द्विगु समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Dvigu Samas Ki Paribhasha in Hindi

द्विगु समास की परिभाषा : Dvigu Samas in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘द्विगु समास की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप द्विगु समास की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

द्विगु समास की परिभाषा : Dvigu Samas in Hindi

समास का वह रूप, जिसमें पूर्वपद ‘संख्यावाचक’ होता है, उसे ‘द्विगु समास’ कहते है। द्विगु समास में कभी-कभी उत्तरपद भी ‘संख्यावाचक’ हो सकता है।

द्विगु समास में प्रयुक्त संख्या किसी अर्थ को नहीं अपितु किसी समूह को दर्शाती है। जिस समास से समूह और समाहार का बोध होता है, उसे ‘द्विगु समास’ कहते है।

द्विगु समास के उदाहरण

द्विगु समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

समाससमास-विग्रह
पंचतंत्रपाँच तंत्रों का समाहार
त्रिवेणीतीन वेणियों का समाहार
पंचवटीपाँच वटों (वृक्षों) का समाहार
शताब्दीशत (सौ) अब्दों (वर्षों) का समाहार
अष्टसिद्धिआठ सिद्धियों का समाहार
दोराहादो राहों का समाहार
नवरात्रनौ रात्रियों का समूह
पंचतत्वपाँच तत्वों का समूह
अष्टाध्यायीआठ अध्यायों का समाहार
त्रिभुवनतीन भुवनों (लोकों) का समूह
सतसईसात सौ (दोहों) का समाहार
चतुर्मुखचार मुखों का समूह
पंजाबपाँच आबों (नदियों) का समूह
नवनिधिनौ निधियों का समाहार
चारपाईचार पैरों का समाहार
दोपहरदो पहर का समाहार
चौमासाचार मासों का समूह
सप्ताहसात दिनों का समूह
त्रिफलातीन फलों का समाहार
नवरत्ननव रत्नों का समाहार
त्रिलोकतीन लोकों का समाहार
द्विगुदो गायों का समाहार
अठन्नीआठ आनो का समूह
नवग्रहनौ ग्रहों का समूह
शताब्दीसौ वर्षों का समूह
सप्तऋषिसात ऋषिओं का समूह
त्रिकालतीन कालों का समाहार
त्रिपादतीन पैरों का समाहार
त्रिकोणतीन कोण का समाहार
तिराहातीन राहों का संगम
त्रिमूर्तितीन मूर्तियों का समूह
त्रिपाठीतीन पाठो (तीन वेदों) को जानने वाला
एकांकीएक अंक का नाटक
इकताराएक तारा
द्विगुदो गायों का समाहार
दुअन्नीदो आना का समाहार
द्विवेदीदो वेदों को जानने वाला
चवन्नीचार आनों का समाहार
चौकड़ीचार कड़ियों वाली
चतुर्वेदचार वेद
प्रचपात्रपाँच पात्र
प्रट्कोणषट् (छह) कोणों का समाहार
नौलखानौ लाख के मूल्य का समाहार

द्विगु समास के अपवाद

द्विगु समास के कुछ अपवाद भी है, जो कि निम्न प्रकार है:-

द्विगु समास के अपवाद
त्रिनेत्र
त्रिलोचन
चतुर्भुज (विष्णु)
एकदंत (गणेश)
चतुरानन (ब्रह्मा)
दशानन (रावण)
त्रिशूल

उपरोक्त सभी शब्द ‘संख्यावाची’ होने के बावजूद भी ‘बहुव्रीहि समास’ के शब्द है।

द्विगु समास के भेद

द्विगु समास के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-

द्विगु समास के भेद
समाहार द्विगु समास
उत्तरपद प्रधान द्विगु समास

1. समाहार द्विगु समास

समाहार का अर्थ समुदाय, इकट्ठा होना, समेटना होता है और उसे ही ‘समाहार द्विगु समास’ कहते है।

समाहार द्विगु समास के उदाहरण

समाहार द्विगु समास के उदाहरण निम्नलिखित है:-

पदअर्थ
त्रिलोकतीन लोकों का समाहार
पंचवटीपाँचों वटों का समाहार
त्रिभुवनतीन भुवनों का समाहार

2. उत्तरपद प्रधान द्विगु समास

उत्तरपद प्रधान द्विगु समास मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है, जो कि निम्नलिखित है:-

(i). बेटा अथवा फिर उत्पन्न के अर्थ में

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

पदअर्थ
दुमातादो माँ का
दुसूतीदो सूतों के मेल का

(ii). जहाँ पर सच में उत्तरपद पर जोर दिया जाता है।

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-

पदअर्थ
पंचप्रमाणपांच प्रमाण
पंचहत्थडपांच हत्थड

द्विगु समास तथा बहुव्रीहि समास के मध्य अंतर

द्विगु समास तथा बहुव्रीहि समास के मध्य अंतर निम्न प्रकार है:-

द्विगु समासबहुव्रीहि समास
द्विगु समास में उत्तर पद ‘प्रधान’ होता है।बहुव्रीहि समास में दोनों पद अप्रधान होते है, क्योंकि बहुव्रीहि समास में अन्य अर्थ की प्रधानता होती है।
द्विगु समास में प्रथम पद ‘संख्यावाची’ होता है।बहुव्रीहि समास में प्रथम पद ‘संख्यावाची’ नहीं होता है।
द्विगु समास में ‘समस्त पद’ समूह का बोध करवाता है।बहुव्रीहि समास में ‘समस्त पद’ समूह का बोध करवाने के बजाय अन्य अर्थ का बोध करवाता है।

द्विगु समास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

  1. द्विगु समास की परिभाषा क्या है?

    समास का वह रूप, जिसमें पूर्वपद ‘संख्यावाचक’ होता है, उसे ‘द्विगु समास’ कहते है। द्विगु समास में कभी-कभी उत्तरपद भी ‘संख्यावाचक’ हो सकता है।
    द्विगु समास में प्रयुक्त संख्या किसी अर्थ को नहीं अपितु किसी समूह को दर्शाती है। जिस समास से समूह और समाहार का बोध होता है, उसे ‘द्विगु समास’ कहते है।

  2. द्विगु समास के कितने भेद है?

    द्विगु समास के कुल 2 भेद है, जो कि निम्नलिखित है:-
    1. समाहार द्विगु समास
    2. उत्तरपद प्रधान द्विगु समास

  3. द्विगु समास की पहचान किस प्रकार की जाती है?

    द्विगु समास की पहचान सामासिक पद में उपस्थित ‘संख्यावाची शब्द’ से की जाती है। जिसमें ‘संख्यावाचक शब्द’ के साथ ‘संज्ञा शब्द’ का योग होता है और बनने वाला ‘सामासिक पद’ समूह का बोध करवाता है।

  4. ‘द्विगु’ शब्द का क्या अर्थ है?

    ‘द्विगु’ शब्द का अर्थ ‘दो गायों का समूह’ होता है। द्विगु शब्द में प्रथम पद ‘संख्यावाचक पद’ तथा द्वितीय पद ‘संज्ञा शब्द’ होता है। इसलिए ‘द्विगु शब्द’ स्वयं ‘द्विगु समास’ का ही उदाहरण है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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