विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Visheshan Ki Paribhasha in Hindi

विशेषण की परिभाषा : Visheshan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विशेषण की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप विशेषण की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

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विशेषण की परिभाषा : Visheshan in Hindi

संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण, आदि) बताने वाले शब्दों ‘विशेषण’ कहते है। जैसे:- बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो, आदि।

किसी वाक्य में संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को ‘विशेषण’ कहते है। जैसे:- ‘काला कुत्ता।‘ इस वाक्य में ‘काला‘ विशेषण है।

जिस शब्द (संज्ञा व सर्वनाम) की विशेषता बताई जाती है, उसे ‘विशेष्य‘ कहते है। उपरोक्त वाक्य में ‘कुत्ता‘ विशेष्य है।

वह विकारी शब्द, जिससे संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी ‘विशेषण‘ कहते है।

जैसे:-

मेहनती विद्यार्थी सफलता प्राप्त करते है।
जयपुर स्वच्छ शहर है।
राम अच्छा लड़का है।
ऐसा व्यक्ति कहाँ मिलेगा?

उपरोक्त वाक्यों में ‘मेहनती’, ‘स्वच्छ’, ‘अच्छा’ और ‘ऐसा’ शब्द विशेषण है। जो क्रमशः ‘विद्यार्थी’, ‘जयपुर’, ‘राम’ और ‘व्यक्ति’ की विशेषता बताते है।

विशेषण शब्द जिसकी विशेषता बताते है, उसे ‘विशेष्य‘ कहते है। अतः ‘विद्यार्थी’, ‘जयपुर’, ‘राम’ और ‘व्यक्ति’ शब्द ‘विशेष्य‘ है।

विशेषण सार्थक शब्दों के कुल 8 भेदों में एक भेद है। हिंदी व्याकरण में विशेषण एक ‘विकारी शब्द‘ है।

विशेष्य की परिभाषा

जिन संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताई जाती है, उन्हें ‘विशेष्य‘ कहते है।

विशेष्य के उदाहरण

विशेष्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

सीता सुन्दर है।

उपरोक्त वाक्य में ‘सुन्दर‘ शब्द ‘विशेषण’ है, जबकि ‘गीता‘ विशेष्य है।

‘विशेषण शब्द’ विशेष्य के पूर्व भी प्रयुक्त होने के साथ-साथ विशेष्य के पश्चात् भी प्रयुक्त होते है।

विशेष्य के पूर्व में प्रयुक्त होने वाले विशेषण शब्द के उदाहरण

विशेष्य के पूर्व में प्रयुक्त होने वाले विशेषण शब्दों के उदाहरण निम्नलिखित है-

थोड़ा-सा जल लाओ।
एक मीटर कपड़ा ले आना।

उपरोक्त वाक्यों में ‘थोड़ा-सा जल’ और ‘एक मीटर कपड़ा’ विशेषण शब्द है।

विशेष्य के पश्चात् में प्रयुक्त होने वाले विशेषण शब्द के उदाहरण

विशेष्य के पश्चात् में प्रयुक्त होने वाले विशेषण शब्दों के उदाहरण निम्नलिखित है-

यह रास्ता लंबा है।
आम मीठा है।

उपरोक्त वाक्यों में ‘रास्ता लंबा’ और ‘आम मीठा’ विशेषण शब्द है।

प्रविशेषण की परिभाषा

विशेषण शब्द की भी विशेषता बताने वाले शब्दों को ‘प्रविशेषण’ कहते है। जैसे:- “राम सुन्दर लड़का है।” (विशेष्य विशेषण) राम बहुत सुन्दर लड़का है। (विशेष्य प्रविशेषण विशेषण)

प्रविशेषण के उदाहरण

प्रविशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

प्रविशेषण के उदाहरण
अजय बहुत अच्छा लड़का है।
मेरे पास कहानियों की लगभग दो दर्जन पुस्तकें है।
खाना बहुत स्वादिष्ट है।

