाचा | चाचा |
मामा | मामा |
प्रेम | प्रेम |
बाज़ार | बाज़ार |
12. कुछ शब्दों का 2 बार प्रयोग होता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
भाई | भाई-भाई |
घर | घर-घर |
शहर | शहर-शहर |
2. विभिक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
विभक्ति से युक्त शब्दों का बहुवचन रूप बनाने में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। विभक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के सभी नियम निम्न प्रकार है:-
1. अकारांत और आकारांत (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारांत संज्ञाओं में अंतिम ‘अ, आ, तथा ‘ए’ के स्थान पर ‘ओं’ जोड़कर बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
लडका | लडकों |
घर | घरों |
गधा | गधों |
घोड़ा | घोड़ों |
चोर | चोरों |
2. संस्कृत के आकारांत तथा संस्कृत-हिन्दी के सभी उकारांत, ऊकारांत, अकारांत, औकारांत संज्ञा शब्दों के अंत में ‘ओं’ जोड़कर बहुवचन बनता है। उकारांत शब्दों में ‘ओं’ जोड़ने के पहले ‘ऊ’ को ‘उ’ कर दिया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
लता | लताओं |
साधु | साधुओं |
वधू | वधुओं |
घर | घरों |
जौ | जौओं |
3. सभी इकारांत तथा ईकारांत संज्ञा शब्दों के अंत में ‘यों’ जोड़कर बहुवचन बनता है। ‘इकारांत’ शब्दों में ‘यों’ जोड़ने के पहले ‘ई’ का ‘इ’ कर दिया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
मुनि | मुनियों |
गली | गलियों |
नदी | नदियों |
साड़ी | साड़ियों |
श्रीमती | श्रीमतियों |
वचन-संबंधी विशेष निर्देश
वचन-संबंधी सभी विशेषण निर्देश निम्न प्रकार है:-
1. ‘प्रत्येक’ तथा ‘हर एक’ शब्द का प्रयोग सदैव एकवचन में होता है।
जैसे:-
प्रत्येक व्यक्ति यही कहेगा। |
हर एक कुआँ मीठे जल का स्रोत नहीं होता। |
2. अन्य भाषाओं के तत्सम शब्दों अथवा तदभव शब्दों का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अनुसार होना चाहिए।
जैसे:- अंग्रेजी भाषा के ‘फुट’ शब्द का बहुवचन ‘फीट’ होता है, लेकिन हिन्दी भाषा में इस शब्द का प्रयोग इस प्रकार होगा:- दो फुट लम्बी दीवार है, न कि ‘दो फीट लम्बी दीवार है।’
3. प्राण, लोग, दर्शन, आँसू, होंठ, दाम, अक्षत, आदि शब्दों का प्रयोग हिन्दी व्याकरण में सदैव बहुवचन में किया जाता है।
जैसे:-
आपके होंठ खुले कि प्राण तृप्त हुए। |
आप लोग आये, आर्शीवाद के अक्षत बरसे, दर्शन हुए। |
4, द्रव्यवाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग सदैव एकवचन में होता है।
जैसे:-
उनके पास बहुत सोना है। |
उनका बहुत-सा धन बर्बाद हुआ। |
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। |
लेकिन, यदि द्रव्य के भिन्न-भिन्न प्रकारों का बोध होता है, तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयुक्त होगी।
जैसे:-
यहाँ काफी प्रकार के लोहे मिलते है। |
चमेली, गुलाब, तिल, आदि के तेल अच्छे होते है। |
कुछ महत्वपूर्ण वचन परिवर्तन के उदाहरण
वचन परिवर्तन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
