उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण

उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा : Upmeyopma Alankar in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा : Upmeyopma Alankar in Hindi
जहाँ पर उपमेय तथा उपमान को परस्पर उपमान तथा उपमेय बनाने की कोशिश की जाती है और उपमेय तथा उपमान की एक-दूसरे से उपमा दी जाती है, तो वहाँ पर ‘उपमेयोपमा अलंकार’ होता है।
उपमेयोपमा अलंकार के उदाहरण
उपमेयोपमा अलंकार के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
उदाहरण 1
तौ मुख सोहत है ससि सो,
अरु सोहत है ससि तो मुख जैसो।
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त वाक्य में दो उपमाएँ एक साथ प्रयुक्त हुई है, लेकिन दोनों उपमाओं के उपमेय और उपमान क्रमशः उपमान और उपमेय में परिवर्तित हो गए है। अतः यह उपमेयोपमा अलंकार का उदाहरण है।
उदाहरण 2
राम के समान शम्भु सम राम है।
स्पष्टीकरण:- उपर्युक्त वाक्य में दो उपमाएँ एक साथ प्रयुक्त हुई है, लेकिन दोनों उपमाओं के उपमेय और उपमान क्रमशः उपमान और उपमेय में परिवर्तित हो गए है। अतः यह उपमेयोपमा अलंकार का उदाहरण है।
उदाहरण 3
तेरो तेज सरजा समत्थ दिनकर सो है,
दिनकर सोहै तेरे तेज के निकरसों।
उदाहरण 4
राम के समान शम्भु सम राम है।
उपमेयोपमा अलंकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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उपमेयोपमा अलंकार की परिभाषा क्या है?
जहाँ पर उपमेय तथा उपमान को परस्पर उपमान तथा उपमेय बनाने की कोशिश की जाती है और उपमेय तथा उपमान की एक-दूसरे से उपमा दी जाती है, तो वहाँ पर ‘उपमेयोपमा अलंकार’ होता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।