“अजय बहुत अच्छा लड़का है।” इस वाक्य में ‘अजय’ शब्द ‘संज्ञा’ एवं ‘विशेष्य’ है। अजय की विशेषता बताने वाला शब्द ‘अच्छा’ है।

अतः इस वाक्य में ‘अच्छा’ शब्द विशेषण है। वाक्य में विशेषण शब्द (अच्छा) की विशेषता बताने वाला शब्द ‘बहुत’ है। अतः इस वाक्य में ‘बहुत’ शब्द ‘प्रविशेषण शब्द’ है।

विशेषण की विशेषता

विशेषण की समस्त विशेषताएँ निम्नलिखित है:-

विशेषण की विशेषताएँ
विशेषण एक विकारी शब्द है।
विशेषण के द्वारा किसी भी वाक्य का स्वरूप स्पष्ट किया जा सकता है।
विशेषण का प्रयोग वस्तु को सजीव व मूर्तिमय रूप प्रदान करता है।
विशेषण के द्वारा किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की विशेषता बताई जाती है। जैसे:- “सीता सुंदर लड़की है।” इस वाक्य में ‘सुन्दर’ शब्द सीता की विशेषता बताता है।
विशेषण के द्वारा किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की हीनता भी बताई जाती है। जैसे:- “गीता एक शैतान लड़की है।” इस वाक्य में ‘शैतान’ शब्द गीता की हीनता बताता है।
विशेषण के द्वारा अर्थ को सीमित रूप प्रदान किया जा सकता है। जैसे:- “काला कुत्ता।” इस वाक्य में ‘काला’ कुत्ते शब्द के एक विशेष प्रकार का अर्थ बोध करवाता है।
विशेषण के द्वारा संख्या निर्धारित की जा सकती है तथा संख्या के दोनो रूपों ‘निश्चितता’ तथा ‘अनिश्चितता’ का ज्ञान होता है। जैसे:- “एक केला दो।” इस वाक्य ‘एक’ शब्द से आम की संख्या निर्धारित होती है।
विशेषण के द्वारा निश्चित और अनिश्चित परिणाम अथवा मात्रा के दोनों रूपों को जाना जा सकता है। जैसे:- “पाँच सेर दूध।” इस वाक्य में ‘पाँच सेर’ शब्द से दूध की निश्चित मात्रा का अर्थ बोध होता है।

विशेषण के भेद

विशेषण के कुल 5 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

विशेषण के भेद
गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण
व्यक्तिवाचक विशेषण

1. गुणवाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जिनसे संज्ञा व सर्वनाम के गुण, रूप, रंग, आदि का बोध होता है, उन्हें ‘गुणवाचक विशेषण’ कहते है।

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण
बगीचे में सुंदर फूल है।
जयपुर स्वच्छ नगर है।
स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है।
स्वस्थ बच्चे खेल रहे है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘सुंदर‘, ‘स्वच्छ‘, ‘गंदी‘ और ‘स्वस्थ‘ शब्द गुणवाचक विशेषण है। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, लेकिन कोई भी विशेषता है। अच्छा, बुरा, खरा, खोटा, आदि सभी प्रकार के गुण गुणवाचक विशेषण के अंतर्गत आते है।

गुणवाचक विशेषण निम्न प्रकार है:-

गुणबोधक विशेषण के उदाहरण
अच्छा
भला
शिष्ट
सभ्य
नम्र
सुशील
कर्मठ
दोषबोधक विशेषण के उदाहरण
बुरा
अशिष्ट
असभ्य
उद्दंड
दुश्शील
आलसी
रंगबोधक विशेषण के उदाहरण
काला
लाल
हरा
पीला
मटमैला
सफेद
चितकबरा
कालबोधक विशेषण के उदाहरण
नया
पुराना
ताजा
प्राचीन
नवीन
क्षणिक
क्षणभंगुर
स्थानबोधक विशेषण के उदाहरण
भारतीय
चीनी
राजस्थानी
जयपुरी
बिहारी
मद्रासी
गंधबोधक विशेषण के उदाहरण
खुशबूदार
सुगंधित
बदबूदार
दिशाबोधक विशेषण के उदाहरण
पूर्वी
पश्चिमी
उत्तरी
दक्षिणी
भीतरी
बाहरी
ऊपरी
अवस्थाबोधक विशेषण के उदाहरण
गीला
सूखा
जला हुआ
पिघला हुआ
दशाबोधक विशेषण के उदाहरण
रोगी
स्वस्थ
अस्वस्थ
अमीर
बीमार
सुखी
दुःखी
गरीब
आकारबोधक विशेषण के उदाहरण
मोटा
छोटा
लम्बा
पतला
गोल
चपटा
अण्डाकार
स्पर्शबोधक विशेषण के उदाहरण
कठोर
कोमल
मखमली
मुलायम
चिकना
खुरदरा
स्वादबोधक विशेषण के उदाहरण
खट्टा
मीठा
कसैला
नमकीन
चरपरा
कङवा
तीखा

