उपवाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण

उपवाक्य की परिभाषा : Upvakya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘उपवाक्य की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप उपवाक्य से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
उपवाक्य की परिभाषा : Upvakya in Hindi
पदों का ऐसा समूह जिसका अपना अर्थ होता है, जो सामान्यतः एक वाक्य का भाग होता है तथा जिसमें उद्देश्य एवं विधेय सम्मिलित होते है, वह ‘उपवाक्य’ कहलाता है। उपवाक्य वाक्य का अंश होता है, जिसमें उद्देश्य और विधेय होते है।
साधारण शब्दों में:- जिन क्रियायुक्त पदों से आंशिक भाव व्यक्त होता है, उन्हें ‘उपवाक्य’ कहते है। उपवाक्य में कर्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।
उपवाक्यों के आरंभ में अधिकतर कि, जिससे कि, क्योंकि, यदि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, यद्यपि, जब, जहाँ, आदि होते है।
उपवाक्य के उदाहरण
उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उपवाक्य के उदाहरण |
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सीता विद्यालय नहीं गई, क्योंकि पानी बरस रहा था। |
मैं नहीं जानता कि राम कहाँ रहता है। |
यह वही घड़ी है, जिसे मैंने कलकत्ता में खरीदी थी। |
उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘क्योंकि पानी बरस रहा था’,द्वितीय वाक्य में ‘कि वह कहाँ रहता है’ तथा तृतीय वाक्य में ‘जिसे मैंने कलकत्ता में खरीदी थी’ उपवाक्य है।
उद्देश्य और विधेय
उपवाक्य में वाक्य के कुल 2 अंग होते है, जो कि ‘कर्ता’ और ‘क्रिया’ है। पक्ष के अनुसार भी वाक्य के कुल 2 पक्ष होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
उद्देश्य |
विधेय |
1. उद्देश्य
वाक्य में जिस व्यक्ति अथवा वस्तु के संबंध में कुछ कहा जाता है, उसे ‘उद्देश्य’ कहते है। जैसे:- छात्रों को अनुशासन प्रिय होना चाहिए। इस वाक्य में छात्रों को कहा गया है कि उन्हें अनुशासन प्रिय होना चाहिए। अत: यहाँ पर ‘छात्रों को’ उद्देश्य है।
इसके अंतर्गत कर्ता तथा कर्ता-विस्तार (विशेषण सम्बन्धबोधक, भावबोधक), आदि आ जाते है। सामान्यत: उद्देश्य कोई संज्ञा अथवा संज्ञा की भांति प्रयुक्त शब्द होता है अर्थात वाक्य का कर्ता ही वाक्य का उद्देश्य होता है।
उद्देश्य के उदाहरण
उद्देश्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
युवराज सिंह ने एक ओवर में छह छक्के लगाए। |
राम विद्यालय जा रहा है। |
मेरा बड़ा भाई अजय हिंदी पुस्तकें अधिक पढ़ता है। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘युवराज सिंह’, द्वितीय वाक्य में ‘राम’ तथा तृतीय वाक्य में ‘मेरा बड़ा भाई’ उद्देश्य है।
2. विधेय
उद्देश्य (कर्ता) के संबंध में जो कहा जाता है, उसे ‘विधेय’ कहते है। विधेय के अन्तर्गत क्रिया, क्रिया विस्तार, कर्म-विस्तार, आदि आ जाते है।
विधेय के उदाहरण
विधेय के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
इस कक्षा का सर्वश्रेष्ठ धावक अजय प्रतियोगिता में भाग लेगा। |
मेरा छोटा भाई श्याम अंग्रेजी पुस्तकें अधिक पढ़ता है। |
मेरा मित्र विकास बहुत अच्छा चित्रकार है। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘प्रतियोगिता में भाग लेगा’, द्वितीय वाक्य में ‘अंग्रेजी पुस्तकें अधिक’ तथा तृतीय वाक्य में ‘बहुत अच्छा चित्रकार है’ विधेय है।
उपवाक्य के भेद
उपवाक्य के कुल 2 भेद होते है, जो कि निम्न प्रकार है:-
उपवाक्य के भेद |
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प्रधान उपवाक्य |
आश्रित उपवाक्य |
1. प्रधान उपवाक्य
वह उपवाक्य, जो पूरे वाक्य से पृथक लिखा जाता है और जिसका अर्थ किसी अन्य पर आश्रित नहीं होता है, तो उसे ‘प्रधान उपवाक्य कहते’ है।
प्रधान उपवाक्य के उदाहरण