पत्ता | पत्ते |
बेटा | बेटे |
कवि | कविगण |
छुट्टी | छुट्टियाँ |
दवाई | दवाईयाँ |
अलमारी | अलमारियाँ |
गुरु | गुरुजन |
घड़ी | घड़ियाँ |
मिठाई | मिठाइयाँ |
हड्डी | हड्डियाँ |
कुर्सी | कुर्सियां |
चिड़िया | चिड़ियाँ |
कहानी | कहानियाँ |
गुडिया | गुड़ियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
कविता | कविताएँ |
बुढिया | बुढियां |
लता | लताएँ |
वस्तु | वस्तुएँ |
ऋतु | ऋतुएँ |
कक्षा | कक्षाएँ |
अध्यापिका | अध्यापिकाएँ |
सेना | सेनाएँ |
भाषा | भाषाएँ |
कमरा | कमरे |
रुपया | रुपए |
तिनका | तिनके |
भेड़ | भेड़ें |
बहन | बहनें |
घोडा | घोड़े |
तस्वीर | तस्वीरें |
लड़का | लडके |
किताब | किताबें |
पुस्तक | पुस्तकें |
आँख | आँखें |
बात | बातें |
बच्चा | बच्चे |
कपड़ा | कपड़े |
वचन के उदाहरण
वचन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
ताली | तालियाँ |
गुरु | गुरुजन |
खिलाड़ी | खिलाड़ी |
बच्चा | बच्चे |
नदी | नदियाँ |
नारी | नारियाँ |
सब्जी | सब्जियाँ |
मोर | मोर |
रात | रातें |
भक्त | भक्तगण |
टुकड़ी | टुकड़ियाँ |
लड़ी | लड़ियाँ |
धातु | धातुएँ |
बर्फी | बर्फियाँ |
धेनु | धेनुएँ |
जाति | जातियाँ |
लेखक | लेखकगण |
स्त्री | स्त्रियाँ |
थाली | थालियाँ |
फसल | फसलें |
कन्या | कन्याएँ |
औज़ार | औज़ार |
हथियार | हथियार |
उँगली | उँगलियाँ |
तिथि | तिथियाँ |
माता | माताएँ |
अबला | अबलाएँ |
कुत्ता | कुत्ते |
गली | गलियाँ |
मुर्गी | मुर्गियाँ |
कामना | कामनाए |
गन्ना | गन्ने |
वधू | वधुएँ |
झाड़ी | झाड़ियाँ |
विधि | विधियाँ |
बहू | बहुएं |
लता | लताएँ |
प्याला | प्याले |
सखी | सखियाँ |
घर | घर |
देश | देश |
रिश्ता | रिश्ते |
कली | कलियाँ |
कलम | कलमें |
लड़की | लड़कियाँ |
लड़का | लड़के |
कहानी | कहानियाँ |
कथा | कथाएँ |
कविता | कविताएँ |
मैदान | मैदान |
गुड़िया | गुड़ियाँ |
गति | गतियाँ |
शाखा | शाखाएँ |
विद्या | विद्याएँ |
गऊ | गउएँ |
खिड़की | खिड़कियाँ |
पत्रिका | पत्रिकाएँ |
घोड़ा | घोड़े |
गधा | गधे |
साइकिल | साइकिलें |
पपीता | पपीते |
लठिया | लुठियाँ |
घड़ी | घड़ियाँ |
दीवार | दीवारें |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
महल | महल |
लुटिया | लुटियाँ |
नाली | नालीयाँ |
सपेरा | सपेरे |
कान | कान |
आँख | आँखें |
पैर | पैर |
टाँग | टाँगें |
भेड़ | भेड़ें |
बकरी | बकरियाँ |
सड़क | सड़कें |
गाड़ी | गाड़ियाँ |
दूरी | दूरियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
बिल्ली | बिल्लियाँ |
जु | जुएँ |
पेड़ | पेड़ |
परदा | परदे |
बात | बातें |
चुटिया | चुटियाँ |
गौ | गौएँ |
दाना | दानें |
तोता | तोते |
वाद्य | वाद्य |
भुजा | भुजाएँ |
रीति | रीतियाँ |
प्रजा | प्रजाजन |
कर्मचारी | कर्मचारीवर्ग |
दवा | दवाएँ |
कवि | कविगण |
घोंसला | घोंसले |
पक्षी | पक्षीवृंद |
ढेला | ढेले |
कुर्सी | कुर्सियाँ |
सहेली | सहेलियाँ |
आप | आपलोग |
बस्ता | बस्ते |
मुद्रा | मुद्राएँ |
अध्यापिका | अध्यापिकाएँ |
