कॉर्न फ्लोर क्या होता है? और इसके फ़ायदे और नुकसान क्या-क्या है?
Corn Flour in Hindi : कॉर्न फ्लोर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी:- नमस्कार, क्या आप जानते है कि कॉर्न फ्लोर क्या होता है? कॉर्न फ्लोर के फ़ायदे और नुकसान क्या-क्या है? और कॉर्न फ्लोर के क्या उपयोग है?
शायद आपको कॉर्न फ्लोर के बारे में कुछ भी नहीं पता होगा। चलिए चिंता करने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि इस लेख में हमनें Corn Flour के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।
आप इस लेख को पढेंगे, तो आप कॉर्न फ्लोर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। इस लेख की शुरुआत करने से पहले आपसे निवेदन है कि आप इस लेख को शुरुआत से अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़े।
इस लेख में निहित जानकारी आपके लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक साबित होगी। तो चलिए और अधिक समय बर्बाद ना करते हुए शुरू करते है:-
Corn Flour क्या होता है?
कॉर्न फ्लोर का अर्थ उसके नाम से ही पता चलता है। जैसे ‘कॉर्न’ शब्द का अर्थ होता है:- मक्का, तथा ‘फ्लोर’ शब्द का अर्थ होता है:- आटा। इस प्रकार इन दोनों शब्दों से मिलकर जो नए शब्द की उत्पत्ति होती है, वह कॉर्न फ्लोर अर्थात मक्के का आटा होता है।
कॉर्न फ्लोर का निर्माण मक्के के दानों से छिलका हटाकर उन्हें पीसकर किया जाता है। कॉर्न फ्लोर सफ़ेद रंग के पाउडर के रूप में होता है। बनावट के तौर पर कॉर्न फ्लोर बहुत ही चिकना होता है और यह बिलकुल मैदा के आटे की भांति होता है।
मक्के का आटा और मक्के का स्टार्च के बीच में क्या अंतर है?
सामान्यतः मक्के के आटे को Cornmeal Flour के नाम से जाना जाता है। दरअसल, Cornmeal Flour को ही मक्के का आटा कहते है। Cornmeal Flour अर्थात मक्के के आटे का निर्माण, मक्के के दानों को सुखाकर और फिर उन्हें पीसकर उनका पाउडर बनाकर किया जाता है।
सामान्यतः मक्के का आटा पीला रंग का होता है और यह दरदरा और बारीक रूप में होता है। मक्के के आटे का स्वाद, मक्के की भांति मीठा होता है। मक्के के आटे का उपयोग मक्के की रोटी बनाने के लिए किया जाता है।
मक्के के आटे में विभिन्न प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते है। कॉर्न फ्लोर, मक्के के आटे से अलग होता है। कॉर्न फ्लोर तथा कॉर्न स्टार्च, मक्के का स्टार्च होता है। कॉर्न फ्लोर तथा कॉर्न स्टार्च का निर्माण मक्के के दानों से छिलका हटाकर उन्हें पीसकर किया जाता है।
कॉर्न फ्लोर सफ़ेद रंग के पाउडर के रूप में होता है। बनावट के तौर पर कॉर्न फ्लोर बहुत ही चिकना होता है और यह बिलकुल मैदा के आटे की भांति होता है। कॉर्न फ्लोर स्वादहीन होता है।
कॉर्न फ्लोर का उपयोग खाद्य पदार्थों को गाढ़ा बनाने के लिए किया जाता है। कॉर्न फ्लोर में विटामिन और पोषक तत्वों की मात्रा मक्के के आटे की तुलना में कम होती है।
कॉर्न फ्लोर में पाए जाने वाले पोषक तत्व कौन-कौनसे है?
पोषक तत्व | पोषक तत्वों की मात्रा |
एनर्जी | 44 कैलोरी |
प्रोटीन | 1.1 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 9.1 ग्राम |
फैट | 0.5 ग्राम |
फाइबर | 1.2 ग्राम |
विटामिन बी 1 (थियामाइन) | 0.17 मिलीग्राम |
विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) | 0.09 मिलीग्राम |
विटामिन बी 3 (नियासिन) | 1.17 मिलीग्राम |
फोलेट विटामिन बी 9 | 27.9 माइक्रोग्राम |
कैल्शियम | 16.9 मिलीग्राम |
आयरन | 0.86 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 13.2 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 26.7 मिलीग्राम |
जिंक | 0.22 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 35.7 मिलीग्राम |
कॉर्न फ्लोर के क्या-क्या उपयोग है?