2. संख्यावाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जिनसे संज्ञा व सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उन्हें ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहते है।

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
इस बस में चालीस सवारी मौजूद है।
दोनों मित्रों में बड़ा प्रेम है।
उनकी दूसरे लड़के का जन्मदिन है।
देश का प्रत्येक व्यक्ति वीर है।

उपरोक्त वाक्यों में ‘चालीस‘, ‘दोनों‘, ‘दूसरी‘ और ‘प्रत्येक‘ शब्द संख्यावाचक विशेषण है।

संख्यावाचक विशेषण के भेद

संख्यावाचक विशेषण के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

संख्यावाचक विशेषण के भेद
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(i). निश्चित संख्यावाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जिनसे किसी निश्चित संख्या का बोध होता है, उन्हें ‘निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- एक, पाँच, सात, बारह, तीसरा, आदि।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
राम के पास एक रुपया है।
हमारे परिवार में कुल पाँच सदस्य है।
एक सड़क हादसे में सात लोग घायल हो गए।
एक वर्ष में कुल बारह माह होते है।
मार्च का माह वर्ष का तीसरा माह होता है।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद
गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(१). गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें विशेष्य की साधारण संख्या अथवा गिनती का बोध होता है, उसे ‘गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है।

गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद

गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद
पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(क). पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें पूर्ण संख्या का बोध होता है, उसे ‘पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- एक, दस, सौ, हजार, लाख, आदि।

पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
वहाँ सिर्फ एक बालक है।
राम ने श्याम को सौ रुपये दिए।
राम के दो मित्र है।
मुझे 2 लड्डू दो।
(ख). अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें अपूर्ण संख्या का बोध होता है, उसे ‘अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- पौना, सवा, डेढ, ढाई, आदि।

अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

अपूर्णांकबोधक/अपूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
अभी घड़ी में ढाई बजे है।
राम ने श्याम को सवा सौ रुपये दिए।
उसने मुझे डेढ सौ मिलीलीटर दूध कम दिया।
(२). क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें विशेष्य की क्रमात्मक संख्या अर्थात विशेष्य के क्रम का बोध होता है, उसे ‘क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ, आदि।

क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
पहला विद्यार्थी यहाँ उपस्थित हो।
दूसरा विद्यार्थी वहाँ बैठ जाए।
अजय ने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
विजय दसवीं कक्षा में द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ है।
(३). आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें विशेष्य की किसी इकाई की आवृत्ति की संख्या का बोध होता है, उसे ‘आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- दुगुना, तिगुना, दस गुना, आदि।

आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
राम मुझसे चौगुना काम करता है।
अजय तुमसे दुगुना खाना खाता है।
(४). समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें विशेष्य के समूह का बोध होता है, उसे ‘समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- तीनों, पाँचों, आठों, आदि।

समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
आप तीनों खेलने चले जाना।
तुम चारों यहाँ से उठ जाओ।
(५). प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें प्रत्येक विशेष्य का बोध होता है, उसे ‘प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक, आदि।

प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
यहाँ उपस्थित प्रत्येक जन ने प्रसादी ग्रहण की।
एक-एक व्यक्ति ने वह दृश्य देखा है।
(६). वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें विशेष्य की व्यापकता का बोध होता है, उसे ‘वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है।

वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण 2 प्रकार से बनते है, जो कि निम्नलिखित है:-

संख्या के पूर्व ‘प्रति, फी, हर, प्रत्येक’ शब्द से से किसी शब्द के पूर्व प्रयोग से
संख्या के द्वित्व से
वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

वीप्सावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
प्रत्येक दो घंटों पर यहाँ से एक रेलगाड़ी गुजरती है।
दो-दो विद्यार्थियों के लिए एक कमरा है।

(ii). अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जिनसे अधिकतर बहुत्व का बोध होता है, उन्हें ‘अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- कई, अनेक, सब, बहुत, आदि।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
सभी फल सड़ गए।
इस पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें है।
सड़क हादसे में अनेक व्यक्ति घायल गए।
भूकंप से बहुत सारे लोग मारे गए।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के अंतर्गत आने वाले पूर्णांकबोधक/पूर्ण गणनावाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण से पूर्व ने ‘लगभग‘ अथवा ‘करीब‘ तथा पश्चात् में ‘एक‘ अथवा ‘ओं‘ प्रत्यय जोड़ने से ‘अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण’ बन जाता है।

जैसे:-

कार्यक्रम में लगभग दो सौ लोग आयेंगे।
मुझे करीब एक हजार रूपए चाहिए।
सड़क हादसे में सैंकड़ों लोग मारे गए।

कभी-कभी दो पूर्णांकबोधक विशेषण साथ में प्रयुक्त होकर अनिश्चयवाचक विशेषण बन जाते है।

जैसे:-

मुझे चालीस-पचास रूपये चाहिए।
इस कार्य में दो-तीन घंटे लगेंगे।

3. परिमाणवाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जिनसे किसी वस्तु की नाप-तौल का बोध होता है, उसे ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते है।

परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण

परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
मुझे एक मीटर धागा दो।
उसे एक लीटर दूध चाहिए।
एक मरीज को थोड़ा पानी देना चाहिए।

उपरोक्त वाक्यों में एक मीटरएक लीटर और थोड़ा पानी शब्द ‘परिमाणबोधक विशेषण’ है।

परिमाणवाचक विशेषण के भेद

परिमाणवाचक विशेषण के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

परिमाणवाचक विशेषण के भेद
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(i). निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

परिमाणवाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें निश्चित मात्रा का बोध होता है, उसे ‘निश्चित परिमाणवाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- दो सेर गेहूँ, पाँच मीटर कपड़ा, एक लीटर दूध, आदि।

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
आज रोटियां बनाने में दो किलोग्राम आटा लगेगा।
आज हमें एक किलोग्राम चावल बनाने होंगे।
आज मुझे एक किलोग्राम मेदा लेना है।
कल हम पाँच किलोग्राम तेल लाये थे।
मेरे पास सिर्फ एक किलोग्राम गेहूँ है।

(ii). अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

परिमाणवाचक विशेषण का वह रूप, जिसमें निश्चित मात्रा का नहीं बोध होता है, उसे ‘अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण’ कहते है। जैसे:- थोड़ा पानी, अधिक काम, कुछ परिश्रम, आदि।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
लाल किला देखने बहुत लोग जाते है।
अंग्रेजी भाषा बहुत लोग बोलते है।
मोबाइल फ़ोन बहुत से लोगों के पास नहीं है।
विदेश में लोग काफी व्यापार करते है।
खेल बहुत लोग खेलते है।

परिमाणवाचक विशेषण अधिकतर भाववाचक, द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञाओं के साथ आते है।

4. सार्वनामिक विशेषण

वह सर्वनाम शब्द, जो विशेषण के रूप में किसी संज्ञा व सर्वनाम शब्द की विशेषता बताते है, उन्हें ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
वह व्यक्ति व्यवहार से कुशल है।
कौन विद्यार्थी मेरा कार्य करेगा?

