मित्रता (दोस्ती) पर भाषण

मित्रता (दोस्ती) पर भाषण : Friendship Speech in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘मित्रता (दोस्ती) पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप मित्रता (दोस्ती) पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
मित्रता (दोस्ती) पर भाषण : Friendship Speech in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, विशेष अतिथिगण, सभी शिक्षकगण और मेरे साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम ——- है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं आप सभी को तह दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आपने मुझे इस अवसर पर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं आप सभी के सामने मित्रता (दोस्ती) पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। दोस्ती एक बहुत ही खूबसूरत शब्द है।
जिसके अर्थ के अंदर इंसान के बचपन से लेकर जवानी व बुढ़ापे तक के कुछ खास लोग आते है।
दुनिया में एक इंसान अपने परिवार के बाद सबसे पहले जिससे मिलता है व जिसके साथ अपनी सभी बातें साझा करता है, वही उसका मित्र होता है।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहना पसंद करता है। इसलिए, मनुष्य अपने लिए मित्र बनाता है, जिससे वह अपनी सभी बातें साझा कर सके।
जिसके साथ वह घूम सके और जिसके साथ वह सभी काम कर सके। एक अच्छे मित्र में बहुत से गुण होने चाहिए, जैसे कि वह अपनी मित्रता में ईमानदार होना चाहिए।
वह आपको आपके बारे में हमेशा सच बताए, कभी आपको झूठ न बोले। आपकी झूठी प्रसंशा न करें।
आपके गलत होने पर आपके सामने आपकी गलती बताए और उसके साथ-साथ आपको यह भी बताए कि आप अपनी गलती को कैसे सुधार सकते है?
कभी भी आपके पीछे आपकी बुराई न करें और आपके सामने आपको समझाए। वह खुद भी कभी गलत काम न करें और यदि आप गलत संगत या गलत कामों में लीन हो रहे है तो आपको भी समझाए।
एक सच्चा मित्र आपको हमेशा अच्छे कामों के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा। हमेशा आपको आगे बढ़ने के लिए रास्ता बताएगा और सफलता मिलने तक आपके साथ रहेगा, चाहे कितने ही उतार-चढ़ाव क्यों न आए।
वह आपका साथ हमेशा देगा। यदि कहीं आप असफल हो जाए तो आपको वापस मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। आपकी सफलता पर वह दिल से बहुत खुश होगा।
आज के समय में एक अच्छा मित्र मिल पाना बहुत मुश्किल है। आज कईं लोग मित्रता सिर्फ अपने फायदे के लिए करते है। जैसे ही उनका फायदा पूरा हो जाता है, वैसे ही उसे धोखा देकर चले जाते है।
इसलिए अपने दोस्तों को बड़ी सावधानी से चुनना चाहिए। क्योंकि, एक इंसान अपने सभी राज अपने खास मित्र को तो जरूर बताता है।
यदि मित्र सच्चा हुआ तो वह उसकी बातों को सिर्फ अपने तक ही रखता है और उसकी उचित मदद भी करता है।
लेकिन, वहीं यदि एक गलत दोस्त होगा, तो वह अपने दोस्त के राज को पूरी दुनिया के सामने खोल देगा और समय आने पर उसका फायदा उठाने से भी नहीं चुकेगा।
इसलिए अच्छे लोगों को ही दोस्त बनाए। एक दोस्त अगर सच्चा हो, तो एक मनुष्य का जीवन बहुत ही आनंदमय हो जाता है। उसकी सभी परेशानियों में उसका दोस्त उसके साथ रहता है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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