कॉर्न फ्लोर के उपयोगों की बात करें तो इसका उपयोग खाना बनाने से लेकर बीमारियों के ईलाज में होता है। नीचे दी गई सारणी में कॉर्न फ्लोर के समस्त उपयोगों का उदाहरण सहित वर्णन किया है।
- कॉर्न फ्लोर का मुख्य उपयोग आलू टिक्की, केला टिक्की और पोहा टिक्की जैसे खाद्य पदार्थों को कुरकुरा व कड़क बनाने के लिए किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त कॉर्न फ्लोर का मुख्य उपयोग किसी भी प्रकार की सब्जी के रसा (Gravy) को गाढ़ा बनाने के लिए किया जाता है.
- कॉर्न फ्लोर का उपयोग सॉस, स्टेव और सूप आदि खाद्य पदार्थों को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है.
- इसके आलावा दूध से बनने वाली खाद्य सामग्रियों को गाढ़ा करने के लिए भी कॉर्न फ्लोर का ही उपयोग होता है.
- कॉर्न फ्लोर का मुख्य उपयोग तलने वाले खाद्य पदार्थों जैसे:- कटलेट और कोप्ता आदि को बाँधने के लिए किया जाता है.
- कॉर्न फ्लोर जैसे खाद्य पदार्थों को कुरकुरा बनाने के लिए भी कॉर्न फ्लोर का उपयोग किया जाता है।
- इसके अलावा कॉर्न फ्लोर का उपयोग गुलाब जामुन, रस मलाई और छैना आदि बनाने में भी किया जाता हैं।
- कॉर्न फ्लोर का उपयोग हलवा और कुकीज को बनाने में भी किया जाता है।
- फिलर, बाइडिंग और कोफ्ते बनाने में कॉर्न फ्लोर का उपयोग किया जाता है।
- आमतौर पर कॉर्न फ्लोर को पाउडर चीनी में एक पिण्डन निरोधक कारक (Anti Caking Agent) के रूप में शामिल किया जाता है। इसे अरारोट का विकल्प (Substitute) भी कहा जा सकता है.
- कॉर्नस्टार्च का उपयोग बेकिंग के पहले फलों को कोट करने के लिए भी किया जाता है। उसके बाद उससे पाई, टार्ट और अन्य डिजर्ट बना सकते हैं। कॉर्नस्टार्च की पतली परत फलों के रस के साथ मिश्रित होती है, और फिर इसे बेक करती है।
- कॉर्नस्टार्च को एक पिण्डन निरोधक कारक (Anti Caking Agent) के रूप में भी उपयोग किया जाता है। कटे हुआ पनीर को अक्सर कॉर्नस्टार्च के पतले से घोल के साथ लपेटा जाता है। जिससे कि जब इसे आंच पर सेंका जाए तो यह बिखरे नहीं। इससे पनीर अच्छी तरह से सिक जाता है।
- खाद्य पदार्थों के अलावा कॉर्न फ्लोर या कॉर्न स्टार्च का उपयोग बेबी पाउडर में भी किया जाता है। कॉर्न स्टार्च का उपयोग जैवप्लास्टिक (Bioplastics) और एयरबैग (Airbag) के निर्माण में भी किया जाता है।
- कॉर्न स्टार्च का उपयोग खाद्य पदार्थों के अलावा चिकित्सा में भी किया जाता है। दरअसल कॉर्न स्टार्च या कॉर्न फ्लोर, प्राकृतिक लेटेक्स से बने मेडिकल उत्पादों जैसे:- कंडोम्स, डायाफ्राम और मेडिकल ग्लव्स आदि में एक पसंदीदा एंटी-स्टिक एजेंट (Anti-stick agent) होता हैं.
- ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज वाले लोगों के लिए ब्लड सुगर के स्तर को बनाये रखने के लिए भी कॉर्न फ्लोर का उपयोग किया जाता हैं। क्योंकि इसमें ग्लूकोस की सप्लाई को सक्षम करने के गुण मौजूद होते है। इसका उपयोग 6 से 12 महीने की उम्र में शुरू किया जाता है, जिससे ग्लूकोस के उतार-चढ़ाव को रोका जाता है।
Corn Flour के उपयोग से होने वाले फ़ायदे क्या-क्या है?