उपरोक्त वाक्यों में ‘वह‘ और ‘कौन‘ शब्द सार्वनामिक विशेषण है। पुरूषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम के अतिरिक्त शेष सभी सर्वनाम ‘संज्ञा’ के साथ प्रयुक्त होकर ‘सार्वनामिक विशेषण’ बन जाते है।

सार्वनामिक विशेषण के भेद

सार्वनामिक विशेषण के कुल 6 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

सार्वनामिक विशेषण के भेद
मूल सार्वनामिक विशेषण
यौगिक सार्वनामिक विशेषण
निश्चय सार्वनामिक विशेषण
अनिश्चय सार्वनामिक विशेषण
प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

(i). मूल सार्वनामिक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण का वह रूप, जो बिना किसी रूपांतर के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है, उसे ‘मूल सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

मूल सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

मूल सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

मूल सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
वह लड़का बाजार जा रहा है।
कोई लड़की मेरा काम कर दे।
कुछ विद्यार्थी अनुपस्थित है।

उपरोक्त वाक्यों में ‘वह‘, ‘कोई‘ और ‘कुछ‘ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण है।

(ii). यौगिक सार्वनामिक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण का वह रूप, जो मूल सर्वनाम में प्रत्यय के जुड़ जाने से विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है, उसे ‘यौगिक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

यौगिक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

यौगिक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

यौगिक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
ऐसा व्यक्ति कहाँ मिलेगा?
तुम्हें कितने रूपये चाहिए?
मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता।

उपरोक्त वाक्यों में ‘ऐसा‘, ‘कितने‘ और ‘इतना‘ शब्द यौगिक सार्वनामिक विशेषण है।

यौगिक सार्वनामिक विशेषण का निर्माण

यौगिक सार्वनामिक विशेषण निम्नलिखित सार्वनामिक विशेषणों से बनते है:-

(१). ‘यह’ से यौगिक सार्वनामिक विशेषण का निर्माण
इतना
इतने
इतनी
ऐसा
ऐसी
ऐसे
(२). ‘वह’ से यौगिक सार्वनामिक विशेषण का निर्माण
उतना
उतने
उतनी
वैसा
वैसी
वैसे
(३). ‘जो’ से यौगिक सार्वनामिक विशेषण का निर्माण
जितना
जितनी
जितने
जैसा
जैसी
जैसे
(३). ‘कौन’ से यौगिक सार्वनामिक विशेषण का निर्माण
कितना
कितनी
कितने
कैसा
कैसी
कैसे

वह विशेषण, जो संकेत द्वारा संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताते है, उन्हें ‘संकेतवाचक विशेषण’ कहते है।

नोट:- संकेतवाचक विशेषण ‘सर्वनाम शब्दों’ से बनते है। अतः संकेतवाचक विशेषण को सार्वनामिक विशेषण भी कहा जाता है। इन्हें निर्देशक भी कहते है।

(iii). निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘यह‘ अथवा ‘वह‘ सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए, तो उन्हें ‘निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
यह कार मेरी है।
वह पुस्तक मुझे पसंद है।

(iv). अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘कोई‘ अथवा ‘कुछ‘ सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए, तो उन्हें ‘अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
मुझे कुछ मिठाई खानी है।
मैं कुछ खरीद के लाया हूँ।
आप मेरे कोई नहीं है।
मैं कुछ आम लाया हूँ।
तुम मेरे लिए कुछ लाये हो या नहीं।

(v). प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण

यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘कौन‘, ‘क्या‘, ‘कब‘ व ‘कैसे‘ सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए, तो उन्हें ‘प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

अन्य शब्दों में, यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले प्रश्नवाचक सर्वनाम शब्द जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए, तो उन्हें ‘प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
क्या राम जयपुर जाएगा?
क्या तुम थे?
क्या आप पूरी रात नहीं सोये है?
आप कौन है?
आप अभी कैसे है?
आप क्या करते है?

