वाक्य की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

Vakya Ki Paribhasha in Hindi

वाक्य की परिभाषा : Vakya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वाक्य की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप वाक्य की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

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वाक्य की परिभाषा : Vakya in Hindi

शब्दों का वह व्यवस्थित रूप, जिससे मनुष्य अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है, उसे वाक्य कहते है। एक सामान्य वाक्य में कर्ता, कर्म एवं क्रिया होते है।

अन्य शब्दों में, दो या दो से अधिक पदों का सार्थक समूह, जिसका पूरा-पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहलाता है।

उदाहरण के तौर पर:- “सत्य की विजय होती है।” एक वाक्य है, क्योंकि इसका पूरा-पूरा अर्थ निकलता है। लेकिन “सत्य विजय होती।” वाक्य नहीं है, क्योंकि इसका अर्थ नहीं निकलता है।

वाक्य के मुख्य रूप से 2 अंग होते है, जो कि निम्नलिखित है:-

1. उद्देश्य

किसी वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते है।

उदाहरण के तौर पर:- “राम जयपुर में रहता है।” इस वाक्य में “राम” उद्देश्य है।

2. विधेय

किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते है।

उदाहरण के तौर पर:- “राम जयपुर में रहता है।” इस वाक्य में “जयपुर में रहता है” विधेय है।

वाक्यांश की परिभाषा

शब्दों का वह समूह जिसका अर्थ तो निकलता है, लेकिन पूरा अर्थ नहीं निकलता है, वह वाक्यांश कहलाते है। इनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

कोने परदरवाजे पर
चाट परपलंग पर

वाक्य के भेद

वाक्य के मुख्य रूप से 2 भेद होते है, जो कि निम्नलिखित है:-

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के भेद

1. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के कुल 8 भेद होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
विधानवाचक वाक्य
निषेधवाचक वाक्य
प्रश्नवाचक वाक्य
आज्ञावाचक वाक्य
विस्म्यादिवाचक वाक्य
इच्छावाचक वाक्य
संकेतवाचक वाक्य
संदेहवाचक वाक्य

(i). विधानवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनसे किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, उन्हें ‘विधानवाचक वाक्य’ कहते है।

विधानवाचक वाक्य के उदाहरण

विधानवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

विधानवाचक वाक्य के उदाहरण
भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है।
राम की पत्नी का नाम सीता है।
स्वर्ण मंदिर पंजाब के अमृतसर में स्थित है।
राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर है।

(ii). निषेधवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनसे कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘निषेधवाचक वाक्य’ कहते है।

निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण

निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण
मैं कल विद्यालय नहीं जाऊंगा।
विकास ने आज खाना नहीं खाया।
अजय आज खेलने नहीं आया।
मैंने अपना गृहकार्य पूरा नहीं किया।

(iii). प्रश्नवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनके द्वारा किसी प्रश्न के पूछने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘प्रश्नवाचक वाक्य’ कहते है।

प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण

प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण
राम कब आएगा?
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री कौन है?
तुम कौनसी कक्षा के विद्यार्थी हो?
भारत की राजधानी क्या है?

(iv). आज्ञावाचक वाक्य

वह वाक्य जिनसे किसी के आज्ञा लेने अथवा देने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘आज्ञावाचक वाक्य’ कहते है।

आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण

आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण
क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ?
मेरे लिए खाना लेकर आओ।
क्या मैं घूमने जा सकता हूँ?
तुम खाना खा सकते हो।

(v). विस्मयादिवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनमें हमें आश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता, आदि भावों का बोध होता है, उन्हें ‘विस्मयादिवाचक वाक्य’ कहते है।

विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण

विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण
ओह! यहाँ पर काफी सर्दी है
वाह! यह घोड़ा बहुत खुबसूरत है।
ओह! सुनकर काफी दुःख हुआ
वाह! तुमने क्या स्वादिष्ट खाना बनाया है।

(vi) इच्छावाचक वाक्य

वह वाक्य जिनसे किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें ‘इच्छावाचक वाक्य’ कहते है।

इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण

इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण
तुम्हारा दिन शुभ हो
भगवान का आशीर्वाद सदा बना रहे।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ
तुम सदा प्रसन्न रहो।

(vii) संकेतवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनमें किसी कार्य अथवा बात का होना किसी दूसरे कार्य अथवा बात पर निर्भर होता है, उन्हें ‘संकेतवाचक वाक्य’ कहते है।

संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण

संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण
वर्तमान में मेहनत करोगे तो भविष्य में अवश्य सफल होंगे
लगन से पढ़ाई करोगे तो परीक्षा में अवश्य सफल होंगे।
अच्छा खेलोगे तो पुरस्कार अवश्य पाओगे
तुम गाँव जाओगे तो दादा-दादी को मेरा प्रणाम कहना।

(viii). संदेहवाचक वाक्य

वह वाक्य जिनमें संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते है।

संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण

संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण
शायद आज बारिश होगी
शायद आज विद्यालय का अवकाश है।
शायद आज पिताजी गाँव जायेंगे
शायद तुम विकास हो।

2. रचना के आधार पर वाक्य के भेद

रचना के आधार पर वाक्य के कुल 3 भेद होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-

रचना के आधार पर वाक्य के भेद
सरल वाक्य/साधारण वाक्य
संयुक्त वाक्य
मिश्र वाक्य

(i). सरल वाक्य/साधारण वाक्य

वह वाक्य जिनमें एक उद्देश्य, एक विधेय तथा एक ही मुख्य समापिका क्रिया होते है, उन्हें ‘सरल वाक्य/साधारण वाक्य’ कहते है।

सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण

सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण
राम खाना खा रहा है
विकास विद्यालय जाता है।
वह बाजार जा रहा है
मेरा नाम विकास है।

(ii). संयुक्त वाक्य

वह वाक्य जिनमें दो या दो से अधिक सरल वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यवों जैसे:- (पर, किन्तु, और, या) आदि से जुड़े होते है, उन्हें ‘संयुक्त वाक्य’ कहते है।

संयुक्त वाक्य के उदाहरण

संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संयुक्त वाक्य के उदाहरण
प्रातःकाल हुआ और सूर्योदय हुआ
रात्रि हुई और चाँद निकला।
मैं बाजार गया पर सामान नहीं लाया
मुझे खेलने जाना है किन्तु मेरा गृहकार्य पूरा नहीं हुआ है।

संयुक्त वाक्य कुल 4 प्रकार के होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-

(१). संयोजक संयुक्त वाक्य

जब एक साधारण वाक्य किसी दूसरे साधारण अथवा मिश्र वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है, उन्हें ‘संयोजक संयुक्त वाक्य’ कहते है।

संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण

संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
राम गया और श्याम आया
(२). विभाजक संयुक्त वाक्य

जब साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद अथवा विरोध का संबंध रहता है, उन्हें ‘विभाजक संयुक्त वाक्य’ कहते है।

विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण

विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
राम काफी अधिक पढ़ाई करता है पर परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होता है
(३). विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य

जब दो बातों में से किसी एक बात को स्वीकार करना होता है, तो उन्हें ‘विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य’ कहते है।

विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण

विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
या तो मैं यह प्रतियोगिता जीतूंगा या कभी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लूंगा
(४). परिणामबोधक संयुक्त वाक्य

जब एक साधारण वाक्य किसी दूसरे साधारण अथवा मिश्र वाक्य का परिणाम होता है, तो उन्हें ‘परिणामबोधक संयुक्त वाक्य’ कहते है।

परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण

परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
आज मैं बीमार हूँ इसलिए विद्यालय नहीं आ सकूँगा

(iii). मिश्र वाक्य

वह वाक्य जिनमें एक मुख्य अथवा प्रधान वाक्य होता है और अन्य उपवाक्य उस पर आश्रित होते है, उन्हें ‘मिश्र वाक्य’ कहते है।

मिश्र वाक्य के उदाहरण

मिश्र वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-

मिश्र वाक्य के उदाहरण
जैसे ही मैं विद्यालय पहुंचा बारिश रुक गई
यदि अच्छे से पढ़ाई करोगे तो परीक्षा में अवश्य सफल होंगे
मुझे पता है कि तुम झूठ बोल रहे हो
मैं जानता हूँ कि तुम आज विद्यालय नहीं गए

नोट:- इन वाक्यों में एक मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य और एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते है, जो समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते है। मुख्य उपवाक्य की पुष्टि, समर्थन, स्पष्टता अथवा विस्तार हेतु ही आश्रित वाक्य आते है।

आश्रित वाक्य के भेद

मुख्य रूप से आश्रित वाक्य 3 प्रकार के होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-

1. संज्ञा उपवाक्य

जब आश्रित उपवाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर आते है, तो वह संज्ञा उपवाक्य कहलाते है। इनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

मैं चाहता हूँ कि तुम यहाँ पर कभी नहीं आओ
यहाँ कि मैं कभी न आऊँ

ये संज्ञा उपवाक्य है।

2. विशेषण उपवाक्य

वह आश्रित उपवाक्य, जो मुख्य उपवाक्य की संज्ञा शब्द अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलाता है, वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है। इनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

जो मैडल दिवार पर टंगा है वह मुझे उपहारस्वरूप मिली है

इस वाक्य में “जो मैडल दिवार पर टंगा है” यह विशेषण उपवाक्य है।

3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य

जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है, तब वह क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहलाता है। इनके उदाहरण निम्न प्रकार है:-

जब राम घर आया तब मैं घर पर उपस्थित नहीं था

इस वाक्य में “जब राम घर आया” यह क्रिया-विशेषण उपवाक्य है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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