प्रधान उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अजय ने कहा कि वह कल विद्यालय आएगा। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त उदाहरण में ‘अजय ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है।
2. आश्रित उपवाक्य
वह उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य के बिना पूरा अर्थ नहीं देता है और स्वतंत्र लिखा भी नहीं जाता है, उसे ‘आश्रित उपवाक्य’ कहते है।
आश्रित उपवाक्य के उदाहरण
आश्रित उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विजय ने कहा कि वह कल गाँव जाएगा। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त उदाहरण में ‘वह कल गाँव जाएगा’ आश्रित वाक्य है।
आश्रित उपवाक्य के भेद
आश्रित उपवाक्य के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
आश्रित उपवाक्य के भेद |
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संज्ञा उपवाक्य |
विशेषण उपवाक्य |
क्रिया विशेषण उपवाक्य |
(i). संज्ञा उपवाक्य
वह आश्रित उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य की क्रिया के कर्ता, कर्म एवं क्रिया पूरक के रूप में प्रयोग होता है, उसे ‘संज्ञा उपवाक्य’ कहते है। संज्ञा उपवाक्य के आरंभ में ‘कि’ शब्द होता है।
संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण
संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
राम ने कहा कि मैं जाऊंगा। |
मैं नहीं जानता कि अजय कहाँ है? |
माँ ने बचपन में ही घोषित कर दिया था कि मेरा बेटा इंजिनियर बनेगा। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘मैं जाऊंगा’, द्वितीय वाक्य में ‘अजय कहा है?’ तथा तृतीय वाक्य में ‘मेरा बेटा इंजिनियर बनेगा’ संज्ञा उपवाक्य है।
(ii). विशेषण उपवाक्य
वह आश्रित उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य के संज्ञा पद की विशेषता बतलाता है, उसे ‘विशेषण उपवाक्य’ कहते है। इसमें ‘जो, जिसे, जैसा, जितना, आदि’ शब्दों का प्रयोग होता है।
विशेषण उपवाक्य के उदाहरण
विशेषण उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
वह लड़का जो कल रोया था आज नहीं आया है। |
वह चश्मा कहाँ है जिसको आप लाये थे। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘जो कल रोया था’ तथा द्वितीय वाक्य में ‘जिसको आप लाये थे’ विशेषण उपवाक्य है।
(iii). क्रिया विशेषण उपवाक्य
वह आश्रित उपवाक्य जो प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है, उसे ‘क्रिया विशेषण उपवाक्य’ कहते है। इसमें ‘जब, जहाँ, जिधर, ज्यों, आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
क्रिया विशेषण उपवाक्य के उदाहरण
क्रिया विशेषण उपवाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
जब आग लगती है तभी धुआं उठता है। |
वह शर्ट कहाँ है जिसको आप लाये थे। |
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त सभी उदाहरणों में से प्रथम वाक्य में ‘जब आग लगती है’ तथा द्वितीय वाक्य में ‘वह शर्ट कहाँ है’ क्रिया विशेषण उपवाक्य है।
क्रिया विशेषण उपवाक्य के भेद
क्रिया विशेषण उपवाक्य के कुल 5 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
क्रिया विशेषण उपवाक्य के भेद |
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कालसूचक उपवाक्य |
स्थानवाचक उपवाक्य |
रीतिवाचक उपवाक्य |
परिमाणवाचक उपवाक्य |
परिणाम अथवा हेतुसूचक उपवाक्य |
१. कालसूचक उपवाक्य
कालसूचक उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
जब मैं घर पहुँचा, तब वह जा रहा थी। |
स्थानवाचक उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
जिधर हम जा रहे है, उधर एक चीता है। |
३. रीतिवाचक उपवाक्य
रीतिवाचक उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