(vi). संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले संबंधवाचक सर्वनाम शब्द जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए, तो उन्हें ‘संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।

संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण

संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
मेरे पास दो आम है।
वो उसका मित्र है।
जिसका होगा, वो ले जाएगा।
तुम्हारा कौन है?
मेरी चाबी है।

5. व्यक्तिवाचक विशेषण

वह विशेषण शब्द, जो व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बनकर अन्य संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते है, उन्हें ‘व्यक्तिवाचक विशेषण’ कहते है।

व्यक्तिवाचक विशेषण के उदाहरण

व्यक्तिवाचक विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

व्यक्तिवाचक विशेषण के उदाहरण
भारतीय सैनिक
जापानी खिलौने
जयपुरी रजाइयाँ
जोधपुरी जूती
बनारसी साड़ी
कश्मीरी सेब
बीकानेरी भुजिया

प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद

प्रयोग के आधार पर विशेषण के कुल 2 है, जो कि निम्नलिखित है:-

प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद
विशेष्य-विशेषण
विधेय-विशेषण

1. विशेष्य विशेषण

वह विशेषण, जो विशेष्य से पहले प्रयुक्त होकर उसकी विशेषता बताते है, उन्हें ‘विशेष्य-विशेषण’ कहते है। वह विशेष्य-विशेष होता है।

विशेष्य-विशेषण के उदाहरण

विशेष्य-विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

विशेष्य-विशेषण के उदाहरण
राम ‘नटखट’ बालक है।
सीता ‘गंभीर’ लड़की है।

उपरोक्त वाक्यों में ‘राम’ और ‘सीता’ क्रमशः ‘बालक’ और ‘लड़की’ के विशेषण है, जो संज्ञाओं (विशेष्य) से पहले प्रयुक्त हुए है।

2. विधेय-विशेषण

वह विशेषण, जो विशेष्य और क्रिया के बीच प्रयुक्त होकर उसकी विशेषता बताते है, उन्हें ‘विधेय-विशेषण’ कहते है। वह विधेय-विशेषण होता है।

विधेय-विशेषण के उदाहरण

विधेय-विशेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-

विधेय-विशेषण के उदाहरण
मेरा घोड़ा सफ़ेद है।
आपका भाई आलसी है।

उपरोक्त वाक्यों में ‘सफ़ेद’ और ‘आलसी’ ऐसे विशेषण है, जो क्रमशः घोड़ा (संज्ञा) और है (क्रिया) तथा भाई (संज्ञा) और है (क्रिया) के बीच प्रयुक्त हुए है।

परिमाणवाचक विशेषण तथा संख्यावाचक विशेषण में अंतर

परिमाणवाचक विशेषण तथा संख्यावाचक विशेषण में सभी अंतर निम्नलिखित है:-

परिमाणवाचक विशेषणसंख्यावाचक विशेषण
वह विशेषण शब्द, जिनसे किसी वस्तु की नाप-तौल का बोध होता है, उसे ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते है।वह विशेषण शब्द, जिनसे संज्ञा व सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहते है।
उदाहरण:- ‘कुछ दूध लाओ’। इस वाक्य में ‘कुछ’ शब्द तोल के लिए आया है। अतः यह परिमाणवाचक विशेषण है।उदाहरण:- ‘कुछ बच्चे इधर आओ।’ इस वाक्य में ‘कुछ’ शब्द बच्चों की गिनती के लिए आया है। अतः यह संख्यावाचक विशेषण है।
परिमाणवाचक विशेषणों के बाद द्रव्यवाचक अथवा पदार्थवाचक संज्ञाएँ आती है।संख्यावाचक विशेषणों के बाद जातिवाचक संज्ञाएँ आती है।

सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण में अंतर

सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण में सभी अंतर निम्नलिखित है:-

सर्वनामसार्वनामिक विशेषण
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को ‘सर्वनाम’ कहते है।वह सर्वनाम शब्द, जो विशेषण के रूप में किसी संज्ञा व सर्वनाम शब्द की विशेषता बताते है, उन्हें ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहते है।
उदाहरण:- “वह जयपुर गया।” इस वाक्य में ‘वह’ सर्वनाम शब्द है।उदाहरण:- “वह कार आ रही है।” इस वाक्य में ‘वह’ शब्द ‘कार’ का विशेषण है। अतः यह सार्वनामिक विशेषण है।

