मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध : Essay on My Mother in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मेरी माँ पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप मेरी माँ पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

मेरी माँ पर निबंध : Essay on My Mother in Hindi

प्रस्तावना:-

इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को जन्म देने वाली उसकी माँ ही होती है। कोई भी बच्चा जब इस दुनिया मे कदम रखता है, तो वह सबसे पहले अपनी माँ को ही देखता है।

एक व्यक्ति को इस दुनिया में लाने वाले उसके माता-पिता ही होते है। वें ही उसके लिए दुनिया में सबसे खास होते है।

माँ को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि माँ के चरणों में ही स्वर्ग होता है। आज मैं अपनी माँ के बारे में बताने जा रहा हूँ।

मेरी माँ:-

जब से मैंने इस दुनिया में कदम रखा है, मेरी माँ ने मुझे बहुत नाजों से पाला है। इस दुनिया में माँ से अधिक प्रेम आपको कोई और नही कर सकता है।

माँ को प्रेम व त्याग की मूर्ति भी कहा जा सकता है। वह अपनी संतानों की भलाई के लिए अपना पूरा जीवन न्योंछावर कर देती है।

आज मैं मेरी माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकता है। जब तक मैं उन्हें देख न लूँ, तब तक मेरे दिन की शुरुआत नही होती है।

मेरी माँ का स्वभाव:-

मेरी माँ का स्वभाव बहुत ही शांत है। मेरी माँ मुझे भी शांत रहने के लिए प्रेरित करती है। वह बहुत ही शालीन महिला है। उन्होंने हमारे पूरे परिवार को बांधकर रखा है।

हमारे रिश्तेदार जब भी घर आते है, मेरी माँ के स्वभाव की तारीफ करते हैं। उन्होंने हमेशा ही सभी को अच्छी सलाह दी है। वह बहुत मेहनती है।

वह मुझे और मेरे भाई-बहनों को भी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सी समस्याओं का सामना किया है।

उनके सामने जो भी समस्या आई, उन्होंने उससे भागने की बजाय उनका सामना किया। वह मुझे भी यही शिक्षा देती है कि हमें कभी भी समस्या से भागना नहीं चाहिए, बल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए।

मेरी माँ का मेरे जीवन में महत्व:-

वैसे तो मेरे पास कोई भी शब्द नही है, जो मेरे जीवन में मेरी माँ के महत्व को बता सके। मेरी माँ सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक मेरा पूरा ध्यान रखती है।

सुबह उठकर वह मुझे विद्यालय के लिए तैयार करती है। मेरे लिए सुबह का नाश्ता तैयार कर, मुझे विद्यालय भेजने के बाद घर के कार्यों में व्यस्त हो जाती है।

मेरे विद्यालय से आने के बाद मुझे खाना खिलाती है और मेरा गृहकार्य करने में मेरी मदद करती है। शाम को मुझे घूमने ले जाती है। रात को मुझे पढ़ा-लिखाकर खाना देती है और प्यार से मुझे सुला देती है।

मेरे व्यक्तित्व को सुधारने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। जब मेरी परीक्षा होती है, तो मेरी माँ मुझे किसी भी प्रकार की परेशानी नही आने देती है। ऐसा लगता है कि मेरी परीक्षा नही बल्कि मेरी माँ की परीक्षा है।

उपसंहार:-

माँ एक ऐसा शब्द है, जिसमें एक बच्चे का पूरा जीवन बसा होता है। एक व्यक्ति को उसकी माँ से अधिक कोई भी प्रेम नही कर सकता है।

एक माँ ही एक व्यक्ति की सबसे पहली मित्र व सबसे पहली गुरु होती है। माँ ही बच्चे को जीवन जीने के लिए आवश्यक नियम सिखाती है।

माँ ही बच्चे के चरित्र का निर्माण करती है। माँ बच्चों को सब कुछ सिखाती है। उसे चलने-फिरने से लेकर खाना खिलाने तक सभी काम माँ ही करती है।

माँ के बिना एक बच्चे का जीवन बहुत मुश्किल हो जाता है। मैं काफ़ी अधिक खुशकिस्मत हूँ कि मुझे आप जैसी माँ मिली।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

5/5 - (1 vote)

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *