जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

Jativachak Sangya Ki Paribhasha in Hindi

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा : Jativachak Sangya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा : Jativachak Sangya in Hindi

किसी व्यक्ति, वस्तु व स्थान विशेष की सम्पूर्ण जाति अथवा वर्ग का बोध कराने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते है। जातिवाचक संज्ञा के शब्द कभी भी किसी एक व्यक्ति, एक वस्तु व एक स्थान का बोध नही कराते है, बल्कि सम्पूर्ण जाति व वर्ग का बोध कराते है।

जैसे:-

व्यक्तिवस्तुस्थान
लड़कामशीनगाँव
लड़कीसाइकिलशहर
पुरुषमोबाइलपहाड़
स्त्रीटेलीविजननदी
जानवरपुस्तकघर
पशुमेजविद्यालय
पक्षीप्यालादफ्तर

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

गाय:- ‘गाय’ शब्द से पहाड़ी, हरियाणवी, जर्सी, काली, सफ़ेद, देशी, विदेशी, आदि सभी गायों का बोध होता है। इसलिए गाय शब्द जातिवाचक संज्ञा है, क्योंकि गाय ‘पशुओं’ की एक जाति है।

लड़का:- ‘लड़का’ शब्द से सभी प्रकार व सभी स्थान के लड़कों का बोध होता है। इसलिए लड़का शब्द जातिवाचक संज्ञा है, क्योंकि लड़का सभी नामों वाले लड़कों की जाति है।

उदाहरण के तौर पर:- राम, श्याम, अजय, विजय, मोहन, श्याम, सुरेश, केविन, माइक, आदि। मानव जाति में ‘लड़का’ एक ख़ास अवस्था वाली जाति होती है।

नदी:- ‘नदी’ शब्द से गंगा, यमुना, सरयू, कोसी, अमेज़न, आदि सभी नदियों का बोध होता है। इसलिए नदी शब्द जातिवाचक संज्ञा है, क्योंकि, क्योंकि नदी जलस्रोतों की एक जाति है। नदी शब्द से हमें किसी विशेष नदी का बोध न होकर सभी नदियों बोध हो रहा है।

पहाड़:- ‘पहाड़’ शब्द से अरावली, विंध्याचल, नीलगिरी, हिमालय, कंचनजंघा, आदि सभी पहाड़ों का बोध होता है। इसलिए, पहाड़ शब्द जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि, पहाड़ शब्द से किसी एक विशेष पहाड़ का बोध न होकर विश्व के सभी पहाड़ों का बोध हो रहा है।

शहर:- ‘शहर’ शब्द एक स्थानसूचक जातिवाचक संज्ञा है। इसके अंतर्गत विश्व के सभी शहर ‘दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी, पटना, कानपूर, लखनऊ, आदि आते है।

जातिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण

जातिवाचक संज्ञा के कुछ अन्य उदाहरण निम्न प्रकार है:-

बच्चे खिलौनों से खेल रहे है।
पेड़ों पर पक्षी बैठे है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘बच्चे, खिलौनों, पेड़ व पक्षी’ शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि यें शब्द किसी विशेष बच्चे, खिलौने, पक्षी व पेड़ का बोध न करवाकर सम्पूर्ण जाति का बोध करवा रहे है।

चूहे का शिकार बिल्ली करती है।
सड़क पर दिन-रात वाहन दौड़ते है।

उपर्युक्त वाक्यों में चूहे, बिल्ली व वाहन शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि यें शब्द किसी विशेष वस्तु अथवा प्राणी का बोध न करवाकर चूहे, बिल्ली व वाहनों की सम्पूर्ण जाति का बोध करवा रहे है।

वर्तमान समय में शहरों की जनसंख्या काफी तीव्रता से बढ़ रही है।
बच्चे विद्यालय जा रहे है।

उपर्युक्त वाक्यों में शहर, बच्चे व विद्यालय शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि यें शब्द किसी विशेष स्थान का बोध न करवाकर सभी शहरों, विद्यालयों व बच्चों का बोध करवा रहे है।

मनुष्य सबसे प्राचीन प्रजातियों में से एक है।
कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है।

उपर्युक्त प्रथम वाक्य में मनुष्य व प्रजाति शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि यें शब्द किसी विशेष मनुष्य अथवा प्रजाति का बोध न करवा सम्पूर्ण मनुष्य और प्रजाति का बोध करवा रहे है।

उपर्युक्त अन्य उदाहरण में भी कुत्ता और जानवर शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि ये शब्द सभी कुत्तों और जानवरों का बोध करवा रहे है।

मुझे बिल्ली पालने का शौक है।
मुझे वाहन में सफर करना पसंद है।

उपर्युक्त वाक्यों में बिल्ली व वाहन दोनों ही शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि ये शब्द किसी एक विशेष वाहन व बिल्ली का बोध न करवाकर बिल्लियों एवं वाहनों की सम्पूर्ण प्रजाति का बोध करवा रहे है।

वर्तमान समय में नदियों में काफी अधिक प्रदूषण हो रहा है।
प्रदूषण से मनुष्यों को विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘नदियों’ एवं ‘मनुष्यों’ दोनों ही शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आते है, क्योंकि ये शब्द किसी विशेष नदी व मनुष्य का बोध न करवाकर मनुष्य व नदी की सम्पूर्ण जाति का बोध करवा रहे है।

नोट:- जातिवाचक संज्ञा हमेशा बहुवचन में होती है, एकवचन में लिखते ही यह व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाती है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा में अंतर

व्यक्तिवाचक संज्ञाजातिवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा सदैव एकवचन होती है।जातिवाचक संज्ञा सदैव बहुवचन होती है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा सदैव अर्थवान नहीं होती है।जातिवाचक संज्ञा सदैव अर्थवान होती है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा में जिसके बारे में बात हो रही है, वह एक ही होता है।जातिवाचक संज्ञा में किसी प्राणी, वस्तु व स्थान विशेष के वर्ग की बात होती है।
राम, श्याम, रामायण, सीता, राधा, लाल किला, जयपुर, मुम्बई, राजस्थान, गोवा, रमेश, आदि व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।मानव, गाय, पक्षी, कुत्ता, बिल्ली, चिकित्सक, महिलाएं, पुस्तकें, नदियां, किसान, मनुष्य, आदि जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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