वाक्य परिवर्तन की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वाक्य परिवर्तन की परिभाषा : Vakya Parivartan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘वाक्य परिवर्तन की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप वाक्य परिवर्तन की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
वाक्य परिवर्तन की परिभाषा : Vakya Parivartan in Hindi
वाक्य के अर्थ में बिना किसी तरह का परिवर्तन किये बिना उसे एक प्रकार के वाक्य से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तन करना ही वाक्य परिवर्तन कहलाता है।
अन्य शब्दों में, किसी वाक्य को एक प्रकार से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तित किया जाए, लेकिन वाक्य के अर्थ में कोई परिवर्तन न हो, तो उसे ‘वाक्य परिवर्तन’ कहते है।
वाक्य के अंग
वाक्य के मुख्य रूप से 2 अंग होते है, जो कि निम्नलिखित है:-
उद्देश्य |
विधेय |
1. उद्देश्य
किसी वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उसे ‘उद्देश्य’ कहते है। जैसे:- “राम जयपुर में रहता है।” इस वाक्य में “राम” उद्देश्य है।
2. विधेय
किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में कुछ कहा जाए, उसे ‘विधेय’ कहते है। जैसे:- “राम जयपुर में रहता है।” इस वाक्य में “जयपुर में रहता है” विधेय है।
वाक्य के भेद
वाक्य के मुख्य रूप से 2 भेद होते है, जो कि निम्नलिखित है:-
रचना के आधार पर वाक्य के भेद |
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद |
1. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के कुल 3 भेद होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-
रचना के आधार पर वाक्य के भेद |
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सरल वाक्य/साधारण वाक्य |
संयुक्त वाक्य |
मिश्र वाक्य |
(i). सरल वाक्य/साधारण वाक्य
वह वाक्य जिनमें एक उद्देश्य, एक विधेय तथा एक ही मुख्य समापिका क्रिया होते है, उन्हें ‘सरल वाक्य/साधारण वाक्य’ कहते है।
सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण
सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सरल वाक्य/साधारण वाक्य के उदाहरण |
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राम खाना खा रहा है। |
विकास विद्यालय जाता है। |
वह बाजार जा रहा है। |
मेरा नाम विकास है। |
(ii). संयुक्त वाक्य
वह वाक्य जिनमें दो या दो से अधिक सरल वाक्य जब सामानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यवों जैसे:- (पर, किन्तु, और, या) आदि से जुड़े होते है, उन्हें ‘संयुक्त वाक्य’ कहते है।
संयुक्त वाक्य के उदाहरण
संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संयुक्त वाक्य के उदाहरण |
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प्रातःकाल हुआ और सूर्योदय हुआ। |
रात्रि हुई और चाँद निकला। |
मैं बाजार गया पर सामान नहीं लाया। |
मुझे खेलने जाना है किन्तु मेरा गृहकार्य पूरा नहीं हुआ है। |
संयुक्त वाक्य कुल 4 प्रकार के होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-
(१). संयोजक संयुक्त वाक्य
जब एक साधारण वाक्य किसी दूसरे साधारण अथवा मिश्र वाक्य से संयोजक अव्यय द्वारा जुड़ा होता है, उन्हें ‘संयोजक संयुक्त वाक्य’ कहते है।
संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संयोजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण |
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राम गया और श्याम आया। |
(२). विभाजक संयुक्त वाक्य
जब साधारण अथवा मिश्र वाक्यों का परस्पर भेद अथवा विरोध का संबंध रहता है, उन्हें ‘विभाजक संयुक्त वाक्य’ कहते है।
विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विभाजक संयुक्त वाक्य के उदाहरण |
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राम काफी अधिक पढ़ाई करता है पर परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होता है। |
(३). विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य
जब दो बातों में से किसी एक बात को स्वीकार करना होता है, तो उन्हें ‘विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य’ कहते है।
विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य के उदाहरण |
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या तो मैं यह प्रतियोगिता जीतूंगा या कभी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लूंगा। |
(४). परिणामबोधक संयुक्त वाक्य
जब एक साधारण वाक्य किसी दूसरे साधारण अथवा मिश्र वाक्य का परिणाम होता है, तो उन्हें ‘परिणामबोधक संयुक्त वाक्य’ कहते है।
परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण
परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
परिणामबोधक संयुक्त वाक्य के उदाहरण |
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आज मैं बीमार हूँ इसलिए विद्यालय नहीं आ सकूँगा। |
(iii). मिश्र वाक्य
वह वाक्य जिनमें एक मुख्य अथवा प्रधान वाक्य होता है और अन्य उपवाक्य उस पर आश्रित होते है, उन्हें ‘मिश्र वाक्य’ कहते है।
मिश्र वाक्य के उदाहरण
मिश्र वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
मिश्र वाक्य के उदाहरण |
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जैसे ही मैं विद्यालय पहुंचा बारिश रुक गई। |
यदि अच्छे से पढ़ाई करोगे तो परीक्षा में अवश्य सफल होंगे। |
मुझे पता है कि तुम झूठ बोल रहे हो। |
मैं जानता हूँ कि तुम आज विद्यालय नहीं गए। |
नोट:- इन वाक्यों में एक मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य और एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते है, जो समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते है। मुख्य उपवाक्य की पुष्टि, समर्थन, स्पष्टता अथवा विस्तार हेतु ही आश्रित वाक्य आते है।
सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
सरल वाक्य | संयुक्त वाक्य |
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कठोर होकर भी सहृदय बनो। | कठोर बनो परंतु सहृदय रहो। |
वह फल खरीदने के लिए बाजार गया। | उसे फल खरीदने थे, इसलिए वह बाजार गया। |
बालक रो-रो कर चुप हो गया। | बालक रोता रहा और चुप हो गया |
रात को आकाश में तारों का मेला लग गया। | रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया। |
संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य में परिवर्तन
संयुक्त वाक्य | सरल वाक्य |
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उसने झूठ बोला, इसलिए दंड पाया। | झूठ बोलने पर उसने दंड पाया। |
वह बाजार गया और केले लाया। | वह बाजार जाकर केले लाया। |
तुम बाहर गए और वह सो गया। | तुम्हारे बाहर जाते ही वह सो गया। |
कविता गा रही है और नाच रही है। | कविता गा और नाच रही है। |
सरल वाक्य से मिश्र वाक्य में परिवर्तन
सरल वाक्य | मिश्र वाक्य |
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धनी व्यक्ति हर चीज खरीद सकता है। | जो व्यक्ति धनी है, वह हर चीज खरीद सकता है। |
तुम गाड़ी रुकने के स्थान पर चले जाओ। | तुम वहाँ चले जाओ, जहां गाड़ी रूकती है। |
परिश्रमी व्यक्ति अवश्य सफल होता है। | जो व्यक्ति परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है। |
वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया। | क्योंकि उसे जूते खरीदने थे, इसलिए बाजार गया। |
संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य में परिवर्तन
संयुक्त वाक्य | मिश्र वाक्य |
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तुम महान हो, क्योंकि सच बोलते हो। | तुम इसलिए महान हो, क्योंकि सच बोलते हो। |
आपने कठिन परिश्रम किया और उत्तीर्ण हो गए। | आप इसलिए उत्तीर्ण हो गए, क्योंकि क्योंकि आपने कठिन परिश्रम किया। |
राजू ने कहानी सुनाई और नमिता रो पड़ी। | राजू ने ऐसी कहानी सुनाई कि नमिता रो पड़ी। |
मेरे पाठ्यक्रम में गोदान उपन्यास है, जिसके लेखक मुंशी प्रेमचंद है। | मेरे पाठ्यक्रम में गोदान नामक वह उपन्यास है, जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है। |
मिश्र वाक्य से सरल वाक्य में परिवर्तन
मिश्र वाक्य | सरल वाक्य |
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वह मुझसे कहता है कि आओ। | वह मुझे आने के लिए कहता है। |
उसने कहा कि मैं परिश्रमी हूँ। | उसने स्वयं को परिश्रमी कहा। |
उसने कहा कि मैं निर्दोष हूँ। | उसने स्वयं को निर्दोष घोषित कर दिया। |
जो लोग परिश्रमी थे, वह सफल हो गए। | परिश्रमी लोग सफल हो गए। |
मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन
मिश्र वाक्य | संयुक्त वाक्य |
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जब वह घर आया, तब उसने भोजन किया। | वह घर आया और उसने भोजन किया। |
जैसे ही गली में शोर हुआ, सभी लोग बाहर आ गए। | गली में शोर हुआ और सभी लोग बाहर आ गए। |
जैसे ही रात हुई, आकाश में तारों का मेला लग गया। | रात हुई और आकाश में तारों का मेला लग गया। |
जब भी मैं वहाँ गया, उसने मेरा सत्कार किया। | मैं वहाँ गया और उसने मेरा सत्कार किया। |
2. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के कुल 8 भेद होते है, जिनका विस्तारपूर्ण वर्णन निम्न प्रकार है:-
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद |
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विधानवाचक वाक्य |
निषेधवाचक वाक्य |
प्रश्नवाचक वाक्य |
आज्ञावाचक वाक्य |
विस्म्यादिवाचक वाक्य |
इच्छावाचक वाक्य |
संकेतवाचक वाक्य |
संदेहवाचक वाक्य |
वह वाक्य जिनसे किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, उन्हें ‘विधानवाचक वाक्य’ कहते है।
विधानवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विधानवाचक वाक्य के उदाहरण |
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भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है। |
राम की पत्नी का नाम सीता है। |
स्वर्ण मंदिर पंजाब के अमृतसर में स्थित है। |
राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर है। |
(ii). निषेधवाचक वाक्य
वह वाक्य जिनसे कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘निषेधवाचक वाक्य’ कहते है।
निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण
निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण |
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मैं कल विद्यालय नहीं जाऊंगा। |
विकास ने आज खाना नहीं खाया। |
अजय आज खेलने नहीं आया। |
मैंने अपना गृहकार्य पूरा नहीं किया। |
वह वाक्य जिनके द्वारा किसी प्रश्न के पूछने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘प्रश्नवाचक वाक्य’ कहते है।
प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण |
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राम कब आएगा? |
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री कौन है? |
तुम कौनसी कक्षा के विद्यार्थी हो? |
भारत की राजधानी क्या है? |
वह वाक्य जिनसे किसी के आज्ञा लेने अथवा देने का भाव प्रकट होता है, उन्हें ‘आज्ञावाचक वाक्य’ कहते है।
आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण |
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क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ? |
मेरे लिए खाना लेकर आओ। |
क्या मैं घूमने जा सकता हूँ? |
तुम खाना खा सकते हो। |
(v). विस्मयादिवाचक वाक्य
वह वाक्य जिनमें हमें आश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता, आदि भावों का बोध होता है, उन्हें ‘विस्मयादिवाचक वाक्य’ कहते है।
विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण
विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
विस्मयादिवाचक वाक्य के उदाहरण |
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ओह! यहाँ पर काफी सर्दी है। |
वाह! यह घोड़ा बहुत खुबसूरत है। |
ओह! सुनकर काफी दुःख हुआ। |
वाह! तुमने क्या स्वादिष्ट खाना बनाया है। |
(vi) इच्छावाचक वाक्य
वह वाक्य जिनसे किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें ‘इच्छावाचक वाक्य’ कहते है।
इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण
इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण |
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तुम्हारा दिन शुभ हो। |
भगवान का आशीर्वाद सदा बना रहे। |
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ। |
तुम सदा प्रसन्न रहो। |
(vii) संकेतवाचक वाक्य
वह वाक्य जिनमें किसी कार्य अथवा बात का होना किसी दूसरे कार्य अथवा बात पर निर्भर होता है, उन्हें ‘संकेतवाचक वाक्य’ कहते है।
संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण
संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण |
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वर्तमान में मेहनत करोगे तो भविष्य में अवश्य सफल होंगे। |
लगन से पढ़ाई करोगे तो परीक्षा में अवश्य सफल होंगे। |
अच्छा खेलोगे तो पुरस्कार अवश्य पाओगे। |
तुम गाँव जाओगे तो दादा-दादी को मेरा प्रणाम कहना। |
(viii). संदेहवाचक वाक्य
वह वाक्य जिनमें संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते है।
संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण
संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण |
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शायद आज बारिश होगी। |
शायद आज विद्यालय का अवकाश है। |
शायद आज पिताजी गाँव जायेंगे। |
शायद तुम विकास हो। |
वाक्य-रूपांतर
विकारी शब्द की भांति वाक्य के रूप में भी लिंग, वचन, पुरुष तथा काल-भेद के अनुसार परिवर्तन होता है।
जैसे:-
लिंग के अनुसार वाक्य-रूपांतर
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