कॉर्न फ्लोर के उपयोग से होने वाले सभी फ़ायदो की सूची नीचे दी गई है। जिसमें कॉर्न फ्लोर के समस्त फ़ायदों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
- कॉर्न फ्लोर का उपयोग करने से बालों की चिपचिपाहट कम होती है और यह एक सस्ता और प्राकृतिक तरीका भी है। इसके विधि में आपको सिर्फ थोड़ा-सा कॉर्न स्टार्च अपने बालों की जड़ों और कंघी में छिड़क लेना होगा। उसके बाद कॉर्न स्टार्च स्वयं बालों का अतिरिक्त तेल सोख लेगा और फिर आपके बाल घने दिखाई देने लगेंगे।
- कॉर्न फ्लोर का उपयोग आँखों की रौशनी को तीव्र करने के लिए भी किया जाता है। मक्के का आटा आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। मक्के के आटे में विटामिन ए और कैरोटिनॉइड नामक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है। इसलिए कॉर्न फ्लोर का सेवन आंखों के लिए बेहद लाभकारी होता है।
- अगर आप अपनी सुन्दरता को लेकर चिंतित है और आपको मैट फिनिश लिपस्टिक का शौक है तो आप अपनी ग्लॉसी लिपस्टिक को मैट फिनिश दे सकती हैं। इसके लिए आपको सिर्फ लिपस्टिक लगाने से पहले अपने होठों पर थोड़ा कॉर्न स्टार्च लगाना होगा और फिर उसके बाद अपना पसंदीदा शेड लगा लें। आप लिप ब्रश से कॉर्न स्टार्च और लिपस्टिक को मिलाकर भी लगा सकती हैं।
- कॉर्न फ्लोर आपको अनेक बीमारियों से भी बचने में मदद करता है। मक्के के आटे में आयरन पाया जाता है। इसलिए इसका सेवन करने से एनीमिया बीमारी की समस्या नहीं होती है। मक्के के आटे का सेवन करने से खून की कमी भी नहीं होती है और शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर भी सही बना रहता है।
- कॉर्न फ्लोर के उपयोग से आप अपनी त्वचा को धूप की कालिमा (Sunburn) से बचा सकते है। इसके लिए आप धूप से जली त्वचा पर कॉर्न स्टार्च लगाकर आराम दें। कॉर्न स्टार्च में जली त्वचा को ठीक करने के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए आप कॉर्न स्टार्च को पानी में मिला कर धूप से जली त्वचा पर 20 मिनट तक लगा कर छोड़ दें और उसके बाद ठंडे पानी से अपनी त्वचा को धो लें। ऐसा करने के बाद आपको कुछ ही देर में आपको राहत महसूस होगी।
- कॉर्न स्टार्च पसीने से पसीजे हुए पैरों और अंडरआर्म्स से अतिरिक्त पसीना सोखने के लिए भी काफ़ी फायदेमंद साबित होता हैं। इसके लिए आप थोड़ा-सा कॉर्न स्टार्च अपने अंडरआर्म्स और तलवों पर लगाएं। इसके बाद आपको पसीने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
- मक्के के आटे का सेवन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर प्राप्त होता है। जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी सामान्य बना रहता है और इसके साथ-साथ कब्ज की समस्या भी पैदा नहीं होती है।
- कॉर्न स्टार्च का उपयोग नेल पेंट को मैट फिनिश देने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप अपने पसंदीदा नेल पेंट को कॉर्न स्टार्च के साथ मिलाएं और अपने नाखूनों पर लगा लें।
- मक्के के आटे का सेवन करने से शरीर में विभिन्न प्रकार के विटामिन प्राप्त होते है। जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार निरंतर रूप से होता रहता है और बार-बार भूख भी नहीं लगती है। जिससे आप अतिरिक्त खाने से बच जाते हैं और इससे आपका वजन बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती है।
- आप अपनी त्वचा को कॉर्न स्टार्च की मदद से ढीला पड़ने अर्थात झुर्रियों से बचा सकती हैं। कॉर्न स्टार्च का उपयोग करने से आपकी त्वचा को चिपकी हुई रहेगी। कॉर्न स्टार्च आपकी त्वचा की अशुद्धियां भी साफ करता है और उसे नम बनाए रखता है। इसके उपयोग के लिए आप एक अंडे के सफेद भाग को कॉर्न स्टार्च के साथ मिलाएं और चेहरे पर लगा लें। फिर 20 मिनट बाद अपना चेहरा धो लें और फिर एक अच्छा मॉइस्चराइजर लगा लें। अच्छे नतीजों के लिए इसे सप्ताह में कम से कम तीन बार कॉर्न स्टार्च अपनी त्वचा पर लगाएं।
