बाल दिवस पर स्वागत भाषण

बाल दिवस पर स्वागत भाषण : Welcome Speech on Children’s Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बाल दिवस पर स्वागत भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बाल दिवस पर स्वागत भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बाल दिवस पर स्वागत भाषण : Welcome Speech on Children’s Day in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
आज मैं बहुत खुश हूँ कि मुझे इस अवसर पर आप सभी का स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज बाल दिवस के अवसर पर हमारे विद्यालय में एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
जिसमें हमनें हमारे जिले के कलेक्टर साहब को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इसके साथ-साथ हमारे आदरणीय प्रधानाचार्य जी भी यहां मौजूद है।
आज इस बाल दिवस के अवसर पर आप सभी हमारे विद्यालय में पधारे, उसके लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ। आशा करता हूँ कि आप सभी को हमारे द्वारा आयोजित कार्यक्रम पसंद आएगा।
बाल दिवस के इस अवसर पर मैं आज आप सभी के स्वागत पर एक भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह भाषण अवश्य ही पसंद आएगा।
आज 14 नवंबर का दिन है और आज के दिन को सम्पूर्ण भारतवर्ष में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज के दिन को भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनका जन्म 14 नवंबर 1889 के दिन इलाहाबाद शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था। उनके पिता पेशे से एक वकील थे।
पण्डित जवाहरलाल नेहरु एक स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत देश को स्वतंत्र कराने में उनका बहुत बड़ा सहयोग था। वे कईं बार जेल भी गए। वे बहुत शिक्षित थे। वे भी पेशे से एक वकील थे।
उन्होंने कईं बार अंग्रेजों के साथ सम्मलेन किए। महात्मा गांधीजी से जुड़कर उन्होंने कईं आंदोलन किए। जब भारत आजाद हो गया, उसके पश्चात उन्हे स्वतंत्र भारत का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया।
वें कुल 2 बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1947 से 1964 तक भारत देश के प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल संभाला। भारत की शिक्षा व्यवस्था को बनाने में उनका बहुत बड़ा हाथ था।
उन्होंने ही देश के बड़े-बड़े कॉलेजों का निर्माण करवाया था। उन्होंने ही भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनवाया था।
संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माण में भी उनका बहुत बड़ा हाथ माना जाता है। 27 मई 1964 के दिन उनका निधन हो गया।
जवाहरलाल नेहरू जी का बच्चों से बहुत अधिक लगाव था। उन्हे बच्चे बहुत पसंद थे। उन्हें जब भी समय मिलता था, वे बच्चों के साथ समय व्यतीत किया करते थे।
बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। इसीलिए उन्होंने अपने जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए कहा।
इसीलिए, प्रतिवर्ष इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के सभी विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
वे कहते थे कि बच्चे भगवान का रूप होते है और उनके चेहरे पर मुस्कान हम सभी के चेहरे पर मुस्कान लाती है।
आज इस अवसर पर हमारे विद्यालय ने भी एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें आप सभी आमंत्रित है।
सभी बच्चे देश का भविष्य होते है। किसी महापुरुष ने कहा है, यदि किसी देश के भविष्य को देखना है तो उस देश के बच्चों को देखें।
आज भारत में बच्चों के हालात काफी दयनीय है। उनके खिलाफ अपराध अपनी चरम सीमा पर है। यह लगातार बढ़ रहे है।
इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सरकार को और तेज़ी से कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे इनकी स्थिति में बहुत जल्द सुधार आए।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।