बच्चे वैसे ही करते है, जैसा वह बड़ों से सीखते है। |
परिमाणवाचक उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे पसीना आएगा। |
५. परिणाम अथवा हेतुसूचक उपवाक्य
परिणाम अथवा हेतुसूचक उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
वह इसलिए आएगा ताकि आपसे बात कर सके। |
प्रधान उपवाक्य | आश्रित उपवाक्य | उपवाक्य का प्रकार |
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राम ने कहा कि | मैं विद्यालय नहीं जाऊँगा। | संज्ञा उपवाक्य |
वे सफल होते है | जो परिश्रम करते है। | विशेषण उपवाक्य |
विजय को बस नहीं मिली | क्योंकि वह समय पर नहीं गया। | क्रिया विशेषण उपवाक्य |
उपवाक्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
पदों का ऐसा समूह जिसका अपना अर्थ होता है, जो सामान्यतः एक वाक्य का भाग होता है तथा जिसमें उद्देश्य एवं विधेय सम्मिलित होते है, वह ‘उपवाक्य’ कहलाता है। उपवाक्य वाक्य का अंश होता है, जिसमें उद्देश्य और विधेय होते है।
साधारण शब्दों में:- जिन क्रियायुक्त पदों से आंशिक भाव व्यक्त होता है, उन्हें ‘उपवाक्य’ कहते है। उपवाक्य में कर्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।
उपवाक्यों के आरंभ में अधिकतर कि, जिससे कि, क्योंकि, यदि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, यद्यपि, जब, जहाँ, आदि होते है। -
उपवाक्य के कितने भेद है?
उपवाक्य के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. प्रधान उपवाक्य
2. आश्रित उपवाक्य -
प्रधान उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
वह उपवाक्य, जो पूरे वाक्य से पृथक लिखा जाता है और जिसका अर्थ किसी अन्य पर आश्रित नहीं होता है, तो उसे ‘प्रधान उपवाक्य कहते’ है।
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आश्रित उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
वह उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य के बिना पूरा अर्थ नहीं देता है और स्वतंत्र लिखा भी नहीं जाता है, उसे ‘आश्रित उपवाक्य’ कहते है।
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आश्रित उपवाक्य के कितने भेद है?
आश्रित उपवाक्य के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. संज्ञा उपवाक्य
2. विशेषण उपवाक्य
3. क्रिया विशेषण उपवाक्य -
संज्ञा उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
वह आश्रित उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य की क्रिया के कर्ता, कर्म एवं क्रिया पूरक के रूप में प्रयोग होता है, उसे ‘संज्ञा उपवाक्य’ कहते है। संज्ञा उपवाक्य के आरंभ में ‘कि’ शब्द होता है।
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विशेषण उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
वह आश्रित उपवाक्य, जो प्रधान उपवाक्य के संज्ञा पद की विशेषता बतलाता है, उसे ‘विशेषण उपवाक्य’ कहते है। इसमें ‘जो, जिसे, जैसा, जितना, आदि’ शब्दों का प्रयोग होता है।
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क्रिया विशेषण उपवाक्य की परिभाषा क्या है?
वह आश्रित उपवाक्य जो प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है, उसे ‘क्रिया विशेषण उपवाक्य’ कहते है। इसमें ‘जब, जहाँ, जिधर, ज्यों, आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
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क्रिया विशेषण उपवाक्य के कितने भेद है?
क्रिया विशेषण उपवाक्य के कुल 5 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. कालसूचक उपवाक्य
2. स्थानवाचक उपवाक्य
3. रीतिवाचक उपवाक्य
4. परिमाणवाचक उपवाक्य
5. परिणाम अथवा हेतुसूचक उपवाक्य
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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