स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक पर 10 वाक्य

स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक पर ।0 वाक्य : 10 Lines on Unsung Heroes of Freedom Struggle in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक पर 10 वाक्य’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक पर 10 वाक्य : 10 Lines on Unsung Heroes of Freedom Struggle in Hindi
SET 1
- महात्मा गांधी जी अपनी अंतिम साँस तक देशहित के लिए लड़ते रहे।
- अहिंसा का रास्ता पकड़े हुए महात्मा गांधी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था।
- महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
- महात्मा गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था।
- महात्मा गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था।
- महात्मा गांधी जी सनातन धर्म की पंसारी जाति से संबंध रखते थे।
- महात्मा गांधी की माता परनामी वैश्य समुदाय से सम्बन्ध रखती थी।
- 13 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी का विवाह हो गया था।
- महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा बाई से हुआ था।
SET 2
- महात्मा गांधी अहिंसा को मानने वाले व्यक्ति थे।
- महात्मा गांधी की माता हमेशा भक्ति में लीन रहती थी, जिसका उनके जीवन पर काफी अधिक प्रभाव पड़ा।
- महात्मा गांधी के क्षेत्र में जैन धर्म का काफी प्रभाव था, जिसका प्रभाव उनके जीवन पर भी पड़ा।
- महात्मा गांधी ने शाकाहारी जीवन, आत्मशुद्धि के लिये उपवास, दुर्बलों में उत्साह व सभी मे समानता को देखने जैसे प्रभाव पड़े।
- सन 1885 में 14 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी की पहली संतान हुई, जो कुछ समय बाद ही मर गई।
- महात्मा गांधी की कुल 4 संतानें थी, वे सभी पुत्र थे।
- महात्मा गांधी के पुत्रों के नाम हरीलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी थे।
- महात्मा गांधी ने मीडिल की पढ़ाई पोरबंदर से व हाई स्कूल की पढ़ाई राजकोट से की थी।
- महात्मा गांधी पढ़ाई में एक साधारण छात्र थे।
- महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है।
SET 3
- महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन देश को आजाद कराने में लगा दिया।
- भावनगर में महात्मा गांधी ने मैट्रिक के बाद की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
- 4 सितंबर 1888 को महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए लंदन चले गए थे।
- महात्मा गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीति के कारण काफी भेदभाव सहना पड़ा था।
- प्रथम श्रेणी की टिकट होने पर भी महात्मा गांधी को तीसरी श्रेणी में बैठने पर मजबूर किया गया था।
- महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया, जिस कारण उन्हें रेलगाड़ी से बाहर कर दिया गया था।
- अफ्रीका में कईं होटलों में महात्मा गांधी को जगह देने से मना कर दिया था।
- एक बार अदालत में जज ने महात्मा गांधी को उनकी पगड़ी उतारने को कहा, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था।
- महात्मा गांधी को राजवैद्य जीवराम कालिदास ने सन 1915 में सबसे पहले महात्मा नाम दिया था।
- 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर कर महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।