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राम पढ़ता है। | सीता लिखती है। |
लड़का लिखता है। | लड़की लिखती है। |
वचन के अनुसार वाक्य-रूपांतर
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
वह पढ़ता है। | वे पढ़ते है। |
मैं पढ़ता हूँ। | हम लोग पढ़ते है। |
पुरुष के अनुसार वाक्य-रूपांतर
उत्तम पुरुष | मध्यम पुरुष | अन्य पुरुष |
---|---|---|
मैं दौड़ता हूँ। | तुम दौड़ते हो। | वह दौड़ता है। |
मैं गाता हूँ। | तुम गाते हो। | वह गाता है। |
काल के अनुसार वाक्य-रूपांतर
काल के सभी भेदों के अनुसार वाक्य-रूपांतर निम्नलिखित है:-
1. वर्तमान काल के अनुसार वाक्य-रूपांतर
सामान्य वर्तमान काल | अपूर्ण वर्तमान काल | संदिग्ध वर्तमान काल |
---|---|---|
वह खाता है। | वह खा रहा है। | वह खाता होगा। |
2. भूतकाल के अनुसार वाक्य-रूपांतर
सामान्य भूतकाल | आसन्न भूतकाल | पूर्ण भूतकाल | अपूर्ण भूतकाल | संदिग्ध भूतकाल | हेतुहेतुमद् भूतकाल |
---|---|---|---|---|---|
उसने खाया। | उसने खा लिया है। | वह खा चुका था। | वह खा रहा था। | उसने खा लिया होगा। | यदि वह खाता तो बीमार नहीं पड़ता। |
3. भविष्यत् काल के अनुसार वाक्य-रूपांतर
सामान्य भविष्यत् काल | संभाव्य भविष्यत् काल | हेतुहेतुमद् भविष्यत् काल |
---|---|---|
वह खाएगा। | शायद वह खाए। | यदि वह खाएगा तो बीमार नहीं पड़ेगा। |
उपवाक्य के भेद
उपवाक्य के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
उपवाक्य के भेद |
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संज्ञा उपवाक्य |
विशेषण उपवाक्य |
क्रिया विशेषण उपवाक्य |
1. संज्ञा उपवाक्य
वह उपवाक्य, जो प्रधान वाक्य की किसी संज्ञा अथवा संज्ञा-पदबंध के स्थान पर प्रयुक्त होते है, ‘संज्ञा उपवाक्य’ कहलाते है।
जैसे:-
अजय ने कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते है। |
संज्ञा उपवाक्य के उपरोक्त उदाहरण में ‘हम लड़ाई नहीं चाहते है’ उपवाक्य है और ‘अजय ने कहा’ उपवाक्य के कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ है। अतः यह ‘संज्ञा उपवाक्य’ का उदाहरण है।
संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण
संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण |
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मैंने देखा कि कुछ लोग मेरी तरफ चले आ रहे थे। |
मैंने निश्चय किया कि मुझे विज्ञान-मेला देखने के लिए अवश्य जाना है। |
राम ने देखा कि एक साँप रेंगता हुआ घास में छिप गया। |
संज्ञा उपवाक्य की पहचान
सामान्य रूप से संज्ञा उपवाक्य के वाक्य ‘कि‘ से आरंभ होते है।
2. विशेषण उपवाक्य
वह आश्रित उपवाक्य, जो मुख्य उपवाक्य की संज्ञा शब्द अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलाता है, वह ‘विशेषण उपवाक्य’ कहलाता है।
जैसे:-
यह वही आदमी है, जिसने कल चोरी की थी। |
जो मेहनत करता है, उसे अवश्य सफलता मिलती है। |
विशेषण उपवाक्य के उपरोक्त उदाहरण में ‘जिसने कल चोरी की थी’ और ‘जो मेहनत करता है’ ऐसे आश्रित उपवाक्य है, जो क्रमशः ‘आदमी’ संज्ञा तथा ‘उसे’ सर्वनाम की विशेषताएँ बताते है। अतः ये ‘विशेषण उपवाक्य’ के उदाहरण है।
विशेषण उपवाक्य के उदाहरण
विशेषण उपवाक्य के उदाहरण निम्नलिखित है:-
विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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ऐसा कोई नहीं है जो कुश्ती में खली को जीत सके। |
जो विद्यार्थी समय गँवाते है, वे एक दिन बहुत पछताते है। |
जो लोग दूसरों के साथ मीठा बोलते है, उन्हें सभी प्यार करते है। |
जो वीर और साहसी होते है, वे अपने प्राणों की भी चिंता नहीं करते है। |
विशेषण उपवाक्य की पहचान
विशेषण उपवाक्य की शुरुआत ‘जो’ अथवा इसके किसी रूप (जिसने, जिसे, जिससे, जिनको, जिनके लिए) आदि सर्वनाम से होती है।
3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य
जब आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बतलाता है, तब वह ‘क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ कहलाता है।
जैसे:-
जब तुम स्टेशन पर पहुँचे, तब मैं घर से चला। |
यदि बोलना नहीं आता, तो चुप रहना चाहिए। |
क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उपरोक्त उदाहरण में मुख्य उपवाक्यों की क्रियाओं (चलना और चुप रहना) की विशेषताएँ (समय और शर्त) बता रहे है। अतः ये ‘क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ के उदाहरण है।
क्रिया-विशेषण उपवाक्य के भेद
क्रिया-विशेषण उपवाक्य के कुल 5 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
