बहुवचन की परिभाषा, भेद, नियम और उदाहरण

बहुवचन की परिभाषा : Bahuvachan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बहुवचन की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बहुवचन से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बहुवचन की परिभाषा : Bahuvachan in Hindi
संज्ञा के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते है।
बहुवचन के उदाहरण
बहुवचन के उदाहरण निम्नलिखित है:-
बहुवचन के उदाहरण |
---|
स्त्रियाँ |
घोड़े |
नदियाँ |
रुपये |
लड़के |
गायें |
बच्चें |
कपड़ें |
माताएँ |
मालाएँ |
पुस्तकें |
टोपियाँ |
रोटियाँ |
लताएँ |
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:-
1. आदर के लिए बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे। |
गुरुजी आज नहीं आये। |
शिवाजी सच्चे वीर थे। |
2. बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग ‘वह’ के स्थान पर ‘वे’ तथा ‘मैं’ के स्थान ‘हम’ का प्रयोग करते है।
जैसे:-
मालिक ने कर्मचारी से कहा, हम मीटिंग में जा रहे है। |
आज पिताजी आये, तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे। |
3. केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य, आदि ऐसे शब्द है, जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है।
जैसे:-
तुम्हारे केश बड़े सुन्दर है। |
लोग कहते है। |
4. बड़प्पन दिखाने के लिए कभी-कभी ‘मैं’ के स्थान पर ‘हम’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
हमें याद नहीं है, हम कभी आपसे मिले थे। |
आज गुरुजी आये, तो वे क्रोधित थे। |
प्रधानमंत्री कल हमसे मिलने आयेंगे। |
हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर है। |
मालिक ने नौकर से कहा कि हम मीटिंग में जा रहे है। |
5. कुछ शब्द सदैव बहुवचन रहते है।
जैसे:- दाम, दर्शन, प्राण, आँसू, लोग, अक्षत, होश, समाचार, हस्ताक्षर, दर्शक, भाग्य, केश, रोम, अश्रु, आशीर्वाद, आदि।
आज के समाचार क्या है? |
इसका दाम अधिक है। |
आजकल मेरे केश टूट रहे है। |
आपके हस्ताक्षर काफी अलग है। |
लोग कहते रहते है। |
आपके दर्शन सौभाग्य वालों को मिलते है। |
आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया हूँ। |
6. संबंध दर्शाने वाले संज्ञा शब्द एकवचन तथा बहुवचन में एकसमान रहते है।
जैसे:-
नाना | नानी |
चाचा | चाची |
काका | काकी |
मामा | मामी |
फूफा | बुआ |
7. गुणवाचक संज्ञा तथा भाववाचक संज्ञा का प्रयोग एकवचन तथा बहुवचन दोनों में ही किया जाता है।
जैसे:-
मैं उनके धोखे से ग्रस्त हूँ। |
इन दवाईयों की अनेक खूबियाँ है। |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की सज्जनता पर सभी मोहित थे। |
मैं आपकी विवशता को जानता हूँ। |
8. अधिक समूहों का बोध कराने के लिए समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन में किया जाता है।
जैसे:-
विद्यार्थियों की बहुत सी टोलियाँ घूमने गई है। |
9. एक से अधिक अवयवों को दर्शाने वाले शब्दों का प्रयोग बहुवचन में होता है, लेकिन यदि एकवचन में उनका प्रयोग करना है, तो उनके आगे ‘एक’ लगा दिया जाता है।
जैसे:-
आँख | कान |
ऊँगली | पैर |
दांत | अंगूठा |
उदाहरण:-
सीता के दांत चमक रहे थे। |
मेरे बाल सफेद हो चुके है। |
मेरा एक बाल टूट गया। |
मेरी एक आँख में दिक्कत है। |
गीता का एक दांत गिर गया। |
10. करण कारक के शब्दों का प्रयोग बहुवचन में ही किया जाता है।
जैसे:-
जाड़ा | गर्मी |
भूख | प्यास |
उदाहरण:-
बेचारा बछड़ा जाड़े से ठिठुर रहा है। |
भिखारी भूखे मर रहे है। |
11. कभी कभी कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गुण, लोग, जन, समूह, वृन्द, दल, गण, जाति, आदि शब्द लगाकर उन शब्दों का बहुवचन में प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
छात्रगण बहुत व्यस्त होते है। |
मजदूर लोग काम कर रहे है। |
स्त्री जाति काफी संघर्ष कर रही है। |
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
वचन के अधीन संज्ञा के रूप 2 प्रकार से परिवर्तित होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
विभिक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम |
विभिक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम |
1. विभिक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
विभक्ति रहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के सभी नियम निम्न प्रकार है:-
(i). आकारांत पुल्लिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
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जूता | जूते |
कपड़ा | कपड़े |
कमरा | कमरे |
केला | केले |
कुत्ता | कुत्ते |
घोडा | घोड़े |
बेटा | बेटे |
