वाक्य विश्लेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वाक्य विश्लेषण की परिभाषा : Vakya Vishleshan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वाक्य विश्लेषण की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप वाक्य विश्लेषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
वाक्य विश्लेषण की परिभाषा : Vakya Vishleshan in Hindi
रचना के आधार पर बने वाक्यों को उनके अंगों के साथ पृथक कर उनका पारस्परिक सम्बन्ध बताना ही ‘वाक्य विश्लेषण’ कहलाता है।
अन्य शब्दों में, वाक्य में प्रयुक्त पदों को अलग-अलग कर उनका पारस्परिक संबंध बतलाना ही ‘वाक्य-विश्लेषण’ कहलाता है।
वाक्य के अंग
वाक्य के मुख्य रूप से 2 अंग होते है, जो कि निम्नलिखित है:-
उद्देश्य |
विधेय |
1. उद्देश्य
किसी वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसे ‘उद्देश्य’ कहते है।
2. विधेय
किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में कुछ कहा जाए, उसे ‘विधेय’ कहते है।
वाक्य विश्लेषण के भेद
वाक्य विश्लेषण के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
वाक्य विश्लेषण के भेद |
---|
सरल वाक्य विश्लेषण |
संयुक्त वाक्य विश्लेषण |
मिश्र वाक्य विश्लेषण |
1. साधारण वाक्य विश्लेषण
जिस वाक्य में सिर्फ एक ही उद्देश्य (कर्ता) और एक ही समापिका क्रिया होते है, उसे ‘साधारण वाक्य’ कहते है।
साधारण वाक्य विश्लेषण के उदाहरण
साधारण वाक्य विश्लेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-
लड़का खेलता है। |
उपरोक्त वाक्य में ‘लड़का’ उद्देश्य है और ‘खेलता है’ विधेय है। इसमें कर्ता के साथ उसके विस्तारक विशेषण और क्रिया के साथ विस्तारक सहित कर्म एवं क्रिया-विशेषण आ सकते है। जैसे:- अच्छे लड़के अच्छी तरह खेलते है।
साधारण वाक्य विश्लेषण के नियम
साधारण वाक्य विश्लेषण के सभी नियम निम्नलिखित है:-
- साधारण वाक्य विश्लेषण में सर्वप्रथम साधारण वाक्य के 2 अंग ‘उद्देश्य’ तथा ‘विधेय’ को बतलाना होता है।
- पहले उद्देश्य (कर्ता) तथा बाद में उद्देश्य के विस्तार का उल्लेख करें।
- यदि क्रिया सकर्मक है, तो विधेय में कर्म तथा कर्म के विस्तार का उल्लेख करने के बाद क्रिया तथा क्रिया के विस्तार (क्रिया-विशेषण) का उल्लेख करें।
जैसे:-
परिश्रमी व्यक्ति प्रत्येक क्षेत्र में सफल होता है। |
उपरोक्त वाक्य में उद्देश्य (कर्ता):- ‘व्यक्ति’, उद्देश्य का विस्तार (विशेषण):- ‘परिश्रमी’, विद्येय:- ‘प्रत्येक क्षेत्र में सफल होता है’ कर्म:- ‘सफल’, क्रिया:- ‘होता है’, क्रिया का विस्तार (क्रिया-विशेषण):- ‘प्रत्येक क्षेत्र में’ है।
2. संयुक्त वाक्य विश्लेषण
दो या दो से अधिक साधारण वाक्य जब ‘पर’, ‘किन्तु’, ‘और’, ‘या’, आदि से जुड़े होते है, तो वह ‘संयुक्त वाक्य’ कहलाते है।
संयुक्त वाक्य विश्लेषण के नियम