पुस्तक | पुस्तकें |
गहना | गहने |
गरीब | गरीब लोग |
व्यापारी | व्यापारीगण |
मटका | मटके |
पौधा | पौधे |
डिबिया | डिबियाँ |
शेर | शेर |
बेटा | बेटे |
खंभा | खंभे |
पाती | पातियाँ |
तरु | तरुओं |
वस्तु | वस्तुएँ |
सेना | सेनादल |
आत्मा | आत्माएँ |
बर्तन | बर्तन |
मिठाई | मिठाईयाँ |
जानवर | जानवर |
समुद्र | समुद्र |
मछली | मछलियाँ |
पक्षी | पक्षीवृंद |
बादल | बादल |
चश्मा | चश्मे |
तारा | तारे |
सुधी | सुधिजन |
रास्ता | रास्ते |
रेखा | रेखाएँ |
गोला | गोले |
डाल | डालें |
साथी | साथियों |
मेला | मेले |
मुर्गा | मुर्गे |
साड़ी | साड़ियाँ |
केला | केले |
नज़दीक | नज़दीकियाँ |
फूल | फूल |
कला | कलाएँ |
मित्र | मित्रजन |
दलित | दलित समाज |
भाई | भाई |
बहिन | बहिनें |
जूता | जूते |
शीशा | शीशे |
कपड़ा | कपड़े |
शिक्षक | शिक्षकगण |
श्रोता | श्रोतागण |
लड़का | लड़के |
पपीता | पपीते |
गमला | गमले |
ताला | ताले |
कपड़ा | कपड़े |
रास्ता | रास्ते |
छाता | छाते |
बछड़ा | बछड़े |
बकरा | बकरे |
साला | साले |
भांजा | भांजे |
भतीजा | भतीजे |
बेटा | बेटे |
पुस्तक | पुस्तकें |
कलम | कलमें |
सड़क | सड़कें |
बहन | बहनें |
बाला | बालाएँ |
कला | कलाएँ |
कविता | कविताएँ |
माता | माताएँ |
शाखा | शाखाएँ |
कक्षा | कक्षाएँ |
कली | कलियाँ |
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वचन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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वचन की परिभाषा क्या है?
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे ‘वचन’ कहते है। वचन ‘हिंदी व्याकरण’ का आधार है।
अन्य शब्दों में, संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति अथवा वस्तु के एक से अधिक होने अथवा एक होने का पता चलता है, उसे ‘वचन’ कहते है। शब्दों के संख्यावाचक रुप को ‘वचन’ कहते है। -
वचन के कितने भेद है?
वचन के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. एकवचन
2. बहुवचन -
एकवचन की परिभाषा क्या है?
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक होने का बोध होता है, तो उसे ‘एकवचन’ कहते है।
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बहुवचन की परिभाषा क्या है?
संज्ञा के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते है।
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वचन परिवर्तन कैसे किया जाता है?
किसी एक संख्या को अधिक संख्या में व्यक्त करना ही ‘वचन परिवर्तन’ कहलाता है। किसी भी विकारी शब्द का वचन परिवर्तन उस शब्द के साथ प्रयुक्त कारक-विभक्ति चिन्ह के आधार पर किया जाता है।
जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह शब्द या तो किसी कारक-विभक्ति के साथ प्रयुक्त होता है या फिर बिना कारक-विभक्ति के प्रयुक्त होता है।
हिंदी व्याकरण में किसी शब्द का वचन परिवर्तन करते समय कारक-विभक्ति को आधार बनाया जाता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।