- पसीने और तंग कपड़ों को पहनने से अक्सर ही जांघों के भीतरी हिस्से में रैशेज हो जाते हैं। इन्हें भी आप कॉर्न स्टार्च के उपयोग से ठीक कर सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ थोड़ा-सा कॉर्न स्टार्च अपनी जांघों के भीतरी हिस्से में लगा लेना होगा। ऐसा करने से आपको रैशेज की समस्या से काफी फायदा प्राप्त होगा। यही नहीं बल्कि, बच्चों की त्वचा पर डाइपर से हुए रैशेज पर भी इसे लगाया जा सकता है। इसके लिए बच्चों के नहाने के पानी में एक चौथाई कप कॉर्न स्टार्च मिलाएं। इसके आलावा अगर आपको कोई कीड़ा काट ले, तो उससे होने वाली जलन से भी कॉर्न स्टार्च आपको राहत प्रदान करता है।
- रोजाना मक्के के आटे का सेवन करने से शरीर को निरंतर रूप से पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी प्राप्त होता है। जिससे हाइपरटेंशन की समस्या उत्पन्न नहीं होती है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- कॉर्न स्टार्च के उपयोग से आप हल्की जली त्वचा का उपचार भी कर सकते हैं। इसके लिए आप 8 कप गुनगुने पानी में 1 बड़ा चम्मच कॉर्न स्टार्च मिलाएं और उतना ही बेकिंग सोडा भी मिलाएं। अब इसमें रुई या साफ सूती कपड़ा डुबोकर जली त्वचा पर लगा लें और आधे घंटे के लिए छोड़ दें। ऐसा करने से आपको जली त्वचा पर काफ़ी आराम मिलेगा।
- कॉर्न स्टार्च का उपयोग आप बेबी पाउडर के तौर पर भी कर सकते है। इसके लिए आप एक डिब्बे में कॉर्न स्टार्च भरें और उसमें कुछ बूंदें अपनी पसंदीदा खुशबू वाले तेल की डालें। उसके बाद इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और फिर अपने शरीर पर लगाएं।
- कॉर्न स्टार्च का उपयोग आप फेस क्लीनर के तौर पर भी कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 बड़े चम्मच कॉर्न स्टार्च को उतनी ही मात्रा की ग्लिसरीन और आधा कप पानी के साथ मिलाएं और गाढ़ा होने तक उबलने दें। गाढ़ा होने के बाद इसे ठंडा कर साबुन की जगह इस्तेमाल करें।
- कॉर्न जवान और बुजुर्ग व्यक्तियों में हड्डियों की कमजोरी दूर करने में काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होता है। कॉर्न में फोस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और कॉपर आदि प्रदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। इन सभी पोषक तत्वों के उपयोग से हड्डियों को मजबूती प्रदान होती है।
- कॉर्न के सेवन से दांतों को मजबूती प्रदान होती है। बच्चों को भुट्टे बहुत पसंद होते है। इसलिए अगर बच्चों को भुट्टे को सेंककर खिलाया जाये तो इससे उन्हें प्रोटीन प्राप्ति के साथ-साथ उनके दांतों को भी मजबूती प्रदान होती है।
- मक्की के दानों को आग में भून कर इसका गंध सूखने से बंद नांक जल्दी खुल जाती है। इसके साथ-साथ आग में भुनी गरम-गरम मक्की खाने से गले की खर्राश और जुकाम जैसी समस्या से बड़ी राहत प्राप्त होती है।
- कॉर्न दिल से सम्बन्धित बीमारियों को दूर करने में भी काफ़ी लाभकारी है। इसमें विटामिन C मौजूद होता है, जो कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जिससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को कॉर्न का सेवन करना बहुत फ़ायदेमंद होता है। कॉर्न में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। जो कि शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक होता है।
- कॉर्न फ्लोर में मौजूद अघुलनशील फाइबर जैसे ऐमिलोस, सेल्यूलोस और लिग्निन के कारण इसके उपयोग से पाचन क्रिया आसान हो जाती हैं। जो कि हमारी आँतों के लिए लाभकारी होता है.
