वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वीप्सा अलंकार की परिभाषा : Vipsa Alankar in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वीप्सा अलंकार की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप वीप्सा अलंकार से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
वीप्सा अलंकार की परिभाषा : Vipsa Alankar in Hindi
आदर, हर्ष, शोक, विस्मयादिबोधक, आदि भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए जिन शब्दों की पुनरावृत्ति होती है, तो उसे ‘वीप्सा अलंकार’ कहते है।
वीप्सा अलंकार के उदाहरण
वीप्सा अलंकार के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण 1
मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।।
उदाहरण 2
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
उदाहरण 3
उठा लो ये दुनिया, जला दो ये दुनिया।
तुम्हारी है तुम ही सम्हालो ये दुनिया।।
उदाहरण 4
विहग-विहग
फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
कल-कूजित कर उर का निकुंज
चिर सुभग-सुभग।
उदाहरण 5
चिता जलाकर पिता की,
हाय-हाय मैं दीन।
नहा नर्मदा में हुआ,
यादों में तल्लीन।।
उदाहरण 6
मेरे मौला, प्यारे मौला, मेरे मौला…
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे
उदाहरण 7
हा! हा! इन्हें रोकन को टोक न लगाओ तुम।
वीप्सा अलंकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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वीप्सा अलंकार की परिभाषा क्या है?
आदर, हर्ष, शोक, विस्मयादिबोधक, आदि भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए जिन शब्दों की पुनरावृत्ति होती है, तो उसे ‘वीप्सा अलंकार’ कहते है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।