मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई पर निबंध

Essay on How I Spent My Summer Vacation in Hindi

मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई पर निबंध : Essay on How I Spent My Summer Vacation in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

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मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई पर निबंध : Essay on How I Spent My Summer Vacation in Hindi

प्रस्तावना:-

गर्मी की छुट्टियाँ सबसे शानदार होती है। इस समय हम विद्यालय की परीक्षा का समापन कर मुक्त होते है और छुट्टियों का आनंद लेते है। नईं कक्षा शुरू करने से पहले हमें कुछ समय का आराम मिल जाता है।

इस समय काफी गर्मी होती है, जिस कारण विद्यार्थियों को विद्यालय द्वारा की छुट्टियाँ प्रदान की जाती है, ताकि वह इतनी गर्मी में बाहर न निकले।

गर्मी की छुट्टियाँ सभी लोग अलग-अलग तरीकें से बिताते है। मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियाँ इस बार अपने दादा-दादी के पास बिताई। यह काफी अच्छा समय था। मेरा पूरा परिवार साथ में दादा-दादी के पास गया।

दादा-दादी के पास जाने की यात्रा:-

मेरे दादा-दादी उत्तराखंड में रहते है। उत्तराखंड मेरा पैतृक गाँव है। मेरे दादा-दादी दोनों अकेले ही वहाँ रहते है। हम सभी ने वहाँ जाने के लिए सबसे पहले रेलगाड़ी से सफर किया, जो कि काफी शानदार था।

हमने पहले टिकट लिया और रेलगाड़ी में गए। हमनें इस यात्रा में काफी मजे किये और पूरे सफर का आनंद लिया। उसके बाद हमनें रेलगाड़ी बदलकर वहाँ से बस पकड़ी।

उत्तराखंड का पूरा इलाका पहाड़ी है, जिससे बस सांप की तरह चलती है। यहाँ पर सफर में काफी डर भी लगता है, लेकिन मजा भी आता है।

इसके बाद हम सभी लगभग 24 घंटों के सफ़र बाद अपने गाँव पहुँचते है, जो कि काफी सुंदर है। यह यात्रा काफी लम्बी व थका देने वाली थी।

दादा-दादी के साथ गर्मी की छुट्टियाँ:-

दादा-दादी के साथ गर्मी की छुट्टियों का समय काफी अच्छा था। दादी हमारे लिए हमेशा कुछ न कुछ नया बनाती रहती है। मेरे दादाजी रोज खेत में जाकर काम करते है।

हम दोनों भाई-बहन भी सुबह-सुबह जल्दी उठकर दादाजी के साथ खेत में जाते है। वहाँ दादाजी हमें पेड़ से फल तोड़कर देते है, जो काफी रसीलें होते है।

फिर दिन में हम सभी घर आकर खाना खाते है और हम दोनों भाई-बहन अपने मित्रों के साथ खेलने के लिए चले जाते है। दादाजी हमें गाँव में घुमाने भी ले जाते है।

हमने गाँव में काफी मजे किये। वहाँ का समय काफी शानदार था। हम सभी कईं जगह घूमने भी गए और कईं बार मंदिरों में भी भगवान के दर्शन करने गए।

मुझे दादा-दादी के साथ समय बिताना काफी पसंद है। वें हमें बहुत प्यार करते है। वहाँ हम अपने दोस्तों के साथ पहाड़ों में घूमने के लिए भी जाया करते थे।

यात्रा की समाप्ति:-

पूरी गर्मी गाँव में बिताने के बाद यह वापस आने का समय था। वहाँ से आने का मेरा तो बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था। दादा-दादी को छोड़कर वापस आना आसान नहीं था।

लेकिन, हमारी गर्मियों की छुट्टी का समय काफी अच्छा बिता है। दादा-दादी के साथ हमनें कईं नईं चीज़ें भी सीखीं। उन्होंने अपने जीवन के कुछ शानदार पल हमारे साथ साझा किये, जिससे हमें बहुत कुछ सिखने को मिला।

वापस आने का सफर भी काफी लम्बा ही था। पहले हमें बस से सफर तय करना पड़ा और उसके बाद हमनें रेलगाड़ी से सफर तय किया और अंततः हम सभी अपने घर पर पहुँच गए।

उपसंहार:-

गर्मियों का समय सभी लोग अलग-अलग तरीके से बिताते है। कईं लोग घूमने जाते है, तो कईं लोग घर पर रहकर ही गर्मी की छुट्टियाँ बिताते है।

यह विद्यार्थियों का सबसे पसंदीदा समय होता है, जिसमें उन्हें पुस्तकों से कुछ समय के लिए छुटकारा मिल पाता है और वें अपना बचपन जी पाते है। यह समय बच्चे खेल-कूदकर बिताते है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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