कॉर्न फ्लोर के उपयोग से होने वाले नुकसान क्या-क्या है?
कॉर्न फ्लोर के उपयोग से होने वाले सभी नुकसानों की सूची नीचे दी गई है। जिसमें कॉर्न फ्लोर के समस्त नुकसानों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
- कॉर्न फ्लोर का सेवन करने से एलर्जी और त्वचा पर चकत्ते, उल्टी आदि जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते है। इसके अलावा कई लोगों को मक्का खाने के बाद अस्थमा का दौरा भी पड़ जाता है।
- वर्तमान में बाजार में मौजूद कॉर्न पर बहुत से इंसेक्टिसाइड पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जाता है। जिन फसलों पर इंसेक्टिसाइड तथा पेस्टिसाइड का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है, उनके सेवन से कैंसर का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
- कॉर्न फ्लोर में बहुत अधिक कैलोरी एवं कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। जो कि वजन कम करने के लिए बाधा उत्पन्न करता है।
- कॉर्न फ्लोर कई लोगों के लिए एक मुख्य भोजन है। ऐसी स्थिति में कॉर्न फ्लोर के रोजाना सेवन से पिलाग्रा (Pellagra) होने का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है। आपको बता दें कि विटामिन की कमी को पिलाग्रा कहते हैं।
- कॉर्न फ्लोर मधुमेह से पीड़ित लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
- कॉर्न फ्लोर का अधिक मात्रा में उपयोग करने से यह आपके शरीर में LDL को बढ़ाता हैं जो कि एक खराब कोलेस्ट्रॉल होता है।
- कॉर्न फ्लोर फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक काफ़ी अच्छा स्रोत है। जो कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन इन तंतुओं की एक ज्यादा खुराक आपके पेट के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। जिससे आपको खाना पचाने में मुश्किल उत्पन्न हो सकती है।
- मकई को कच्चा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह दस्त का परिणाम हो सकता है। मकई पेट के कई रोगों को उत्पन्न करती है।
नोट:- हालाँकि यह सब चीजें कॉर्न की सोर्सिंग और प्रोसेसिंग पर निर्भर करती है, कि आटा स्वस्थ है अथवा नहीं। तो आप सेफ साइड के लिए पैक किये गये कॉर्न का उपयोग करने के बजाय ताज़ा कॉर्न का इस्तेमाल करें और घर पर ही आटा बनाएं। जो उपयोग करने में आसान और स्वस्थ होगा.
मकई का आटा कैसे बनाया जाता है?
मकई का आटा बनाने की बात करे तो यह घर में भी काफी आसानी से बनाया जा सकता है। लेकिन, इसको बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय खर्च होता है। इसके अलावा आपको मकई का आटा घर पर बनाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत भी करनी पड़ती है।
अंत में आपके लिए सबसे आवश्यक सूचना यह है कि मकई को पीसने के लिए आपके पास आटा पीसने वाली चक्की का होना अत्यंत आवश्यक है। मकई का आटा बनाने की विधि नीचे दी गई है। जिसमें मकई के आटा की निर्माण विधि का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
- सबसे पहले बाजार से ख़रीदे हुए मकई के सूखे दानों को एक जगह बिछा लीजिये।
- उसके बाद उन मकई के दानों की सफाई करके उनमें से कंकड़ तथा अन्य प्रकार के बीजों को मकई के दानों से अलग कर लीजिये।
- अब इन मकई के दानों को पानी में अच्छे से धोकर इन पर लगी हुई मिट्टी और धूल आदि को साफ़ कर लें।
- मकई के दानों को धोने के बाद इन दानों को एक बर्तन में पानी और चूना डालकर रख लें।
- चूने का भी विशिष्ट मात्रा में उपयोग करना बहुत आवश्यक है।
- बुलबुले आने के बाद इस पानी को मकई के दानों से अलग करने के लिए छान लीजिये।
- छानने के बाद करीब आधे से एक घंटे के लिए मकई के दानों को पका लीजिये, जिससे सूखे हुए कठोर मकई के दाने नरम पड़ जाए।
- मकई के दानों को पकाने के बाद उन दानों को उसी पानी में करीब 12 घंटों तक भिगोने के लिए रखें।
- लंबे समय तक दानों को भीगने से यह ज्यादा नर्म हो जाते है। इसीलिए इन्हें विशिष्ट समय तक ही भिगो कर रखें।
- अगले दिन इन मकई के दानों को हाथ से रगड़कर छिल लें। जिससे कि मकई के दानों के ऊपर मौजूद छिलके दानों से अलग हो जाते हैं।
- छिलकों को अलग करने के बाद मकई के दानों को ठंडे पानी से धो लीजिये।
- फिर इन मकई के दानों को चक्की में पीस लीजिये।
- अब आपका मकई का आटा तैयार है।
- मकई के आटे को हमेशा ठंडी और सूखी जगह रखा जाता है। ताकि यह लंबे समय तक टिक सके।
Corn Flour का भंडारण कैसे किया जाता है?