मुर्गा | मुर्गे |
गधा | गधे |
2. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘ए’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बात | बातें |
रात | रातें |
आँख | आँखें |
सड़क | सड़कें |
गाय | गायें |
पुस्तक | पुस्तकें |
चप्पल | चप्पलें |
झील | झीलें |
किताब | किताबें |
3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘एँ’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
कविता | कविताएँ |
लता | लताएँ |
आशा | आशाएँ |
पत्रिका | पत्रिकाएँ |
माता | माताएँ |
कामना | कामनाएँ |
कथा | कथाएँ |
4. जिन स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘या’ प्रयुक्त होता है, उनमें ‘या’ के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बिंदिया | बिंदियाँ |
चिडिया | चिडियाँ |
डिबिया | डिबियाँ |
गुडिया | गुडियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
5. इकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘इ’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
तिथि | तिथियाँ |
गति | गतियाँ |
जाति | जातियाँ |
रीति | रीतियाँ |
6. ईकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘ई’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
नारी | नारियाँ |
थाली | थालियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
7. उकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘उ’ के स्थान पर ‘एँ‘ लगाने से बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
वस्तु | वस्तुएँ |
बहु | बहुएँ |
8. ऊकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के ‘ऊ’ के स्थान पर ‘एँ‘ लगाने से बहुवचन बनता है और ‘ऊ’ का ‘उ’ में परिवर्तन हो जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
वधू | वधुएँ |
गऊ | गउएँ |
9. संज्ञा के पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग रूपों में गण, वर्ग, जन, लोग, वृन्द, दल, आदि शब्दों को जोड़कर भी शब्दों का बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
स्त्री | स्त्रीजन |
नारी | नारीवृन्द |
अधिकारी | अधिकारीवर्ग |
पाठक | पाठकगण |
अध्यापक | अध्यापकवृंद |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
आप | आपलोग |
श्रोता | श्रोताजन |
मित्र | मित्रवर्ग |
सेना | सेनादल |
गुरु | गुरुजन |
गरीब | गरीब लोग |
10. कुछ शब्दों में गुण, वर्ण, भाव, आदि शब्दों को जोड़कर बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
व्यापारी | व्यापारीगण |
मित्र | मित्रवर्ग |
सुधी | सुधिजन |
11. कुछ शब्द एकवचन तथा बहुवचन दोनों में एकसमान होते है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
राजा | राजा |
पिता | पिता |
पानी | पानी |
फल | फल |
चाचा | चाचा |
मामा | मामा |
प्रेम | प्रेम |
बाज़ार | बाज़ार |
12. कुछ शब्दों का 2 बार प्रयोग होता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
भाई | भाई-भाई |
घर | घर-घर |
शहर | शहर-शहर |
2. विभिक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
विभक्ति से युक्त शब्दों का बहुवचन रूप बनाने में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। विभक्ति सहित संज्ञाओं के एकवचन से बहुवचन बनाने के सभी नियम निम्न प्रकार है:-
1. अकारांत और आकारांत (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारांत संज्ञाओं में अंतिम ‘अ, आ, तथा ‘ए’ के स्थान पर ‘ओं’ जोड़कर बहुवचन बनता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
लडका | लडकों |
घर | घरों |
गधा | गधों |
घोड़ा | घोड़ों |
चोर | चोरों |
2. संस्कृत के आकारांत तथा संस्कृत-हिन्दी के सभी उकारांत, ऊकारांत, अकारांत, औकारांत संज्ञा शब्दों के अंत में ‘ओं’ जोड़कर बहुवचन बनता है। उकारांत शब्दों में ‘ओं’ जोड़ने के पहले ‘ऊ’ को ‘उ’ कर दिया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
लता | लताओं |
साधु | साधुओं |
वधू | वधुओं |
घर | घरों |
जौ | जौओं |
3. सभी इकारांत तथा ईकारांत संज्ञा शब्दों के अंत में ‘यों’ जोड़कर बहुवचन बनता है। ‘इकारांत’ शब्दों में ‘यों’ जोड़ने के पहले ‘ई’ का ‘इ’ कर दिया जाता है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
मुनि | मुनियों |
गली | गलियों |
नदी | नदियों |
साड़ी | साड़ियों |
श्रीमती | श्रीमतियों |
बहुवचन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
-
बहुवचन की परिभाषा क्या है?
संज्ञा के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ, आदि के एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे ‘बहुवचन’ कहते है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।