विसर्ग संधि की परिभाषा, नियम और उदाहरण

Visarg Sandhi Ki Paribhasha in Hindi

विसर्ग संधि की परिभाषा : Visarg Sandhi in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विसर्ग संधि की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप विसर्ग संधि की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

विसर्ग संधि की परिभाषा : Visarg Sandhi in Hindi

विसर्ग के बाद स्वर अथवा व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है, उसे ‘विसर्ग संधि’ कहते है।

विसर्ग संधि के उदाहरण

विसर्ग संधि के उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
मनः + जमनोज
मनः + रथमनोरथ
मनः + हरमनोहर
मनः + भावमनोभाव
निः + फलनिष्फल
निः + चयनिश्चित
निः + छलनिश्छल
निः + सन्देहनिस्संदेह
निः + मलनिर्मल
निः + चलनिश्चल
निः + उपायनिरुपाय
निः + कपटनिष्कपट
निः + विकारनिर्विकार
अधः + गतिअधोगति
यशः + अभिलाषायशोभिलाषा
यशः + दायशोदा
यशः + अभिलाषीयशोभिलाषी
यशः + गाथायशोगाथा
पयः + धरपयोधर
दुः + गमदुर्गम
दुः + बलदुर्बल
दुः + साहसदुस्साहस
दुः + गन्धदुर्गन्ध
दुः + करदुष्कर
दुः + तरदुष्कर
दुः + चरित्रदुष्चरित्र
अतः + एवअतएव
नमः + तेनमस्ते
धनुः + टकारधनुषटकार
तेजः + मयतेजोमय
सरः + जसरोज
प्रथमः + अध्यायप्रथमोअध्याय
पुरः + कारपुरस्कार
पुनः + उक्तिपुनरुक्ति

विसर्ग संधि के नियम

विसर्ग संधि के कुल 10 नियम है, जो कि निम्न प्रकार है:-

नियम 1

विसर्ग के साथ ‘च’ वर्ण अथवा ‘छ’ वर्ण के मिलन से विसर्ग के स्थान पर ‘श्’ वर्ण बन जाता है।

विसर्ग के पहले यदि ‘अ’ वर्ण और विसर्ग के बाद में भी ‘अ’ वर्ण अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण, अथवा ‘य, र, ल, व’ होता है, तो विसर्ग का ‘ओ’ वर्ण हो जाता है।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
मनः + अनुकूलमनोनुकूल
अधः + गतिअधोगति
मनः + बलमनोबल
निः + चयनिश्चय
दुः + चरित्रदुश्चरित्र
ज्योतिः + चक्रज्योतिश्चक्र
निः + छलनिश्छल
तपः + चर्यातपश्चर्या
अन्तः + चेतनाअन्तश्चेतना
हरिः + चन्द्रहरिश्चन्द्र
अन्तः + चक्षुअन्तश्चक्षु

नियम 2

विसर्ग से पहले ‘अ’ तथा ‘आ’ वर्ण के अतिरिक्त कोई स्वर होता है और बाद में कोई स्वर होता है, वर्ग के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण अथवा ‘य, र, ल, व, ह’ में से कोई होता है, तो विसर्ग का ‘र’ अथवा ‘र्’ वर्ण हो जाता है।

विसर्ग के साथ ‘श’ वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर भी ‘श्’ वर्ण बन जाता है।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
दुः + शासनदुश्शासन
यशः + शरीरयशश्शरीर
निः + शुल्कनिश्शुल्क
निः + आहारनिराहार
निः + आशानिराशा
निः + धननिर्धन
निः + श्वासनिश्श्वास
चतुः + श्लोकीचतुश्श्लोकी
निः + शंकनिश्शंक

नियम 3

विसर्ग से पहले यदि कोई स्वर होता है और बाद में ‘च, छ, श’ वर्ण होता है, तो विसर्ग का ‘श’ वर्ण हो जाता है। विसर्ग के साथ ‘ट, ठ, ष’ वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘ष्’ वर्ण बन जाता है।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
धनुः + टंकारधनुष्टंकार
चतुः + टीकाचतुष्टीका
चतुः + षष्टिचतुष्षष्टि
निः + चलनिश्चल
निः + छलनिश्छल
दुः + शासनदुश्शासन

नियम 4

विसर्ग के बाद यदि ‘त’ वर्ण अथवा ‘स’ वर्ण होता है, तो विसर्ग ‘स्’ वर्ण बन जाता है।

यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘अ’ वर्ण अथवा ‘आ’ वर्ण के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर होता है तथा विसर्ग के साथ मिलने वाले शब्द का प्रथम वर्ण ‘क, ख, प, फ’ में से कोई भी होता है, तो विसर्ग के स्थान पर ‘ष्’ वर्ण बन जाएगा।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
निः + कलंकनिष्कलंक
दुः + करदुष्कर
आविः + कारआविष्कार
चतुः + पथचतुष्पथ
निः + फलनिष्फल
निः + कामनिष्काम
निः + प्रयोजननिष्प्रयोजन
बहिः + कारबहिष्कार
निः + कपटनिष्कपट
नमः + तेनमस्ते
निः + संताननिस्संतान
दुः + साहसदुस्साहस