जैसा कि आप जानते है कि कॉर्न फ्लोर या कॉर्न स्टार्च एक प्रकार से आटे का रूप है। इसलिए यह नमी को अवशोषित करता है। अतः नमी से बचाने के लिए इसे हवाबंद डिब्बे में रखना चाहिए। ऐसा करने से यह नमी के संपर्क में नहीं आयेगा और कॉर्न फ्लोर सुरक्षित रहेगा।
कॉर्न फ्लोर को अत्यधिक गर्म स्थान पर नहीं रखा जाना चाहिए। बल्कि इसे हवाबंद डिब्बे में रखकर उस डिब्बे को ठंडी और सूखी जगह पर रखना चाहिए। यदि यह सही तरीके से भंडारित किया गया हैं, तो यह कई वर्षों तक उपयोग योग्य बना रहता है।
Corn Flour से क्या-क्या सामग्रियां बनाई जा सकती है?
कॉर्न फ्लोर से बहुत से प्रकार के खाद्य पदार्थ और व्यंजन बनाए जाते है। कॉर्न फ्लोर से बनने वाली सभी सामग्रियों कि सूची नीचे दी गई है और इन सभी का विस्तारपूर्वक वर्णन भी किया गया है.
1. टिक्कर
टिक्कर एक प्रकार की रोटी है। जो कि मकई के आटे से बनती है। यह रोटी राजस्थान की प्रसिद्ध रोटी है। यह रोटी स्वाद में थोड़ी मीठी होती है और इसे गरम-गरम ही परोसा जाता है। लिट्टी बनाने के लिए भी राजस्थान में मकई के आटे का इस्तेमाल करते है।
2. पराठा
पराठे को अनेक प्रकार से बनाया जा सकता है। जैसे कि मेथी के पराठे, आलू के पराठे आदि। इन सभी को बनाने के लिए गेहूँ या मैदा इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्रकार से मकई के आटे से भी पराठे बनाए जाते है।
3. ढोकला
सामान्य रूप से ढोकला बनाने के लिए बेसन का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि, गुजरात में ढोकला बनाने के लिए मकई का इस्तेमाल किया जाता है।
4. मेक्सिकन टैको
टैको एक मैक्सिकन स्नैक है और यह अब पूरी दुनिया में काफ़ी मशहूर है। इस स्नैक को मकई के आटे के साथ बनाया जाता है। इसके साथ ही पैनकेक, केक, ब्रेड और अन्य पदार्थों को बनाने के लिए भी मकई के आटे का इस्तेमाल किया जाता है।
निष्कर्ष
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान कि गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रो व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें।
इसके अतिरिक्त यदि आपके मन में लेख से संबंधित कोई प्रश्न उठ रहा है? तो आप कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए सभी के प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे। भविष्य में भी हम आपके लिए ऐसे ही रोचक व उपयोगी लेख लाते रहेंगे।
अतः आप भविष्य में प्रकाशित होने वाले सभी लेखों कि ताज़ा जानकारी के लिए कृपया हमारे फेसबुक पेज और वेबसाइट को सब्सक्राइब कर ले। ताकि आपको भविष्य में प्रकाशित होने वाले लेखों की ताज़ा जानकारी समय पर प्राप्त हो जाये।
धन्यवाद…