क्रिया-विशेषण उपवाक्य के भेद |
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कालसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य |
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य |
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य |
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य |
परिमाण अथवा हेतुसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य |
(i). कालसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य
कालसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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जब राम मेरे पास आया, तब लगभग पाँच बजे थे। |
जब मैं घर पहुँचा, तब वर्षा हो रही थी। |
ज्यों ही मैं विद्यालय से बाहर आया, खेल आरंभ हो गया। |
कालसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य की पहचान
‘ज्यों ही’, ‘जब’ आदि से आरंभ होने वाले वाक्य ‘कालवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ होते है।
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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वह गोरा लड़का जहाँ खड़ा है, वहाँ बड़ी धूप है। |
वहाँ इस वर्ष अकाल पड़ सकता है, जहाँ वर्षा नहीं हुई। |
‘जहाँ’, ‘जिधर’, ‘जिस जगह’, आदि क्रिया-विशेषणों वाले वाक्य स्थानवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य होते है।
(iii). रीतिवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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वह ऐसे अटक-अटक कर बोल रहा है, जैसे उसके मुँह में घाव है। |
आपको वैसे करना चाहिए, जैसे मैं कहता हूँ। |
बच्चे वैसा करते है, जैसा उन्हें सिखाया जाता है। |
‘जैसा’, ‘जिस तरह’, ‘जैसे’, आदि क्रिया-विशेषणों वाले वाक्य ‘स्थानवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ होते है।
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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वह उतना ही थकेगा, जितना अधिक दौड़ेगा। |
उसने जितना परिश्रम किया, उतना ही अच्छा परिणाम मिला। |
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे धूप। |
‘जितना’, ‘जितनी’, ‘जैसे-जैसे’, आदि क्रिया-विशेषणों वाले उपवाक्य ‘परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ होते है।
(v). परिणाम अथवा हेतुसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य
परिणाम अथवा हेतुसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य के उदाहरण |
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यदि वर्षा अच्छी होती, तो उपज बढ़ जाती। |
वह जरूर परिश्रम करेगा, ताकि अच्छे अंक ले सके। |
वह इसलिए आएगा, ताकि आपसे बात कर सके। |
परिणाम अथवा हेतुसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य की पहचान
‘यदि’, ‘यद्यपि’, ‘ताकि’, आदि से आरम्भ होने वाले उपवाक्य ‘परिणाम अथवा हेतुसूचक क्रिया-विशेषण उपवाक्य’ होते है।
वाक्य परिवर्तन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
-
वाक्य परिवर्तन की परिभाषा क्या है?
वाक्य के अर्थ में बिना किसी तरह का परिवर्तन किये बिना उसे एक प्रकार के वाक्य से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तन करना ही वाक्य परिवर्तन कहलाता है।
अन्य शब्दों में, किसी वाक्य को एक प्रकार से दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तित किया जाए, लेकिन वाक्य के अर्थ में कोई परिवर्तन न हो, तो उसे ‘वाक्य परिवर्तन’ कहते है। -
वाक्य के कितने भेद है?
वाक्य के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
2. रचना के आधार पर वाक्य के भेद -
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद है?
अर्थ के आधार पर वाक्य के कुल 8 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. विधानवाचक वाक्य
2. निषेधवाचक वाक्य
3. प्रश्नवाचक वाक्य
4. आज्ञावाचक वाक्य
5. विस्म्यादिवाचक वाक्य
6. इच्छावाचक वाक्य
7. संकेतवाचक वाक्य
8. संदेहवाचक वाक्य -
रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद है?
रचना के आधार पर वाक्य के कुल 3 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. सरल वाक्य/साधारण वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य -
वाक्य के कितने अंग है?
वाक्य के कुल 2 अंग है, जो कि निम्नलिखित है:-
1. उद्देश्य
2. विधेय
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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Dhanyawad…
बहुत सुन्दर
धन्यवाद!