विशेषण की अवस्थाएँ

विशेषण शब्द किसी संज्ञा व सर्वनाम की विशेषता बताते है। विशेषता बताई जाने वाली वस्तुओं के ‘गुण‘ एवं ‘दोष‘ कम-ज़्यादा होते है।

गुण एवं दोष के कम-ज़्यादा होने को तुलनात्मक ढंग से ही जाना जा सकता है। तुलना की दृष्टि से विशेषण की कुल 3 अवस्थाएँ होती है, जो कि निम्नलिखित है:-

विशेषण की अवस्था
मूलावस्था
उत्तरावस्था
उत्तमावस्था

1. मूलावस्था

मूलावस्था के अंतर्गत विशेषण का मूल रूप आता है। मूलावस्था में तुलना नहीं होती है। वह सिर्फ सामान्य विशेषता ही प्रकट करता है।

मूलावस्था के उदाहरण

मूलावस्था के उदाहरण निम्नलिखित है:-

मूलावस्था के उदाहरण
राधा सुंदर लड़की है।
श्याम अच्छा लड़का है।
सूर्य तेजस्वी है।

2. उत्तरावस्था

जब दो व्यक्तियों अथवा वस्तुओं के ‘गुण‘ एवं ‘दोष‘ की तुलना की जाती है, तो विशेषण ‘उत्तरावस्था’ में प्रयुक्त होता है।

उत्तरावस्था के उदाहरण

उत्तरावस्था के उदाहरण निम्नलिखित है:-

उत्तरावस्था के उदाहरण
अजय विजय से अधिक बलशाली है।
सीमा की अपेक्षा रीमा अधिक सुन्दर है।

2. उत्तमावस्था

जब दो से अधिक व्यक्तिओं अथवा वस्तुओं के मध्य तुलना की जाती है और उनमें से एक को श्रेष्ठता अथवा निम्नता प्रदान की जाती है, तो वह विशेषण की ‘उत्तमावस्था’ होती है। ‘उत्तमावस्था’ विशेषण की सर्वाेत्तम अवस्था है।

उत्तमावस्था के उदाहरण

उत्तमावस्था के उदाहरण निम्नलिखित है:-

उत्तमावस्था के उदाहरण
राम सबसे अधिक सुन्दर है।
भारत में अधिकतम अन्न की पैदावार होती है।

नोट:- सिर्फ गुणवाचक विशेषण, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण तथा निश्चित परिमाणवाचक विशेषण की ही यह तुलनात्मक अवस्थाएँ होती है। इन तीनों विशेषणों के अतिरिक्त किसी अन्य विशेषण की यह अवस्थाएँ नहीं होती है।

विशेषण की अवस्थाओं के रूप

अधिक और सबसे अधिक शब्दों का प्रयोग कर उत्तरावस्था और उत्तमावस्था के रूप बनाए जा सकते हैं। जिनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

मूलावस्थाउत्तरावस्थाउत्तमावस्था
अच्छीअधिक अच्छीसबसे अच्छी
चतुरअधिक चतुरसबसे अधिक चतुर
बुद्धिमानअधिक बुद्धिमानसबसे अधिक बुद्धिमान
बलवानअधिक बलवानसबसे अधिक बलवान

ठीक इसी प्रकार अन्य विशेषण शब्दों के रूप भी बनाए जा सकते है। तत्सम शब्दों में मूलावस्था में ‘विशेषण का मूल रूप’, उत्तरावस्था में ‘तर‘ और उत्तमावस्था में ‘तम‘ का प्रयोग होता है। जिनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

मूलावस्थाउत्तरावस्थाउत्तमावस्था
उच्चउच्चतरउच्चतम
कठोरकठोरतरकठोरतम
गुरुगुरुतरगुरुतम
महानमहानतर, महत्तरमहानतम, महत्तम
न्यूनन्यूनतरन्यनूतम
लघुलघुतरलघुतम
तीव्रतीव्रतरतीव्रतम
विशालविशालतरविशालतम
उत्कृष्टउत्कृष्टतरउत्कृटतम
सुंदरसुंदरतरसुंदरतम
मधुरमधुरतरमधुतरतम

