विश्व विरासत दिवस पर भाषण

विश्व विरासत दिवस पर भाषण : Speech on World Heritage Day in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विश्व विरासत दिवस पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप विश्व विरासत दिवस पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
विश्व विरासत दिवस पर भाषण : Speech on World Heritage Day in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार। मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान दिया।
प्रत्येक देश अपनी संस्कृति, कला, साहित्य व अपने स्मारकों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। ये सभी चीज़ें किसी भी देश के इतिहास, उसकी प्राचीनता व उसके बारे में बहुत कुछ जानकारी प्रदर्शित करती है।
इन सभी चीज़ों में से इमारतें ऐसी चीज़ें है, जो अपने अंदर बहुत कुछ समेटकर रख सकती है। ये अपने अंदर उस देश की कला, संगीत, शैली व संस्कृति को समेटे हुई है।
भारत बहुत ही विशाल व बहुत प्राचीन देश है। इस देश का इतिहास इसके क्षेत्रफल से भी अधिक विशाल है। भारत की संस्कृति व इसकी विरासतें बहुत ही प्राचीन है।
भारत में दुनिया का 7वां अजूबा ताजमहल भी स्थित है। यहां दिल्ली में लाल किले से लेकर कुतुबमीनार जैसी इमारतें मौजूद है।
राजस्थान में आमेर, चित्तौरगढ़, मेहरानगढ़, नाहरगढ़, जयगढ व हवामहल जैसे अनगिनत किले मौजूद है। वहीं दक्षिण में कोंढाना जैसे किले विद्यमान है। भारत में ऐसे ही अनगिनत किले मौजूद है।
भारत का इतिहास बहुत ही विशाल है। ये सभी किले अपने अंदर इस इतिहास को समाए हुए है। भारत के सभी किले व इमारतें बहुत ही सुंदर है। इनकी शैली व बनावट बहुत ही अधिक दर्शनीय है।
कईं किलों को बहुत ही अलग तरीके से बनाया गया था। कईं किलों को बहुत अधिक ऊंचाई पर बनाया गया था।
आज भी लोग इन किलों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते है कि इन्हें उस समय बिना किसी तकनीकी सहायता के कैसे बनाया गया होगा?
आज भी बहुत से वैज्ञानिक इसकी खोज में लगे हुए है। किलों को हमेशा से ही युद्ध व सुरक्षा के लिए तैयार किया जाता था। इनके अंदर उस समय के मुताबिक सभी सुविधाएं होती थी।
इन्हें हमेशा युद्ध लड़ने के लिए तैयार रखा जाता था। इनमें छिपने के लिए सुरंगे व छुपे रास्ते होते थे, जो जरूरत के समय काम आते थे।
ऐसे गुप्त रास्ते आज भी कईं किलों में मौजूद है और कहानियों के मुताबिक बहुत से किलों में इन रास्तों की खोज आज तक भी नही हुई है।
इन किलों ने बहुत से राजा-महाराजाओं की वीरता को देखा है। इन्होंने बहुत से युद्धों को अपने सामने होते हुए देखा है।
इन किलों को प्राप्त करने के लिए कईं राजाओं ने अनगिनत युद्ध लड़े। कईं राजाओं ने इन्हें जीता, तो कईं राजा इन्हें हार गए।
इन किलों ने भारत की संस्कृति व विरासत को आज भी जिंदा रखा है। इन किलों में उस समय के मुताबिक चित्र शैली भी रखी जाती थी, जो आज भी उसी प्रकार बनी हुई है।
आज भी साहित्य व चित्र शैली से जुड़े लोग इसे देखने जरूर आते है और तारीफ किये बिना रह नहीं पाते है।
वर्तमान समय में ये किलें व इमारतें लगातार खराब हो रहे है। कुछ विरासतें समय की वजह से तो कुछ सही रखरखाव न करने की वजह से, कुछ प्रकृति की वजह से लगातार नष्ट हो रहे है।
इनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है। क्योंकि, हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारा इतिहास पता हो, इसके लिए ये विरासतें बहुत जरूरी है।
भारत की संस्कृति हमेशा जीवित रहे, इसलिए इनका रखरखाव बहुत जरूरी है। इसीलिए, प्रतिवर्ष 18 अप्रैल के दिन सम्पूर्ण विश्व में विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है।
इस दिन सभी विरासतों की देखभाल करने व उन्हें बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते है व इन पर चर्चा की जाती है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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