सकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

सकर्मक क्रिया की परिभाषा : Sakarmak Kriya in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘सकर्मक क्रिया की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप सकर्मक क्रिया की परिभाषा से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
सकर्मक क्रिया की परिभाषा : Sakarmak Kriya in Hindi
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते है। सकर्मक क्रिया में कर्म की प्रधानता रहती है।
सकर्मक क्रिया के उदाहरण
सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम गाना गाता है। |
श्याम विद्यालय जाता है। |
सीता खाना पकाती है। |
अजय क्रिकेट खेलता है। |
सकर्मक क्रिया के भेद
सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया के भेद |
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पूर्ण सकर्मक क्रिया |
अपूर्ण सकर्मक क्रिया |
1. पूर्ण सकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया के साथ ‘कर्म’ के अतिरिक्त किसी अन्य पूरक शब्द (संज्ञा एवं विशेषण) की आवश्यकता नहीं होती है, उस क्रिया को ‘पूर्ण सकर्मक क्रिया’ कहते है।
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
पूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम ने गाना गया। |
श्याम खा रहा है। |
सीता ने कहा था। |
अजय ही सदा खेलता है। |
उपर्युक्त उदाहरणों में आप देख सकते है कि कर्म के साथ किसी भी प्रकार का पूरक शब्द इस्तेमाल नहीं किया गया है। अतः उपर्युक्त वाक्यों में ‘पूर्ण सकर्मक क्रिया’ है।
पूर्ण सकर्मक क्रिया के भेद
पूर्ण सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
पूर्ण सकर्मक क्रिया के भेद |
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एककर्मक क्रिया |
द्विकर्मक क्रिया |
१. एककर्मक क्रिया
जिस वाक्य में क्रिया के साथ एक कर्म का प्रयोग होता है, उसे ‘एककर्मक क्रिया’ कहते है।
एककर्मक क्रिया के उदाहरण
एककर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
एककर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम विद्यालय जाता है। |
सीता पुस्तक पढ़ती है। |
२. द्विकर्मक क्रिया
जिस वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म का प्रयोग होता है, उसे ‘द्विकर्मक क्रिया’ कहते है।
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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अजय ने विजय को उपहार दिया। |
राम ने श्याम को गाना सिखाया। |
2. अपूर्ण सकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया के साथ ‘कर्म’ के अलावा भी किसी न किसी पूरक शब्द (संज्ञा एवं विशेषण) की आवश्यकता बनी रहती हो, तो उस क्रिया को ‘अपूर्ण सकर्मक क्रिया’ कहते है।
मानना, समझना, चुनना एवं बनाना सदैव अपूर्ण सकर्मक क्रिया होती है। साधारण शब्दों में, अपूर्ण सकर्मक क्रिया में पूरक शब्दों के बिना कार्य का पूर्ण होना नहीं पाया जाता है।
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण निम्न प्रकार है:-
अपूर्ण सकर्मक क्रिया के उदाहरण |
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राम श्याम को बुद्धिमान समझता है। |
सीता मुझे अपनी बहन मानती है। |
हमने अजय को टीम का कप्तान बनाया। |
राकेश अपने आपको गरीब समझता है। |
सुरेश महेश को अपना मित्र समझता है। |
उपरोक्त सभी उदाहरणों में क्रमशः बुद्धिमान, बहन, कप्तान, गरीब व मित्र पूरक शब्द है। अतः इन वाक्यों में अपूर्ण सकर्मक क्रिया होगी।
सकर्मक क्रिया की पहचान
सकर्मक क्रिया की पहचान करने के लिए वाक्य में उपस्थित कर्म को खोजना है। यदि वाक्य में कर्म उपस्थित है, तो वहां पर सकर्मक क्रिया होगी।
इसके अतिरिक्त, वाक्य में क्रिया से पहले ‘क्या’ लगाकर पढ़ना चाहिए। यदि आपको वाक्य में उपस्थित कर्म के रूप में कोई सार्थक उत्तर प्राप्त होता है, तो वाक्य में सकर्मक क्रिया होगी।
जैसे:- राम गाना गा रहा है। इस वाक्य में क्रिया ‘गा रहा है‘ से पहले ‘क्या‘ लगाकर वाक्य को पढ़ें:- राम क्या गा रहा है? इस प्रश्न का उत्तर होगा कि:- ‘गाना’ गा रहा है। अतः इस वाक्य में ‘गा रहा है‘ सकर्मक क्रिया है।
सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर
सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर निम्न प्रकार है:-
सकर्मक क्रिया | अकर्मक क्रिया |
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सकर्मक क्रिया में कर्ता, क्रिया और कर्म होते है। | अकर्मक क्रिया में कर्ता और क्रिया तो होते है, लेकिन कर्म नहीं होता है। |
सकर्मक क्रिया में कर्ता द्वारा किये गए कार्य का प्रभाव अन्य वस्तुओं पर पड़ता है। | अकर्मक क्रिया में कर्ता द्वारा किये गए कार्य से किसी अन्य वस्तु पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। |
उदाहरण:- राम गाना गाता है। बच्चे क्रिकेट खेलते है। | उदाहरण:- बच्चे रोते है। सीता हंसती है। |
सकर्मक क्रिया से सम्बंधित कुछ प्रश्न
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सकर्मक क्रिया की परिभाषा क्या है?
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रभाव एवं फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है अर्थात वाक्य में कर्म का प्रयोग होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते है। सकर्मक क्रिया में कर्म की प्रधानता रहती है।
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सकर्मक क्रिया के कितने भेद है?
सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
1. पूर्ण सकर्मक क्रिया
2. अपूर्ण सकर्मक क्रिया -
पूर्ण सकर्मक क्रिया के कितने भेद है?
पूर्ण सकर्मक क्रिया के कुल 2 भेद है, जो कि निम्न प्रकार है:-
1. एककर्मक क्रिया
2. द्विकर्मक क्रिया -
सकर्मक क्रिया कब अकर्मक क्रिया में परिवर्तित हो जाती है?
सकर्मक क्रिया तब अकर्मक क्रिया में परिवर्तित हो जाती है, जब उसमें कर्म का प्रयोग न हुआ हो। किसी सकर्मक क्रिया से यदि ‘कर्म’ हटा दिया जाए, तो वह अकर्मक क्रिया बन जाती है।
जैसे:- राम विद्यालय जा रहा है। इस वाक्य में सकर्मक क्रिया है। यदि इस वाक्य में प्रयुक्त कर्म पद ‘विद्यालय’ हटा दिया जाए, तो वाक्य कुछ इस प्रकार होगा:- राम जा रहा है, जो कि अकर्मक क्रिया है।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।