विशेषण की रचना

कुछ शब्द मूल रूप में ही विशेषण होते है, जबकि कुछ विशेषण शब्दों की रचना संज्ञा, सर्वनाम तथा क्रिया शब्दों से की जाती है। जिनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

1. ‘क’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘क’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
अंशआंशिक
धर्मधार्मिक
अलंकारआलंकारिक
नीतिनैतिक
अर्थआर्थिक
दिनदैनिक
इतिहासऐतिहासिक
देवदैविक

2. ‘इक’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘इक’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
अंशआंशिक
धर्मधार्मिक
अलंकारआलंकारिक
नीतिनैतिक
अर्थआर्थिक
दिनदैनिक
इतिहासऐतिहासिक
देवदैविक
इतअंक
कुसुमकुसुमित
सुरभिसुरभित
ध्वनिध्वनित
क्षुधाक्षुधित
तरंगतरंगित

3. ‘इल’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘इल’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
जटाजटिल
पंकपंकिल
फेनफेनिल
उर्मिउर्मिल

4. ‘इम’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘इम’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
स्वर्णस्वर्णिम
रक्तरक्तिम

5. ‘ई’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘ई’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
रोगरोगी
भोगभोगी

6. ‘ईन’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘ईन’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
कुलकुलीन

7. ‘ईण’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘ईण’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
ग्रामग्रामीण

8. ‘ईय’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘ईय’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
आत्माआत्मीय
जातिजातीय

9. ‘आलु’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘आलु’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
श्रद्धाश्रद्धालु
ईर्ष्याईर्ष्यालु

10. ‘वी’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘वी’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
मनसमनस्वी
तपसतपस्वी

11. ‘मय’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘मय’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
सुखसुखमय
दुखदुखमय

12. ‘मय’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘मय’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
सुखसुखमय
दुखदुखमय

13. ‘वान’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘वान’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
रूपरूपवान
गुणगुणवान

14. ‘वती’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘वती’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
रूपरूपवती
गुणगुणवती
पुत्रपुत्रवती

15. ‘मान’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘मान’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
बुद्धिबुद्धिमान
श्रीश्रीमान

16. ‘मती’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘मती’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
बुद्धिबुद्धिमती
श्रीश्रीमती

17. ‘रत’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘रत’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
धर्मधर्मरत
कर्मधर्मरत
कार्यकार्यरत

18. ‘स्थ’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘स्थ’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
समीपसमीपस्थ
देहदेहस्थ

19. ‘निष्ठ’ प्रत्यय तथा संज्ञा से विशेषण शब्द रचना

‘निष्ठ’ प्रत्यय तथा संज्ञा के योग से विशेषण रचना के शब्द निम्न प्रकार है:-

संज्ञाविशेषण
धर्मधर्मनिष्ठ
कर्मकर्मनिष्ठ

विशेषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. विशेषण की परिभाषा क्या है?

    संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण, आदि) बताने वाले शब्दों ‘विशेषण’ कहते है। जैसे:- बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो, आदि।
    किसी वाक्य में संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को ‘विशेषण’ कहते है। जैसे:- ‘काला कुत्ता।‘ इस वाक्य में ‘काला‘ विशेषण है।
    जिस शब्द (संज्ञा व सर्वनाम) की विशेषता बताई जाती है, उसे ‘विशेष्य‘ कहते है। उपरोक्त वाक्य में ‘कुत्ता‘ विशेष्य है।
    वह विकारी शब्द, जिससे संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है, उसे भी ‘विशेषण‘ कहते है।

  2. विशेषण के कुल कितने भेद है?

    विशेषण के कुल 5 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. गुणवाचक विशेषण
    2. संख्यावाचक विशेषण
    3. परिमाणवाचक विशेषण
    4. सार्वनामिक विशेषण
    5. व्यक्तिवाचक विशेषण

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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