संयुक्त वाक्य विश्लेषण के सभी नियम निम्नलिखित है:-
- संयुक्त वाक्यों का विश्लेषण सरल वाक्यों की भांति ही होता है।
- संयुक्त वाक्यों में 2 सरल वाक्य होते है, जो योजक अव्यय द्वारा जुड़े होते है।
- दोनों वाक्यों का भिन्न-भिन्न विश्लेषण किया जाता है।
संयुक्त वाक्य विश्लेषण के उदाहरण
संयुक्त वाक्य विश्लेषण के उदाहरण निम्नलिखित है:-
राम बैठकर पुस्तक पढ़ रहा था तथा श्याम लेटकर टेलीविज़न देख रहा है। |
उपरोक्त वाक्य के प्रथम खंड में:- ‘रमेश बैठकर पुस्तक पढ़ रहा था।’ जिसमें उद्देश्य:- ‘राम’, विधेय:- ‘पुस्तक पढ़ रहा था’, कर्म:- ‘पुस्तक’, क्रिया:- ‘पढ़ रहा था’, क्रिया का विस्तार (क्रिया-विशेषण):- ‘बैठकर’ है।
जबकि, अंतिम खंड में:- ‘दिनेश लेटकर टेलीविज़न देख रहा है।’ जिसमें उद्देश्य:- ‘दिनेश’, विधेय:- ‘लेटकर टेलीविज़न देख रहा है’, कर्म:- ‘टेलीविज़न’, क्रिया:- ‘देख रहा है’, क्रिया का विस्तार (क्रिया-विशेषण):- ‘लेटकर’ है।
3. मिश्र वाक्य विश्लेषण
जब किसी विषय पर पूर्ण विचार प्रकट करने के लिए कईं साधारण वाक्यों को मिलाकर एक वाक्य की रचना करनी पड़ती है, तो ऐसे वाक्य ‘मिश्र वाक्य’ कहलाते है।
मिश्र वाक्य विश्लेषण के नियम
मिश्र वाक्य विश्लेषण के सभी नियम निम्नलिखित है:-
- मिश्र वाक्य का विश्लेषण करते समय प्रधान उपवाक्य तथा आश्रित उपवाक्य को अलग छाँट लेना चाहिए।
- उसके बाद दोनों उपवाक्यों के उद्देश्य तथा विद्येय का अलग-अलग परिचय प्रस्तुत करना चाहिए।
मिश्र वाक्य विश्लेषण के उदाहरण
मिश्र वाक्य विश्लेषण के सभी उदाहरण निम्नलिखित है:-
राम ने कहा कि उसका लड़का पढ़-लिखकर चिकित्सक बनेगा। |
उपरोक्त वाक्य में प्रधान उपवाक्य:- ‘राम ने कहा’, आश्रित उपवाक्य:- ‘उसका लड़का पढ़-लिखकर चिकित्सक बनेगा’ योजक:- ‘कि’, (क), उद्देश्य:- ‘राम ने’, विद्येय:- ‘कहा’, (ख). उद्देश्य:- ‘लड़का’, उद्देश्य का विस्तार:- ‘उसका’, विद्येय:- ‘पढ़-लिखकर चिकित्सक बनेगा’, कर्म:- ‘चिकित्सक’, क्रिया:- ‘बनेगा’, क्रिया का विस्तार (क्रिया-विशेषण):- ‘पढ़-लिखकर’ है।
वाक्य विश्लेषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
-
वाक्य विश्लेषण की परिभाषा क्या है?
रचना के आधार पर बने वाक्यों को उनके अंगों के साथ पृथक कर उनका पारस्परिक सम्बन्ध बताना ही ‘वाक्य विश्लेषण’ कहलाता है।
अन्य शब्दों में, वाक्य में प्रयुक्त पदों को अलग-अलग कर उनका पारस्परिक संबंध बतलाना ही ‘वाक्य-विश्लेषण’ कहलाता है। -
वाक्य के कितने अंग है?
वाक्य के कुल 2 अंग है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. उद्देश्य
2. विधेय -
वाक्य विश्लेषण के कितने भेद है?
वाक्य विश्लेषण के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. सरल वाक्य विश्लेषण
2. संयुक्त वाक्य विश्लेषण
3. मिश्र वाक्य विश्लेषण
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।