नियम 5

विसर्ग से पहले यदि ‘इ’ तथा ‘उ’ वर्ण और विसर्ग के बाद में ‘क, ख, ट, ठ, प, फ’ में से कोई वर्ण होता है, तो विसर्ग का ‘ष’ वर्ण हो जाता है।

यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘अ’ अथवा ‘आ’ का स्वर होता है तथा विसर्ग के बाद ‘क, ख, प, फ’ वर्ण होता है, तो सन्धि होने पर विसर्ग भी ज्यों का त्यों बना रहेगा।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
अधः + पतनअध:पतन
प्रातः + कालप्रात:काल
अन्त: + पुरअन्त:पुर
वय: + क्रमवय:क्रम
रज: + कणरज:कण
तप: + पूततप:पूत
पय: + पानपय:पान
अन्त: + करणअन्त:करण

विसर्ग संधि के अपवाद (1)

विसर्ग संधि के अपवाद निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
भा: + करभास्कर
नम: + कारनमस्कार
पुर: + कारपुरस्कार
श्रेय: + करश्रेयस्कर
बृह: + पतिबृहस्पति
पुर: + कृतपुरस्कृत
तिर: + कारतिरस्कार
निः + कलंकनिष्कलंक
चतुः + पादचतुष्पाद
निः + फलनिष्फल

नियम 6

विसर्ग से पहले यदि ‘अ’ तथा ‘आ’ वर्ण होता है और विसर्ग के बाद में यदि कोई भिन्न व्यंजन होता है, तो विसर्ग का लोप हो जाता है।

लेकिन, इस बात का ध्यान रहना चाहिए कि विसर्ग के साथ ‘त’ वर्ण अथवा ‘थ’ वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘स्’ वर्ण बन जाएगा।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
अन्त: + तलअन्तस्तल
नि: + तापनिस्ताप
दु: + तरदुस्तर
नि: + तारणनिस्तारण
निः + तेजनिस्तेज
नम: + तेनमस्ते
मन: + तापमनस्ताप
बहि: + थलबहिस्थल
निः + रोगनिरोग
निः + रसनीरस

नियम 7

यदि विसर्ग के बाद ‘क, ख, प, फ’ वर्ण होता है, तो विसर्ग में कोई परिवर्तन नहीं होता है। विसर्ग के साथ ‘स’ वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘स्’ वर्ण बन जाता है।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
नि: + सन्देहनिस्सन्देह
दु: + साहसदुस्साहस
नि: + स्वार्थनिस्स्वार्थ
दु: + स्वप्नदुस्स्वप्न
नि: + संताननिस्संतान
दु: + साध्यदुस्साध्य
मन: + संतापमनस्संताप
पुन: + स्मरणपुनस्स्मरण
अंतः + करणअंतःकरण

नियम 8

यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘इ, व, उ’ स्वर होता है तथा विसर्ग के बाद में ‘र’ वर्ण होता है, तो सन्धि होने पर विसर्ग का लोप हो जाएगा तथा साथ ही ‘इ, व, उ’ की मात्रा ‘ई, व, ऊ’ की हो जाएगी।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
नि: + रसनीरस
नि: + रवनीरव
नि: + रोगनीरोग
दु: + राजदूराज
नि: + रजनीरज
नि: + रन्द्रनीरन्द्र
चक्षु: + रोगचक्षूरोग
दु: + रम्यदूरम्य

नियम 9

यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘अ’ का स्वर होता है तथा विसर्ग के साथ ‘अ’ वर्ण के अतिरिक्त अन्य किसी स्वर के मेल पर विसर्ग का लोप हो जाएगा तथा अन्य कोई परिवर्तन नहीं होगा।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
अत: + एवअतएव
मन: + उच्छेदमनउच्छेद
पय: + आदिपयआदि
तत: + एवततएव

नियम 10

यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में ‘अ’ का स्वर होता है तथा विसर्ग के साथ ‘अ, ग, घ, ङ, झ, ज, ड, ढ़, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, ल, व, ह, वर्ण में से किसी भी वर्ण के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘ओ’ बन जाएगा।

उदाहरण

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
मन: + अभिलाषामनोभिलाषा
सर: + जसरोज
वय: + वृद्धवयोवृद्ध
यश: + धरायशोधरा
मन: + योगमनोयोग
अध: + भागअधोभाग
तप: + बलतपोबल
मन: + रंजनमनोरंजन
मन: + अनुकूलमनोनुकूल
मन: + हरमनोहर
तप: + भूमितपोभूमि
पुर: + हितपुरोहित
यश: + दायशोदा
अध: + वस्त्रअधोवस्त्र

विसर्ग संधि के अपवाद (2)

विसर्ग संधि के अपवाद निम्नलिखित है:-

संधि विच्छेदसंधि
पुन: + अवलोकनपुनरवलोकन
पुन: + ईक्षणपुनरीक्षण
पुन: + उद्धारपुनरुद्धार
पुन: + निर्माणपुनर्निर्माण
अन्त: + द्वन्द्वअन्तद्र्वन्द्व
अन्त: + देशीयअन्तर्देशीय
अन्त: + यामीअन्तर्यामी

विसर्ग संधि से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. विसर्ग संधि की परिभाषा क्या है?

    विसर्ग के बाद स्वर अथवा व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है, उसे ‘विसर्ग संधि’ कहते है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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